सेबी दिया ‘बाप ऑफ चार्ट्स’ के मालिक से 17.90 करोड़ वसूलने का आदेश, निवेशकों को धोखा देने के खिलाफ एक्शन

सेबी ने 2023 में अंसारी और उनकी फर्म पर कार्रवाई शुरू की थी, जब उन्हें सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रेडिंग करने से बैन कर दिया गया था. 22 अगस्त 2025 को एक रिकवरी ऑफिसर ने बैंकों को निर्देश दिया था कि वे डिफॉल्टरों के बैंक खातों में मौजूद रकम सेबी को भेज दें.

फिनफ्लुएंसर मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी से होगी वसूली. Image Credit: Getty image

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने ‘बाप ऑफ चार्ट्स’ (BoC) के मालिक फिनफ्लुएंसर मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी और उनकी कंपनी गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स के खिलाफ क्रमशः 21 लाख रुपये और 17.90 करोड़ रुपये का बकाया न चुकाने पर रिकवरी की कार्यवाही शुरू कर दी है. जैसा कि 15 दिसंबर के एक आदेश में बताया गया है. रेगुलेटर ने राहुल राव पदामती से 2.13 लाख रुपये का बकाया वसूलने के लिए भी कार्यवाही शुरू कर दी है.

कब शुरू हुई थी कार्रवाई?

सेबी ने 2023 में अंसारी और उनकी फर्म पर कार्रवाई शुरू की थी, जब उन्हें सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रेडिंग करने से बैन कर दिया गया था. अंसारी और उनकी टीम को 2.5 साल में सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रेडिंग में 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जिसे उन्होंने अपने क्लाइंट्स से छिपाया था.

सेबी ने 2023 में पाया कि ‘बाप ऑफ चार्ट्स’ नाम से नासिर अंसारी सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़ी एजुकेशनल ट्रेनिंग देने के नाम पर निवेशकों को धोखा दे रहा था और उन्हें गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहा था. वह सोशल मीडिया के जरिए बिना किसी सेबी रजिस्ट्रेशन के इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी सर्विस दे रहा था. इस तरह वह सेबी रेगुलेशन 2013 के नियमों का उल्लंघन कर रहा था.

22 अगस्त 2025 को एक रिकवरी ऑफिसर ने बैंकों को निर्देश दिया था कि वे डिफॉल्टरों के बैंक खातों में मौजूद रकम सेबी को भेज दें. म्यूचुअल फंड्स को भी निर्देश दिया गया है कि वे डिफॉल्टरों के नाम पर रखे गए म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स को रिडीम करें और वह रकम सेबी को भेज दें.

संपत्ति की बिक्री की अनुमति नहीं है

सेबी के 15 दिसंबर के ताजा निर्देश में यह भी कहा गया है कि यह देखते हुए कि डिफॉल्टरों के बैंक खातों से मिलने वाली रकम पर्याप्त नहीं है, इसलिए डिफॉल्टरों को उनकी सभी अचल संपत्तियों और चल संपत्तियों को बेचने, ट्रांसफर करने, अलग करने या गिरवी रखने से रोकना जरूरी है. आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी लोगों को डिफॉल्टरों की संपत्तियों के संबंध में ऐसे निपटान, ट्रांसफर, अलगाव या गिरवी रखने से कोई भी लाभ लेने से रोका गया है, जो अटैच की जाएंगी.

अवधूत साठे खिलाफ 546 करोड़ जब्त करने का आदेश

लेटेस्ट आदेश में यह भी कहा गया है कि डिफॉल्टरों को दो हफ्ते के अंदर अपनी सभी चल और अचल संपत्तियों का पूरा ब्यौरा, साथ ही अचल संपत्तियों से संबंधित मूल टाइटल डीड भी देने का निर्देश दिया गया है. खास बात यह है कि सेबी ने हाल ही में अवधूत साठे के खिलाफ 546 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जब्त करने का एक और आदेश पारित किया है.

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