अब धरती से नहीं, लैब से निकलेगा हीरा… Titan की एंट्री से चमका लैब-ग्रोन डायमंड बाजार, इन शेयरों पर रखें नजर
दुनिया भर में लैब-ग्रोन डायमंड बाजार करीब 15 अरब डॉलर का है. भारत में इसकी खपत हर साल 15 से 20 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. Titan Company Limited देश की सबसे बड़ी ऑर्गनाइज्ड ज्वेलरी कंपनी है. तनिष्क और जोया जैसे ब्रांड इसके पास हैं. अब टाइटन ने ‘beYon’ ब्रांड के जरिए लैब-ग्रोन डायमंड में कदम रखा है.
Lab-grown diamond stocks: भारत के ज्वेलरी बाजार में एक नई कहानी लिखी जा रही है. यह कहानी है ऐसे हीरों की, जो जमीन के नीचे अरबों साल में नहीं, बल्कि लैब में कुछ ही महीनों में तैयार होते हैं. इन्हें कहा जाता है लैब-ग्रोन डायमंड. अब तक यह सेगमेंट सीमित ग्राहकों तक था, लेकिन अब हालात तेजी से बदल रहे हैं. वजह है देश की सबसे भरोसेमंद ज्वेलरी कंपनियों में से एक Titan Company Limited की इस सेगमेंट में एंट्री.
टाइटन ने अपने नए ब्रांड ‘beYon’ के साथ लैब-ग्रोन डायमंड ज्वेलरी की शुरुआत कर दी है. 29 दिसंबर को मुंबई में इसका पहला एक्सक्लूसिव स्टोर खुलेगा. सस्ती कीमत, पर्यावरण के अनुकूल विकल्प और युवाओं की बदलती पसंद, इन तीन वजहों से लैब-ग्रोन डायमंड अब मेनस्ट्रीम बनने की ओर बढ़ रहे हैं. टाइटन की एंट्री के बाद निवेशकों और बाजार की नजर इस पूरे सेक्टर पर टिक गई है.
लैब-ग्रोन डायमंड क्या होते हैं
लैब-ग्रोन डायमंड दो तरीकों से बनाए जाते हैं. पहला तरीका है हाई प्रेशर हाई टेंपरेचर यानी HPHT. इसमें फैक्ट्री में धरती जैसे हालात बनाए जाते हैं. दूसरा तरीका है CVD यानी केमिकल वेपर डिपॉजिशन. इसमें गैस के जरिए डायमंड क्रिस्टल तैयार किए जाते हैं. नेचुरल हीरे धरती के अंदर 1 से 3 अरब साल में बनते हैं. वहीं लैब-ग्रोन हीरे कुछ दिनों या महीनों में तैयार हो जाते हैं. केमिकल रूप से ये भी शुद्ध कार्बन होते हैं. चमक, मजबूती और खूबसूरती में कोई फर्क नहीं होता. फर्क सिर्फ कीमत और तरीके का है. लैब-ग्रोन डायमंड 30 से 50 फीसदी तक सस्ते होते हैं और इनमें माइनिंग नहीं होती.
भारत में बाजार तेजी से बढ़ रहा है
दुनिया भर में लैब-ग्रोन डायमंड बाजार करीब 15 अरब डॉलर का है. भारत में इसकी खपत हर साल 15 से 20 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. IBEF की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में यह बाजार FY25 में करीब 3,452 करोड़ रुपये का है. FY28 तक इसके 5,179 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. कम कीमत और एथिकल अपील के कारण युवा और शहरी ग्राहक इसे तेजी से अपना रहे हैं.
| Company | Brand name | Market cap | YTD return | 3Y return |
|---|---|---|---|---|
| Titan | beYon | ₹3.54 lakh crore | ▲20.72% | +53.6% |
| Trent | Pome | ₹1.51 lakh crore | ▼39.82% | +215% |
| Senco Gold | Sennes | ₹5,204 crore | ▼43.6% | – |
| Goldiam International | ORIGEM | ₹3,983 crore | ▼7.5% | +144.2% |
| Sky Gold & Diamonds | ₹5,092 crore | ▼16.1% | – | |
| International Gemmological Institute (IGI) | ₹14,552 crore | ▼43.3% | – | |
| Dev Labtech Venture (SME) | DLV Jewelery | ₹93 crore | ▲5.15% |
टाइटन कंपनी की बड़ी चाल
Titan Company Limited देश की सबसे बड़ी ऑर्गनाइज्ड ज्वेलरी कंपनी है. तनिष्क और जोया जैसे ब्रांड इसके पास हैं. अब टाइटन ने ‘beYon’ ब्रांड के जरिए लैब-ग्रोन डायमंड में कदम रखा है. यह ब्रांड फैशन ज्वेलरी पर फोकस करेगा. यानी प्रीमियम नेचुरल डायमंड से अलग पहचान बनाई जाएगी. कंपनी अपने बड़े रिटेल नेटवर्क के जरिए तेजी से विस्तार करना चाहती है.
ट्रेंट का फैशन फोकस
टाटा ग्रुप की ही कंपनी Trent Limited ने 2024 में ‘Pome’ ब्रांड के साथ इस सेगमेंट में एंट्री ली थी. यह ब्रांड वेस्टसाइड स्टोर्स में पेश किया गया. कंपनी इसे फाइन ज्वेलरी नहीं, बल्कि फैशन एक्सेसरी के तौर पर बेच रही है. इसका मकसद युवा ग्राहकों को आकर्षित करना है. Senco Gold Limited ने अपने लग्जरी ब्रांड ‘Sennes’ के तहत लैब-ग्रोन डायमंड शुरू किए हैं. फिलहाल इसके आठ एक्सक्लूसिव स्टोर हैं. कंपनी 2025 से देशभर में विस्तार की योजना बना रही है. शेयर ने इस साल गिरावट जरूर देखी है, लेकिन लंबी अवधि की कहानी अब भी मजबूत मानी जा रही है.
सप्लाई चेन में देव लैबटेक
Dev Labtech Venture Limited लैब-ग्रोन और नेचुरल दोनों तरह के डायमंड बनाती है. कंपनी ने गुजरात में 102 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है. इसका फोकस इको-फ्रेंडली डायमंड और इंडस्ट्रियल इस्तेमाल पर है. भारत में लैब-ग्रोन डायमंड अब निच से निकलकर मेनस्ट्रीम की ओर बढ़ रहे हैं. टाइटन जैसे बड़े नाम की एंट्री से इस सेगमेंट को भरोसा मिला है. ब्रांड, स्केल और डिस्ट्रीब्यूशन आने वाले समय में सबसे बड़ा फर्क पैदा करेंगे. यही वजह है कि इस सेक्टर से जुड़े शेयरों पर बाजार की नजर बनी हुई है.
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