औंधे मुंह गिरा शेयर बाजार, एक दिन में 9 लाख करोड़ रुपए हुए स्वाहा, ये रही तबाही की वजह
जोरदार बिकवाली के चलते बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 में एक-एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. वहीं बीएसई बीएसई सेंसेक्स 930.55 अंक या 1.15 प्रतिशत गिरकर 80,220.72 पर बंद हुआ. इसी तरह, एनएसई निफ्टी 50 भी 309 अंक या 1.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,472.10 पर बंद हुआ.

भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार का दिन भूचाल लेकर आया. जोरदार बिकवाली के चलते बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 में एक-एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई. वहीं बीएसई में लिस्टेड फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र के लगभग 453.7 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 444.7 लाख करोड़ रुपये हो गया. इससे निवेशकों के एक ही दिन में लगभग 9 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए. सबसे ज्यादा नुकसान मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट को हुआ. इनमें करीब 4 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली.
बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स, बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी 50 मंगलवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान पर बंद हुए. इनमें 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. बीएसई सेंसेक्स 930.55 अंक या 1.15 प्रतिशत गिरकर 80,220.72 पर बंद हुआ. इसी तरह, एनएसई निफ्टी 50 भी 309 अंक या 1.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,472.10 पर बंद हुआ. डी-स्ट्रीट पर मंदड़ियों का बोलबाला रहा, क्योंकि निफ्टी 50 के 50 में से 47 शेयर लाल निशान पर बंद हुए. घरेलू बाजार में मंदी का सबसे ज्यादा असर वित्तीय, तेल एवं गैस तथा ऑटो शेयरों पर पड़ा है.
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ये शेयर लुढ़के
मार्केट के धराशायी होने पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अडानी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयर लुढ़क गए. इनका नुकसान करीब 3.79 प्रतिशत तक बढ़ा. हालांकि गिरते हुए मार्केट के बीच आईसीआईसीआई बैंक, नेस्ले इंडिया और इंफोसिस को फायदा हुआ, ये करीब 0.74 प्रतिशत तक के मुनाफे में रहें.
सेक्टरवार देखें किसे हुआ ज्यादा नुकसान
मार्केट गिरने से स्मॉलकैप शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, क्योंकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 3.92 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ. निफ्टी मिडकैप 100 भी 2.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुआ. क्षेत्रीय सूचकांकों में, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जो 4.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ. इसके बाद रियल्टी और मेटल इंडेक्स रहें, जो क्रमशः 3.08 प्रतिशत और 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए. वहीं ऑटो, मीडिया, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और चुनिंदा हेल्थकेयर इंडेक्स में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई.
शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजह
विशेषज्ञों का कहना है कि भू-राजनीतिक तनाव में वृद्धि, 2024 के अमेरिकी चुनाव को लेकर अनिश्चितता और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ओर से लगातार बिकवाली ने भारतीय शेयर बाजार के सेंटीमेंट्स को प्रभावित किया है. इसके अलावा सितंबर तिमाही की निराशाजनक आय और भारतीय शेयर बाजार का बढ़ा हुआ मूल्यांकन भी बाजार की गिरावट की वजह रहा.
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