तेजी से भागते स्टॉक में आपने भी लगाया है दांव? BSE ने ऐसी 9 कंपनियों पर दिखाई सख्ती, एक ने 1 साल में दिया 12533% रिटर्न

हाल के महीनों में कुछ छोटे और कम लिक्विडिटी वाले शेयरों में असामान्य तेजी के बाद BSE ने बड़ा कदम उठाया है. एक्सचेंज ने 9 हाई-रिस्क स्टॉक्स को Enhanced Surveillance Measures (ESM) के तहत रखा है ताकि अनुचित प्राइस मूवमेंट और मार्केट मैनिपुलेशन पर रोक लगाई जा सके. देखें पूरी लिस्ट.

BSE ने दिखाई सख्ती Image Credit: freepik

BSE Stocks ESM: शेयर बाजार में कुछ छोटे और कम लिक्विडिटी वाले शेयरों में हाल के महीनों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. इनकी कीमतों में असामान्य उछाल भी देखी गई. कई बार कम समय में रिटर्न के बड़े आंकड़ों को देख कर निवेशक हड़बड़ी में निवेश करने लगते हैं. लेकिन अब BSE ने निवेशकों के हितों की सुरक्षा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए 9 स्टॉक्स पर नए सर्विलांस उपाय (Enhanced Surveillance Measures) लागू करने का फैसला किया है. इनमें ऐसी कंपनियां भी शामिल हैं जिसने सालभर में 12000 फीसदी से ज्यादा तक के रिटर्न दिए हैं. आइए विस्तार से बताते हैं.

बीएसई की ओर से ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ऐसे स्टॉक्स में होने वाली अचानक और गलत तेजी या मैनिपुलेशन पर रोक लगाई जा सके. नई व्यवस्था 10 नवंबर 2025 से लागू होगी और यह सिर्फ BSE पर लिस्टेड कुछ खास ग्रुप्स- X, XT, Z, ZP, ZY और Y पर लागू रहेगी.

RRP Semiconductor की उछाल ने किया सबको चौंकाया

इन स्टॉक्स में सबसे चर्चित नाम RRP Semiconductors का है. दिसंबर 2024 में यह शेयर करीब 96 रुपये पर था और अब यह 11,784 रुपये तक पहुंच गया है. यानी एक साल में 12,553 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न! हालांकि, इसकी बुक वैल्यू सिर्फ 12 रुपये है, जबकि PE रेशियो 2470 के पार है. BSE ने इसे पहले ही ESM फ्रेमवर्क (Enhanced Surveillance Measure) में शामिल किया था, और अब इस पर अतिरिक्त निगरानी लगाई जा रही है.

10 नवंबर से लागू होंगे नए नियम

BSE ने कहा है कि इन नियमों का मकसद है कि ऐसे शेयरों में अनुचित प्राइस मूवमेंट पर अंकुश लगाया जा सके और मार्केट ट्रांसपेरेंसी बनी रहे. ये नियम सभी कंपनियों पर नहीं, बल्कि सिर्फ उन कंपनियों पर लागू होंगे जो लो-लिक्विडिटी या हाई-रिस्क कैटेगरी में आती हैं. आमतौर पर ये वही कंपनियां होती हैं जिनमें ट्रेडिंग बहुत कम होती है, कॉरपोरेट गवर्नेंस पर सवाल उठते हैं या फिर जिनके शेयरों में अचानक और लगातार भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है.

किन शेयरों पर लागू होंगे सख्त नियम?

BSE ने कहा कि नए नियम उन शेयरों पर लागू होंगे जिनमें ये तीन प्रमुख फैक्टर नजर आएंगे:

इसके अलावा, ऐसे शेयर जो लगातार दो हफ्तों तक अपर सर्किट में बंद होते हैं, अब उन पर सिर्फ हफ्ते में एक दिन (सोमवार) को ट्रेडिंग की अनुमति होगी वह भी 1 फीसदी प्राइस बैंड के भीतर. बीएसई की ओर से कुल 9 स्टॉक्स पर सख्ती जताई गई है-

कंपनी का नाम1 साल का रिटर्न (%)
EMA India485.53%
Citizen Infoline653.03%
Mardia Samyoung Capillary Tubes Co.1450.25%
Dugar Housing Developments2100.06%
Oswal Overseas2527.09%
Colab Platforms2578.01%
RRP Defense5505.92%
Omansh Enterprises6855.13%
RRP Semiconductor12553.71%

होगी नियमित समीक्षा

BSE ने बताया कि ऐसे शेयरों की पहचान हर हफ्ते (शुक्रवार को) की जाएगी. साथ ही, किसी स्टॉक को इस फ्रेमवर्क से हटाने की समीक्षा हर तिमाही में होगी, लेकिन एक बार सूची में आने के बाद कम से कम एक महीने तक उसे निगरानी में रहना अनिवार्य होगा. यह फैसला निवेशकों के लिए सावधानी का संकेत है. BSE यह सुनिश्चित करना चाहता है कि निवेशक बिना पर्याप्त जानकारी के ऐसे शेयरों में पैसा न लगाएं, जिनकी कीमतें वास्तविक वित्तीय प्रदर्शन की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ी हों. इन नियमों से बाजार में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ेगी और छोटे निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

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