5 साल में 703 फीसदी चढ़ा PSU Bank इंडेक्स, स्टॉक्स ने 12 गुना तक दिया रिटर्न, क्या आगे भी बनेगा मल्टीबैगर?

PSU Bank Index COVID-19 के 1,078.45 लो से 8,665.05 हाई तक 703% उछला है. इंडियन बैंक, केनरा बैंक और SBI जैसे दिग्गजों की मजबूत ग्रोथ, घटते NPA, बेहतर क्रेडिट ग्रोथ और आकर्षक वैल्यूएशन ने सेक्टर को वेल्थ मल्टीप्लायर बनाया है.

बैंकिंग स्‍टॉक्‍स को फायदा Image Credit: money9 live

पब्लिक सेक्टर बैंक स्टॉक्स जोरदार तेजी पर हैं. बुधवार 26 नवंबर को Nifty PSU Bank Index 2% उछलकर 8,665.70 के नए लाइफटाइम हाई पर पहुंच गया. इंडेक्स का एक साल का रिटर्न 25% रहा है, जो Nifty 50 के 8% रिटर्न से कई गुना अधिक है. एक साल में इंडियन बैंक ने 59% की मजबूत छलांग लगाई है, जबकि केनरा बैंक 48% ऊपर है. देश के सबसे बड़े बैंक SBI का शेयर भी 18% चढ़कर 1,000 रु. के करीब पहुंच गया है.

COVID लो से 8 गुना उछाल

PSU Bank Index ने सिर्फ सालाना नहीं बल्कि लंबी अवधि में भी जबरदस्त वैल्थ बनाई है. कोविड-19 लो 1,078 से यह इंडेक्स 703% यानी आठ गुना चढ़ चुका है. एनालिस्ट्स के मुताबिक PSU बैंकों की यह आउटपरफॉर्मेंस उनकी बेहतर होती फंडामेंटल्स का नतीजा है.

कैटेगरीतारीखप्राइसबदलाव (%)
सबसे निचला स्तर19-05-20201,087.20-2.59%
सबसे ऊंचा स्तर19-11-20258,576.40+1.16%
सबसे बड़ा सिंगल-डे गेन25-03-20201,489.70+10.74%
सबसे बड़ा सिंगल-डे लॉस04-06-20246,794.25-15.14%

क्या बना सबसे बड़ा ट्रिगर?

FY18 में 14% से ऊपर रहे सरकारी बैंकों का ग्रॉस NPA अब करीब 4% पर आ गया हैं. नेट NPA पहली बार दशकों बाद 1% से नीचे हैं. क्रेडिट ग्रोथ जो कोविड से पहले 5-6% रहती थी, अब लगातार डबल डिजिट में है, खासकर रिटेल और SME सेगमेंट में. कवरेज रेश्यो सुधरे हैं, कैपिटल बफर मजबूत हुए हैं और पुराने कॉरपोरेट NPA के ज्यादातर केस या तो रिजॉल्व हुए या राइट-बैक. नतीजतन, कई बड़े PSU बैंकों की ROE अब 14–16% की रेंज में पहुंच चुकी है, जो कभी लगभग असंभव मानी जाती थी.

EPS में 30 गुना उछाल

Nifty PSU बैंक इंडेक्स का EPS पिछले कुछ सालों में 30 गुना तक चढ़ चुका है. इसलिए इंडेक्स का 8 गुना रिटर्न असामान्य नहीं है. Angel One के एनालिस्टों का कहना है कि PSU बैंक अब भी प्राइवेट बैंकों की तुलना में कम वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं, जिससे अपसाइड पोटेंशियल बचा हुआ है. फिलहाल PSU Bank Index का P/E 8.8 है, जबकि प्राइवेट बैंक इंडेक्स 20.2 पर है. डबल-डिजिट ग्रोथ और मिड-टींस ROE के बावजूद पीयर्स से करीब 50% डिस्काउंट दिखाता है कि मार्केट अब भी इन बैंकों को उनकी रियल वैल्यू से नीचे प्राइस कर रहा है.

क्या आगे भी जारी रहेगा PSU बैंकों का रैली मोड?

एनालिस्टों का मानना है कि आने वाले 3–5 साल में PSU बैंकों की ग्रोथ दर मिड-टींस तक पहुंच सकती है. ऐसे में कमाई की रफ्तार और तेज होगी और वैल्यूएशन री-रेटिंग की गुंजाइश भी बनेगी. हालांकि, एनालिस्टों का मानना है कि रैली अब सिलेक्टिव हो सकती है. सेक्टर के भीतर स्ट्रांग बैलेंस शीट और कंसिस्टेंट रिटर्न देने वाले बैंक ही आगे लीड करेंगे. वहीं, Axis सिक्योरिटीज के मुताबिक अगले कुछ क्वार्टर्स में प्राइवेट बड़े बैंक मार्जिन सुधार में बढ़त बना सकते हैं. इनके मुताबिक SBI सेक्टर की टॉप पिक बनी हुई है.

कौन सी थीम दिखेगी आगे?

मजबूत क्रेडिट डिमांड, कम NPA और ऊंचा कवरेज इसके अलावा लगातार सुधरता ROE-ROA मिलकर सरकारी बैंकों के स्टॉक्स को वैल्यूएशन के लिहाज से आकर्षक बनाते हैं. लेकिन, हर PSU बैंक में समान गति की रैली अब संभव नहीं मानी जा रही.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.