डिविडेंड देने में सबकी ‘बाप’ हैं ये 4 कंपनियां, 5 साल में करा दी 10-15 बार फ्री कमाई, मार्केट का झटका भी बेअसर
अगर आपको शेयर बाजार की उठापटक से डर लगता है और आप चाहते हैं हर साल एक तय आमदनी, तो इस खबर में आपके लिए कुछ बेहद खास है. हम बता रहे हैं उन कंपनियों के बारे में जो हर साल निवेशकों की जेब भरती हैं. पूरी जानकारी जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट.

Best Dividend Stocks: पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार में कुछ भी स्थिर नहीं रहा है. कभी तेजी की उम्मीद ने दिल बहलाया, तो कभी गिरावट की दहशत ने होश उड़ा दिए. ऐसे हालात में जो निवेशक सिर्फ शेयरों की कीमत बढ़ने की उम्मीद में बैठे थे, उनके लिए यह वक्त बेहद मुश्किल रहा. लेकिन वहीं कुछ समझदार निवेशकों ने बाजार की चाल को समझते हुए निवेश की रणनीति बदली और रिटर्न की बजाय रेगुलर इनकम पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया.
डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स ऐसे ही विकल्प हैं जो हर साल मुनाफे का एक हिस्सा निवेशकों को बांटते हैं, यानी कमाई बाजार के उतार-चढ़ाव पर नहीं, कंपनी के मजबूत फंडामेंटल्स पर निर्भर होती है. इस रिपोर्ट में हम तीन ऐसी कंपनियों की चर्चा कर रहे हैं जो बेहतरीन डिविडेंड देती हैं, साल दर साल अच्छा कैश फ्लो बनाए रखती हैं और बाजार के झटकों से कुछ हद तक दूर रहकर अपने निवेशकों की झोली भरती है.
- Coal India
कोल इंडिया एक महारत्न CPSE है जो देश की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी मानी जाती है. यह अकेली कंपनी भारत की कुल कोयला आपूर्ति का 70 फीसदी से ज्यादा प्रोडक्शन करती है और देश के कुल कोयला भंडार का 48 फीसदी हिस्सा इसके नियंत्रण में है.
पिछले 5 सालों में कंपनी ने 8 फीसदी का टॉपलाइन CAGR और 16 फीसदी का नेट प्रॉफिट CAGR दर्ज किया है. वहीं ROE यानी रिटर्न ऑन इक्विटी 47 फीसदी रहा है, जो इसे निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक बनाता है.

कोल इंडिया अपने निवेशकों को रेगुलर डिविडेंड देती है और मौजूदा डिविडेंड यील्ड 6.89 फीसदी है. इक्विटी मास्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी भविष्य की पूंजीगत जरूरतों को भी अपने मुनाफे से पूरा करने की योजना बना रही है, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत है और डिविडेंड देने की क्षमता लंबे समय तक बनी रहेगी.

- Indian Oil Corporation
IOCL भारत की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनिंग और मार्केटिंग कंपनी है. इसकी 11 रिफाइनरियों की कुल क्षमता 80.8 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष है, जो देश के रिफाइनिंग सेक्टर का लगभग 31 फीसदी है.
कंपनी का पाइपलाइन नेटवर्क भी सबसे बड़ा है, जो 20,000 किमी से ज्यादा फैला हुआ. इस मजबूत नेटवर्क की वजह से प्रोजक्शन की लागत घटती है और मार्जिन बढ़ते हैं. इसके 40,000 से ज्यादा पेट्रोल पंप, 13000 LPG डिस्ट्रीब्यूटर और 6000 एविएशन फ्यूल स्टेशन हैं. IOCL ने पिछले 5 सालों में 9 फीसदी की टॉपलाइन CAGR और 23 फीसदी की प्रॉफिट CAGR दिखाई है. हालांकि ROE थोड़ा कम यानी 13 फीसदी रहा है.

फिलहाल इसका डिविडेंड यील्ड 1.95 फीसदी है, जो सामान्य से कम है. इसकी बड़ी वजह FY25 में सरकार द्वारा एलपीजी सब्सिडी का भुगतान न करना और कुछ प्रॉफिट में गिरावट रही है. लेकिन जब भी सब्सिडी मिलती है और नए प्रोजेक्ट्स से कैश फ्लो आना शुरू होता है (FY26-FY27 के बाद), तो डिविडेंड में इजाफा तय है.

- Castrol India
कैस्ट्रोल इंडिया ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल लुब्रिकेंट्स बनाने वाली कंपनी है जो भारत के इस सेक्टर में अग्रणी भूमिका निभाती है. इसका कारोबार मुख्य रूप से दो हिस्सों में बंटा है – Wheels और Wings.
Wheels सेगमेंट में पैसेंजर कार, बाइक और ट्रक आदि के लिए लुब्रिकेंट्स हैं, जैसे Castrol EDGE, MAGNATEC और CRB TURBOMAX+. वहीं Wings सेगमेंट इंडस्ट्रीज जैसे मरीन, स्टील, खनन, एयरोस्पेस, सीमेंट और रेलवे के लिए विशेष तकनीकी लुब्रिकेंट्स उपलब्ध कराता है.
कैस्ट्रोल ने पिछले 5 सालों में 7 फीसदी की टॉपलाइन CAGR और 2 फीसदी की प्रॉफिट CAGR हासिल की है. हालांकि प्रॉफिट ग्रोथ धीमी रही, लेकिन कंपनी का ROE 44 फीसदी रहा है और यह पूरी तरह कैश-रिच है, यानी उस पर कोई कर्ज नहीं है. इसने पिछले एक दशक में अपनी आमदनी का औसतन 70 फीसदी हिस्सा डिविडेंड में बांटा है. वर्तमान में डिविडेंड यील्ड 5.85% है.

कंपनी अब डेटा सेंटर कूलिंग सॉल्यूशंस जैसे नए और तेजी से बढ़ते बाजार में उतर रही है, जहां अगले 10 सालों में बड़ा ग्रोथ नजर आ रहा है. इस दिशा में कैस्ट्रोल अपनी टेक्नोलॉजी के दम पर आक्रामक विस्तार की योजना बना रही है.

- Eicher Motors
Eicher Motors Limited ऑटोमोबाइल बिजनेस में एक प्रमुख कंपनी है, जो मुख्य रूप से मोटरसाइकिल और कमर्शियल वाहनों के निर्माण पर फोकस करती है. यह कंपनी अपनी मशहूर रॉयल एनफील्ड (Royal Enfield) ब्रांड की मोटरसाइकिलों के लिए जानी जाती है और भारत सहित कई अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी मजबूत मौजूदगी है.
कंपनी की स्टैंडअलोन रेवेन्यू में वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 के बीच 59 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. यह बढ़त मुख्य रूप से मोटरसाइकिलों की बिक्री में 52 फीसदी इजाफे और प्रति मोटरसाइकिल बिक्री मूल्य (realization) में 5% की बढ़ोतरी की वजह से हुई है, जो FY22 में 1,68,081 रुपये से बढ़कर FY24 में 1,76,152 रुपये प्रति मोटरसाइकिल हो गया. FY24 की कुल आय में से 15 फीसदी राजस्व मोटरसाइकिल से इतर क्षेत्रों से आया है, जिसमें स्पेयर पार्ट्स, परिधान (एपैरल) और सेवाओं की बिक्री शामिल है.

अब अगर कंपनी के डिविडेंड की बात करें तो, Eicher Motors ने अगस्त 2024 में अपने शेयरधारकों को 51 रुपये और 70 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड दिया था. इससे पहले, वर्ष 2023 में कंपनी ने 37 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड वितरित किया था. वहीं, 2022 और 2021 में Eicher Motors ने अपने निवेशकों को क्रमशः 21 रुपये और 17 रुपये प्रति शेयर का लाभांश दिया.

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स्थिर आय की चाह रखने वालों के लिए शानदार विकल्प
जब बाजार की दिशा साफ न हो तब निवेशकों को ऐसे विकल्प चुनने चाहिए जो बाजार की रफ्तार से नहीं, अपनी खुद की ताकत से रिटर्न दें. कोल इंडिया, IOCL और कैस्ट्रोल इंडिया जैसी कंपनियां लंबे समय से मजबूत प्रदर्शन कर रही हैं और डिविडेंड के जरिए निवेशकों को स्थिर इनकम देती हैं. इन कंपनियों की खास बात यह है कि ये सिर्फ आज के माहौल में ही नहीं, आने वाले वर्षों में भी मुनाफा कमाने और बांटने की स्थिति में बनी रहेंगी.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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