2 साल बाद फिर PSU में रैली के चांस, फोकस में रखें ये 6 स्टॉक, पैसा लगाने से पहले रिटर्न नहीं इस पर रखें नजर
शेयर बाजार की हलचल के बीच सरकारी कंपनियों के शेयर एक बार फिर निवेशकों का ध्यान खींच रहे हैं. कभी नजरअंदाज हुईं ये कंपनियां अब बदलते हालात में नए मौके दिखा रही हैं. कौन सी PSU कंपनियां मजबूत पोजिशन पर हैं, जानें इस रिपोर्ट में.
PSU stocks News: भारतीय शेयर बाजार में पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स यानी पीएसयू (PSU) कंपनियों का सफर हमेशा उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. कभी इन कंपनियों को “पुरानी और धीमी” कहकर नजरअंदाज किया गया, तो कभी इन्होंने शानदार रिटर्न देकर निवेशकों को चौंका दिया. दो साल पहले पीएसयू स्टॉक ने ‘बुल रन’ देखा पर, कंपनियों के केवल बीते रिटर्न के आधार पर निवेश करना समझदारी नहीं होती. ऐसे में जरूरत है कि पीएसयू स्टॉक पर फिर से नजर डाली जाए और देखें कि इस वक्त कौन सी कंपनियां मजबूत पोजिशन में खड़ी हैं. इस रिपोर्ट में हमने NTPC, Power Finance Corporation, REC, NLC India, Oil India और PTC India के स्टॉक पर फोकस किया है.
क्यों खास हैं PSU कंपनियां?
PSU को लेकर सबसे बड़ा भरोसा यही रहा है कि ये सरकारी नियंत्रण वाली कंपनियां हैं. मार्केट में कई ऐसे बिजनेस मॉडल हैं जिन्हें केवल PSU ही चला सकता है. वजह है, कम ब्याज दरों पर पूंजी जुटाने की क्षमता, लंबी अवधि वाले प्रोजेक्ट्स को संभालने का धैर्य और कुछ मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा का पहलू.
जरा सोचिए, कितने कंज्यूमर ब्रांड्स आपके रोजमर्रा के इस्तेमाल में हैं जो PSU के मालिकाना हक में आते हैं? शायद बहुत कम. लेकिन बिजली, गैस, रेल, रक्षा और पेट्रोलियम जैसे सेक्टर, जहां भारी पूंजी और दशकों के विजन की जरूरत होती है, वहां इन कंपनियों की मौजूदगी बड़े पैमाने पर है.
PSU को समझने के तीन नजरिये
सभी PSU को एक ही चश्मे से नहीं देखा जा सकता. इन्हें तीन कैटेगरी में बांटा जा सकता है:
- इंजीनियर्ड एडवांटेज वाली कंपनियां
ये वो कंपनियां हैं जिन्हें कमाने के लिए ही डिजाइन किया गया है. इन्हें ऐसे समझिए जैसे टोल रोड, जहां गाड़ियां सालों तक गुजरेंगी और तयशुदा फीस आएगी.
- बिजली ट्रांसमिशन कंपनियां
- कुछ हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स
- रेलवे के स्पेशल सर्विसेज
- डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स और शिपयार्ड्स
इनका फायदा यह है कि रेवेन्यू का सोर्स क्लियर होता है और लागत व मुनाफे की गणना पहले से तय होती है.
- साइकल से बंधी कंपनियां
इनका बिजनेस ‘साइकल’ पर निर्भर करता है. जैसे कोई प्रोडक्ट त्योहारों पर खूब बिके और बाकी समय इनकी बिक्री धीमी रही.
- रिफाइनिंग और फ्यूल मार्केटिंग
- गैस ट्रेडिंग
- शिपिंग और ड्रेजिंग
- थर्मल पावर और मेटल्स
जब ग्लोबल हालात अनुकूल होते हैं तो मुनाफा बहुत बढ़ जाता है, लेकिन विपरीत समय में ये कंपनियां औसत रह जाती हैं.
- नीति से बंधी या स्ट्रक्चरल चुनौती वाली कंपनियां
इन कंपनियों की कमाई सरकार की नीतियों पर निर्भर होती है.
- फर्टिलाइजर कंपनियां, जिनकी कीमतें और सब्सिडी सरकार तय करती है
- कुछ वित्तीय संस्थान
- पुराने पब्लिक सेक्टर बैंक
इनके पास बड़े आकार और डिविडेंड की वजह से आकर्षण तो रहता है, लेकिन लंबी अवधि में ये अक्सर अपनी लागत से ऊपर रिटर्न नहीं दे पातीं.
बदलते हालात और नई उम्मीदें
पिछले कुछ सालों में PSU कंपनियों का चेहरा बदला है. पहले जहां ये कंपनियां चुप्पी साध लेती थीं या खराब परफॉर्मेंस को आर्थिक चक्र पर डाल देती थीं, अब वे साफ-साफ वजहें बता रही हैं और भविष्य की रणनीति भी साझा कर रही हैं. यही पारदर्शिता निवेशकों का भरोसा बढ़ा रही है. यही वजह है कि कुछ कंपनियां तीसरी कैटेगरी से निकलकर दूसरी कैटेगरी की ओर बढ़ रही हैं.
इन 6 कंपनियों पर नजर
अभी के हालात में जिन कंपनियों में मार्केट एक्सपर्ट बड़ा अपसाइड देख रहे हैं, उनमें NTPC, Power Finance Corporation, REC, NLC India, Oil India और PTC India जैसे नाम शामिल हैं.
मार्केट कैप, प्राइस और हालिया रिटर्न
कंपनी | Mcap (Rs.Cr) | CMP (Rs) | 1 माह रिटर्न (%) |
---|---|---|---|
NTPC Ltd | 318,729 | 327 | -2.21 |
Power Finance | 130,206 | 395 | -2.51 |
REC Limited | 96,429 | 368 | -3.57 |
NLC India Ltd | 31,678 | 234 | 0.96 |
Oil India Ltd | 64,503 | 394 | -8.73 |
PTC India Ltd | 5,204 | 176 | 0.68 |
कुल आय (करोड़ रुपये में)
कंपनी | FY23 | FY24 | FY25E |
---|---|---|---|
NTPC Ltd. | 176,690.6 | 182,044.6 | 193,038.1 |
Power Finance | 78,033.2 | 93,417.7 | 107,203.6 |
REC Ltd. | 39,520.2 | 48,950.8 | 56,434.0 |
NLC India Ltd. | 17,383.2 | 13,946.4 | 16,889.4 |
Oil India Ltd. | 36,843.5 | 33,871.9 | 34,207.3 |
PTC India Ltd. | 15,699.4 | 16,822.3 | 16,277.8 |
PAT (करोड़ रुपये में)
कंपनी | FY23 | FY24 | FY25E |
---|---|---|---|
NTPC Ltd. | 17,121.4 | 21,332.5 | 23,953.2 |
Power Finance | 21,178.6 | 26,461.2 | 30,514.4 |
REC Ltd. | 11,167.0 | 14,145.5 | 15,884.2 |
NLC India Ltd. | 1,425.1 | 1,867.3 | 2,713.6 |
Oil India Ltd. | 9,854.4 | 6,980.5 | 7,039.6 |
PTC India Ltd. | 484.8 | 483.6 | 853.7 |
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कंपनियों की झलक
NTPC Ltd : 1975 में स्थापित NTPC बिजली उत्पादन और बिक्री में सबसे बड़ी PSU है. यह कोयला, गैस, हाइड्रो, न्यूक्लियर और रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली बनाती है और देश के 25 राज्यों को सप्लाई करती है. NTPC की स्थिति सबसे मजबूत है. कंपनी की वर्तमान में 82,646 MW की स्थापित क्षमता है और 113,499 MW का पोर्टफोलियो है जिसमें निर्माणाधीन परियोजनाएं शामिल हैं. नवंबर 2024 में NTPC का बोर्ड 80,000 करोड़ के निवेश को मंजूरी दे चुका है जो तीन थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स के लिए है.
Power Finance Corporation (PFC) : 1986 में बनी PFC पावर सेक्टर की सबसे बड़ी NBFC है. यह प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग और कंसल्टेंसी जैसी सेवाएं देती है और इसे महा-रत्न का दर्जा मिला है. कंपनी का Renewable Energy portfolio अब ₹80,000+ करोड़ से अधिक है और 35% YoY की वृद्धि दिखा रहा है. PFC ने Japan Bank for International Cooperation (JBIC) से 120 बिलियन Yen (₹6,600 करोड़) का loan secure किया है एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए
REC Limited: 1969 में स्थापित REC ग्रामीण विद्युतीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए फाइनेंस उपलब्ध कराती है. इसकी शाखाएं 22 राज्यों में फैली हैं. कंपनी 2030 तक ₹2.5 lakh करोड़ रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट में निवेश करेगी. REC ने वैश्विक बाजार में 500 मिलियन डॉलर ग्रीन बॉन्ड इश्यू किए हैं, जो इसकी ग्रीन फाइनेंशिंग कमिटमेंट को दर्शाता है.
NLC India Ltd: 1956 में बनी यह कंपनी लिग्नाइट माइनिंग और पावर जनरेशन के लिए जानी जाती है. यह रिन्यूएबल एनर्जी और कंसल्टेंसी सेवाओं में भी काम करती है. साल 2030 तक कंपनी को कैपेक्स प्लान 1.25 लाख करोड़ रुपये का है. वहीं ये 6.7 गीगावाट 20 गीगावाट तक अपनी कैपेसिटी बढ़ाने का लक्ष्य रखी है.
Oil India Ltd: 1959 में बनी Oil India कच्चे तेल और गैस की खोज, उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन में सक्रिय है. इसके प्रोजेक्ट भारत के साथ सात देशों में फैले हैं. कंपनी का प्लान है कि वह 2040 तक अपने बिजनेस में 25,000 करोड़ रुपये निवेश करे. साथ ही 2026 तक 9 मिलियन टन तेल का प्रोडक्शन करने का लक्ष्य है.
PTC India Ltd: यह कंपनी पावर ट्रेडिंग में लगी है और अनलिमिटेड वॉल्यूम्स ट्रेड करने के लिए कैटेगरी-I लाइसेंस रखती है. कंपनी 2030 तक 500 GW नॉन-फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी जनरेट करने का टारगेट रखती है. साथ ही 2070 तक कंपनी का ‘नेट जिरो’ सिस्टम में शामिल होने का लक्ष्य है.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.