Cello के शेयर पर MOFSL ने लगाया बड़ा दांव, कहा- अब आ गया है जोरदार उछाल का समय, जानें- कितना है टारगेट

Cello share Target Price: ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विस अपने फ्रेश नोट में कंपनी पर बुलिश नजर आया है. ब्रोकरेज को उम्मीद है कि कंपनी की नई फालना ग्लासवेयर फैसिलिटी और राइटिंग इंस्ट्रूमेंट रिवाइवल से आने वाले साल में ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी में बढ़ावा मिलेगी.

सेलो स्टॉक आउटलुक. Image Credit: Money9live

Cello share Target Price: कंज्यूमर गुड्स और राइटिंग इंस्ट्रूमेंट्स की लीडिंग कंपनी सेलो का प्रदर्शन कई तिमाहियों से कमजोर घरेलू डिमांड और बढ़ती लागत के चलते सुस्त रहा है. हालांकि, एनालिस्ट का कहना है कि कंपनी अब सुधार की तरफ आगे बढ़ रही है. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विस अपने फ्रेश नोट में कंपनी पर बुलिश नजर आया है. ब्रोकरेज को उम्मीद है कि कंपनी की नई फालना ग्लासवेयर फैसिलिटी और राइटिंग इंस्ट्रूमेंट रिवाइवल से आने वाले साल में ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी में बढ़ावा मिलेगी.

कारोबार में सुधार की उम्मीद

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विस के अनुसार, खपत में गिरावट और कमजोर डिमांड के अलावा, जियो-पॉलिटिकल टेंशन राइटिंग इंस्ट्रूमेंट के एक्सपोर्ट को प्रभावित कर रहा है. फालना (राजस्थान) में एक नए कांच के सामान बनाने वाले कारखाने की शुरुआती लागत अधिक रही है, जिससे सेलो का मुनाफा प्रभावित हुआ है. हालांकि, कंज्यूमर गुड्स और राइटिंग इंस्ट्रूमेंट व्यवसायों दोनों में खपत धीरे-धीरे बढ़ रही है और नए प्लांट में एफिशिएंसी में सुधार हो रहा है, हमें उम्मीद है कि आगे चलकर सेलो का प्रदर्शन बेहतर होगा.

Cello का कितना है टारगेट प्राइस?

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विस ने सेलो के शेयर के लिए ‘बाय’ रेटिंग दोहराई है, जिसका टारगेट प्राइस 700 है, जो वित्त वर्ष 27 की प्रति शेयर आय (EPS) के 32 गुना पर आधारित है.

सोलर प्लांट से घटेगी लागत

कंपनी फालना में 2.1 मेगावाट का सोलर प्लांट लगा कर रही है, जिससे एनर्जी कॉस्ट में लगभग 20 फीसदी की कमी आएगी. सेलो वर्तमान में प्रीमियम ग्लासवेयर में लगभग 70 स्टॉक कीपिंग यूनिट (SKU) प्रदान करती है, और डेकोरेटेड और कोल्डवेयर वस्तुओं सहित 100 से अधिक उत्पादों तक विस्तार करने की योजना बना रही है.

ब्रोकरेज ने बताया कि इन घरेलू उत्पादों की कीमतें आयातित उत्पादों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी हैं, जिससे सेलो को भारत के 3,500 करोड़ रुपये के ग्लासवेयर बाजार में इंपोर्ट रिप्लेसेंट का लाभ मिलेगा. वित्त वर्ष 27 तक, ग्लासवेयर सेगमेंट से 200-250 करोड़ रुपये के रेवेन्यू प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे सेलो का घरेलू नेतृत्व और मजबूत होगा.

सेलो वैल्यूएशन और शेयर आउटलुक

मोतीलाल ओसवाल को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25-28 के दौरान सेलो रेवेन्यू में 15 फीसदी, एबिटा में 17 फीसदी और एडजस्टेड टैक्स आफ्टर प्रॉफिट (PAT) में 18 फीसदी की कंपाउंडिंग एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) प्रदान करेगी. यह शेयर वर्तमान में वित्त वर्ष 27 के EPS के 27 गुना पर कारोबार कर रहा है, जिसमें इक्विटी पर रिटर्न (RoE)/रिटर्न ऑन कैपिटल एम्पलॉयड (RoCE) 18 फीसदी/19 फीसदी है, जो इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक ऑफर बनाता है. ब्रोकरेज ने कहा, ‘फालना प्लांट के विस्तार और राइटिंग इंस्ट्रूमेंट में सुधार के साथ, सेलो एक पॉजिटिव बदलाव की स्थिति में है.’

सेलो के शेयर गुरुवार 23 अक्टूबर दोपहर 12 बजे 1.23 फीसदी की तेजी के साथ 622 रुपये पर कारोबार कर रहे थे.

यह भी पढ़ें: RBL Bank का शेयर बनेगा पैसा छापने की मशीन! एक्सपर्ट ने दी जोरदार सलाह, अब तक 100% उछल चुका है स्टॉक

डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ या डेरिवेटिव में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें