Waaree Energies Vs Premier Energies: कौन है भारत के सोलर पॉवर सेक्टर का असली लीडर?

भारत का सोलर पावर सेक्टर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है. 2025 तक इसकी इंस्टॉल्ड क्षमता 116 GW को पार कर चुकी है और लक्ष्य 2030 तक 280 GW का है. Waaree Energies ₹47,000 करोड़ के ऑर्डर बुक और ₹878 करोड़ के प्रॉफिट के साथ Premier Energies से आगे है. जबकि Premier ₹13,249 करोड़ के ऑर्डर बुक के साथ घरेलू बाजार में मजबूत है.

भारत का सोलर पावर सेक्टर 2025 तक इसकी इंस्टॉल्ड क्षमता 116 GW को पार कर चुकी है. Image Credit: CANVA

Waaree Energies Vs Premier Energies: भारत का सोलर पावर सेक्टर अब नई ऊंचाइयों पर है. 2025 के मध्य तक देश की कुल सोलर इंस्टॉल्ड क्षमता 116 GW को पार कर चुकी है और सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक यह क्षमता 280 GW तक पहुंचे. इस तेजी के पीछे दो बड़ी कंपनियां Waaree Energies और Premier Energies मुख्य भूमिका निभा रही हैं. लेकिन सवाल यह है कि इस दौड़ में असली बाजी कौन मार रहा है?

सोलर सेक्टर को सरकार का सहारा

भारत सरकार की योजनाएं जैसे PM-KUSUM और PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सोलर ऊर्जा के प्रसार को तेज कर रही हैं. साथ ही Production Linked Incentive (PLI) स्कीम ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया है, जिससे कंपनियों के लिए निवेश के अवसर तेजी से बढ़े हैं.

Order Book में कौन आगे?

Premier Energies का ऑर्डर बुक सितंबर 2025 तक ₹13,249.6 करोड़ का है, जो 9,114 MW की क्षमता को दर्शाता है. यह पूरी तरह घरेलू बाजार से जुड़ा है. वहीं Waaree Energies लगभग ₹47,000 करोड़ के मजबूत ऑर्डर बुक के साथ कहीं आगे है. इसमें से 59.5% ऑर्डर भारत से और 40.5% विदेशी बाजारों से हैं. यानी Waaree का ग्लोबल फूटप्रिंट काफी मजबूत है.

वित्तीय प्रदर्शन में कौन दमदार?

Premier Energies ने Q2FY26 में 20% की सेल ग्रोथ के साथ ₹1,837 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया. इसका नेट प्रॉफिट 72% बढ़कर ₹353 करोड़ हो गया. वहीं Waaree Energies ने उसी अवधि में 70% की साल-दर-साल ग्रोथ से ₹6,066 करोड़ की बिक्री दर्ज की है. इसका नेट प्रॉफिट 133% उछलकर ₹878 करोड़ पर पहुंचा. यानी वित्तीय प्रदर्शन और मुनाफे में Waaree साफ आगे है.

शेयर बाजार में कौन दे रहा रिटर्न?

Waaree Energies का मार्केट कैप ₹94,205 करोड़ है और इसका शेयर ₹3,276 पर बंद हुआ, जिसने बीते एक साल में 40.8% रिटर्न दिया है. इसके मुकाबले, Premier Energies का मार्केट कैप ₹47,084 करोड़ है, लेकिन इसके शेयर ने एक साल में 11% निगेटिव रिटर्न दिया है.

विस्तार और निवेश योजनाएं

Premier Energies अपनी Naidupeta (आंध्र प्रदेश) यूनिट की सोलर सेल कैपेसिटी को 4.8 GW से बढ़ाकर 7 GW कर रही है, जिसमें जून 2026 तक 4.8 GW और सितंबर 2026 तक बाकी 2.2 GW चालू होंगे. दूसरी ओर, Waaree Energies ने Chikhli में 2.75 GW नई क्षमता जोड़ी है और ₹8,175 करोड़ के बड़े Capex की घोषणा की है. यह न सिर्फ मॉड्यूल, बल्कि Battery Storage (BESS), Electrolyser और Inverter मैन्युफैक्चरिंग में भी विस्तार कर रही है.

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कौन है सोलर सेक्टर का असली किंग?

दोनों कंपनियां भारत की ग्रीन एनर्जी रेस में अहम भूमिका निभा रही हैं, लेकिन Waaree Energies फिलहाल मार्केट कैप, रेवेन्यू, मुनाफे और ग्लोबल उपस्थिति, चारों मोर्चों पर आगे है. वहीं, Premier Energies घरेलू बाजार में मजबूत पकड़ और स्केलिंग क्षमता के दम पर तेजी से अपनी स्थिति मजबूत कर रही है.

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