फर्जी मेडिकल जांच और दवाई के नाम पर ठगी कर रहे साइबर ठग, बुजुर्गों को बना रहे निशाना; जानें कैसे रहें सेफ
साइबर ठगों ने एक नया हथियार अपनाया है. अब वे स्वास्थ्य विभाग के नाम पर फर्जी कॉल करके खासकर बुजुर्गों को निशाना बना रहे हैं. मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं या फर्जी योजनाओं का लालच देकर व्यक्तिगत जानकारी चुराते हैं और फिर वित्तीय ठगी करते हैं. गृह मंत्रालय के @Cyberdost ने X पर वीडियो जारी कर इस खतरे से आगाह किया है.
आपने पुलिस अधिकारी बनकर ठगी करने वाली घटनाओं के बारे में तो सुना ही होगा. अब ठगों ने नया तरीका अपनाया है. साइबर अपराधी अब स्वास्थ्य विभाग के नाम पर लोगों को कॉल कर रहे हैं. ये साइबर ठग विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. किसी फर्जी योजना का लाभ देने के नाम पर वे लोगों की व्यक्तिगत जानकारी चुराते हैं और फिर इसका इस्तेमाल वित्तीय ठगी के लिए करते हैं.
गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के आधिकारिक हैंडल @Cyberdost ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट करके इस बारे में चेतावनी जारी की है. इस वीडियो में बताया गया है कि साइबर ठग स्वास्थ्य विभाग के नाम से फर्जी कॉल करके खासतौर पर बुजुर्गों को ठग रहे हैं. वे मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं, नकली दवाइयों या झूठे इलाज का लालच देकर व्यक्तिगत जानकारी हासिल करते हैं और फिर इसका उपयोग वित्तीय धोखाधड़ी के लिए करते हैं. इस तरह की ठगी बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है.
यह ठगी कैसे होती है
साइबर ठग स्वास्थ्य विभाग या किसी सरकारी स्वास्थ्य योजना के अधिकारी बनकर फोन करते हैं. वे बुजुर्गों को मुफ्त जांच, दवाइयां या इलाज का ऑफर देते हैं और विश्वास जीतने के लिए व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार नंबर, बैंक डिटेल्स या ओटीपी मांगते हैं. cyberdost के अनुसार, ये ठग नकली दवाइयां बेचने, झूठे इलाज का डर दिखाने या अन्य तरीकों से पीड़ित को उलझाते हैं. एक बार जानकारी मिल जाने पर वे बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं या अन्य वित्तीय धोखाधड़ी करते हैं. बुजुर्ग अक्सर कम तकनीकी ज्ञान और भरोसे के कारण आसानी से शिकार बन जाते हैं.
बचाव के तरीके
ऐसे किसी भी अनजान कॉल पर व्यक्तिगत या बैंक संबंधी जानकारी कभी साझा न करें. स्वास्थ्य विभाग या सरकारी एजेंसियां फोन पर कभी संवेदनशील डिटेल्स नहीं मांगतीं. अगर कॉल आए तो तुरंत काट दें और परिवार के सदस्यों से सलाह लें. @Cyberdost की सलाह है कि संदिग्ध कॉल आने पर सतर्क रहें और किसी लिंक पर क्लिक न करें. बुजुर्गों को शिक्षित करें कि सरकारी योजनाओं की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन से लें. कॉलर आईडी चेक करें और जरूरत पड़ने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें.
ठगी होने पर कहां करें शिकायत
ठगी का शिकार होने पर तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या वेबसाइट https://cybercrime.gov.in पर जाकर रिपोर्ट दर्ज करें. @Cyberdost ने अपने वीडियो में भी यही सलाह दी है कि संदिग्ध कॉल या ठगी की जानकारी तुरंत इस पोर्टल पर ‘Report & Check Suspect’ सेक्शन में साझा करें. समय पर शिकायत करने से पैसे वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है और ठगों पर कार्रवाई हो सकती है. स्थानीय साइबर क्राइम सेल में भी एफआईआर दर्ज कराएं.