Jindal Saw और Maharashtra Seamless पर बिडिंग में धोखाधड़ी का आरोप, छापेमारी के बाद शेयर शेयर ने लगाया गोता
भारत की प्रतिस्पर्धा नियामक संस्था (सीसीआई) ने स्टील पाइप निर्माता कंपनियों जिंदल सॉ और महाराष्ट्र सीमलेस पर बोली में धांधली के आरोप में छापेमारी की. यह कार्रवाई सोमवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों में हुई. छापेमारी खत्म हो चुकी है. इसके बाद दोनों कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जो पिछले सप्ताह भी लाल निशान में थे.
CCI Raid Jindal SAW & Maharashtra Seamless: भारत की प्रतिस्पर्धा नियामक संस्था (Competition Commission of India) ने स्टील पाइप बनाने वाली दो बड़ी कंपनियों, Jindal SAW और Maharashtra Seamless, पर बोली में धांधली के आरोप में छापेमारी की है. यह कार्रवाई सोमवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों में इन कंपनियों के दफ्तरों पर की गई. ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, छापेमारी अब खत्म हो चुकी है. रेड के बाद दोनों कंपनियों के शेयर में भी गिरावट देखने को मिली. हालांकि पिछले सप्ताह में भी इन कंपनियों के शेयर लाल निशान में ही दिखे थे.
सीसीआई की कार्रवाई
सीसीआई के अधिकारियों ने सोमवार को जिंदल सॉ और महाराष्ट्र सीमलेस के दफ्तरों पर अचानक छापेमारी की. इस दौरान उन्होंने दस्तावेजों की जांच की और वहां मौजूद अधिकारियों से पूछताछ की. सीसीआई के नियमों के अनुसार, इस तरह की कार्रवाइयों को गोपनीय रखा जाता है. फिलहाल सीसीआई और दोनों कंपनियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
1% से अधिक Jindal SAW टूटे शेयर
मंगलवार को बाजार खुलने के बाद Jindal SAW को शेयर में गिरावट दर्ज की गई. इसके शेयर में 1.35 फीसदी की गिरावट आई. मौजूदा वक्त में 208.71 रुपये पर कारोबार कर रहा है. पिछले 6 महीने में -54.06%, 1 साल में -147% की गिरावट आई है. वहीं पिछले 3 तीन साल में 164.73 फीसदी और 5 साल में 175 फीसदी का रिटर्न मिला है.
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Maharashtra Seamless के शेयरों में भी गिरावट
16 सितंबर को बाजार खुलने के बाद Maharashtra Seamless के शेयरों ने भी गोता लगाया है. इसमें 1.33 फीसदी की गिरावट देखी गई है. पिछले 6 महीने में -37.95 फीसदी, 1 साल में -46.95 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं पिछले 3 साल में 209.55 फीसदी और 5 साल में 513 फीसदी का रिटर्न मिला है.
ONGC की शिकायत से शुरू हुआ मामला
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मामला 2023 में सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) की शिकायत के बाद शुरू हुआ. ओएनजीसी ने आरोप लगाया था कि इन स्टील पाइप कंपनियों ने कुछ टेंडर में बोली के दौरान गलत तरीके अपनाए. इस शिकायत के आधार पर सीसीआई ने जांच शुरू की, और अब यह मामला कई महीनों तक चल सकता है.