डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फ्रॉड से निपटने के लिए सेबी ने कसी कमर, जारी की नई गाइडलाइंस, जानें- जरूरी बातें
SEBI New Guidelines: सेबी का उद्देश्य ट्रांसपेरेंसी बढ़ाना और सिक्योरिटीज मार्केट में की सुरक्षा करने के साथ-साथ निवेशकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ी से बचाना है. यह पहल निवेशकों के लिए सुरक्षित और निष्पक्ष माहौल बनाने की सेबी की व्यापक रणनीति का हिस्सा है.
SEBI New Guidelines: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने कड़े गाइडलाइंस जारी किए हैं, जिसके तहत रजिस्टर्ड इंटरमीडियरीज (बिचौलियों) को गूगल और मेटा जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देने से पहले अपनी पहचान वेरिफाई करनी होगी. इस पहल से सेबी का उद्देश्य ट्रांसपेरेंसी बढ़ाना और सिक्योरिटीज मार्केट में की सुरक्षा करने के साथ-साथ निवेशकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ी से बचाना है. सेबी का यह फैसला यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ी की गतिविधियों में हुई बढ़ोतरी के बाद आया है.
निवेशकों को शिकार बनाते हैं घोटालेबाज
इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल घोटालेबाजों द्वारा रिस्क फ्री रिटर्न, भ्रामक विज्ञापन और नकली ट्रेडिंग कोर्स के झूठे वादों के साथ बेखबर निवेशकों को लुभाने के लिए किया जाता रहा है. नए नियमों के अनुसार, सभी सेबी-रजिस्टर्ड बिचौलियों को कॉन्टैक्ट डिटेल्स का इस्तेमाल करके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड करना होगा. इसमें ईमेल एड्रेस और मोबाइल नंबर शामिल हैं, जो पहले से ही सेबी के SI पोर्टल पर दर्ज हैं. ये प्लेटफॉर्म बिचौलियों को विज्ञापन प्रकाशित करने की अनुमति देने से पहले उनकी साख को वेरिफाई करेंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल वैध संस्थाएं ही अपनी सर्विस का प्रचार कर सकेंगी.
गाइडलाइंस की डेडलाइन
इस बदलाव को आसान बनाने के लिए सेबी ने 30 अप्रैल 2025 तक कंप्लायंस की डेडलाइन तय की है. सभी इंटरमीडियरीज को इस तारीख तक सेबी SI पोर्टल पर अपने कॉन्टैक्ट डिटेल्स अपडेट करने होंगे. इस नियम का पालन नहीं करने पर विज्ञापन गतिविधियों पर प्रतिबंध लग सकता है.
भ्रामक विज्ञापनों पर अंकुश लगाने की कोशिश
यह पहल निवेशकों के लिए सुरक्षित और निष्पक्ष माहौल बनाने की सेबी की व्यापक रणनीति का हिस्सा है. डिजिटल प्लेटफॉर्म संभावित निवेशकों तक पहुंचने का एक प्रमुख जरिया बन गए हैं. इसलिए भ्रामक विज्ञापनों पर अंकुश लगाने के लिए नियामक के प्रयास महत्वपूर्ण हैं. इन प्लेटफॉर्म पर बारीकी से नजर रखकर और सोशल मीडिया दिग्गजों के साथ सहयोग करके, सेबी का लक्ष्य भ्रामक मार्केटिंग रणनीतियों को रोकना है, जिससे निवेशकों को वित्तीय नुकसान से बचाया जा सके.
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