सरकार ने नोटिफाई किया डेटा प्रोटेक्शन रूल 2025, 12 से 18 महीनों में लागू होंगे नए नियम; डेटा लीक रोकने के लिए बनेगा बोर्ड
सरकार ने Digital Personal Data Protection Rules 2025 को नोटिफाई कर दिया है, जो 12 से 18 महीने में चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे. इन नियमो का उद्देश्य नागरिको को उनके डिजिटल डेटा पर अधिकार देना, बिना अनुमति एक्सेस रोकना और प्राइवेसी को मजबूत करना है. नियमो के तहत Data Protection Board बनाया जाएगा जो डेटा लीक या ब्रीच पर पेनल्टी लगाएगा.
Digital Personal Data Protection Rules 2025: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन रुल को नोटिफाई कर दिया है. इन नियमो को 12 से 18 महीने की अवधि में स्टेपवाइज तरीके से लागू किया जाएगा. इन नियमो का मकसद नागरिको को उनके डिजिटल डेटा पर कंट्रोल देना और ऑनलाइन स्पेस में उनकी प्राइवेसी को सुरक्षित करना है. कुछ नियम तुरंत लागू होंगे जबकि कई महत्वपूर्ण प्रावधान जैसे कंसेंट मैनेजर की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, डेटा प्रोसेसिंग के लिए नोटिस और अन्य जरूरी स्टैंडर्ड धीरे धीरे लागू किए जाएंगे. सरकार का दावा है कि इन नए नियमो से अनचाहे कॉल, डेटा लीक और पर्सनल जानकारी के गलत इस्तेमाल पर लगाम लगेगी.
स्टेपवाइज तरीके से लागू किया जाएगा
सरकार ने स्पष्ट किया है कि DPDP Rules 2025 को एक ही बार में लागू नहीं किया जाएगा. कुछ प्रावधान तुरंत प्रभाव से लागू होंगे. लेकिन कंसेंट मैनेजर की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, डेटा फिडिशरी की जिम्मेदारिया, नोटिस भेजने का नियम और कई अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान 12 से 18 महीने के भीतर लागू होंगे. इसका उद्देश्य यह है कि सभी संस्थाओ को नए नियमो के अनुरूप अपनी प्रक्रिया सुधारने का समय मिले.
नए नियम देंगे नागरिको को अपने डेटा पर कंट्रोल
DPDP Rules का मुख्य फोकस नागरिको को उनका डिजिटल डेटा कंट्रोल करने का अधिकार देना है. इन नियमो के तहत कोई भी व्यक्ति यह जान सकेगा कि उसका डेटा कहा इस्तेमाल हो रहा है और क्या किसी तरह का दुरुपयोग किया गया है. इससे अनचाहे कॉल, स्पैम संदेश और बिना अनुमति दिए गए एक्सेस पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.
डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड बनाया जाएगा
नियमो के तहत एक Data Protection Board स्थापित किया जाएगा जो डेटा लीक या नियम के उल्लंघन पर पेनल्टी लगाने का काम करेगा. DPDP Act 2023 के तहत पेनल्टी की अधिकतम सीमा 250 रुपये प्रति ब्रीच रखी गई है. हालांकि छोटे कारोबारी और स्टार्टअप को ध्यान में रखते हुए इसमें ग्रेडेड पेनल्टी सिस्टम लागू किया गया है.
नागरिक कर सकेंगे शिकायत
DPDP Rules लागू होने के बाद अगर किसी का फोन नंबर या व्यक्तिगत डेटा बिना अनुमति के इस्तेमाल किया गया है तो वह शिकायत दर्ज करा सकेगा. बोर्ड यह जांच करेगा कि डेटा किसने साझा किया और किस संस्थान ने बिना सहमति के एक्सेस किया. इसके बाद दोषी पर पेनल्टी लगाई जाएगी.
नागरिको के अधिकार रहेंगे सीमित
इन नियमो में कुछ अपवाद भी रखे गए हैं. उदाहरण के लिए किसी कानूनी अधिकार को लागू करने, कोर्ट के आदेश, अपराध की जांच और रोकथाम, विदेश में हुए कॉन्ट्रैक्ट और डिफाल्टर की वित्तीय जानकारी जुटाने जैसे मामलों में नागरिको के अधिकार सीमित होंगे. इसके अलावा कुछ सरकारी योजनाओ को लागू करने के लिए भी सरकार डेटा फिडिशरी को छूट दे सकती है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आया बडा कदम
सरकार ने यह नियम लगभग आठ साल बाद जारी किए हैं जब 24 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेसी को मौलिक अधिकार घोषित किया था. नए नियम नागरिको को डेटा सुरक्षा का अधिकार देने के साथ साथ यह भी सुनिश्चित करते हैं कि वे सरकारी डॉक्यूमेंट के लिए गलत जानकारी न दे, झूठी शिकायत न करे और डेटा सुधार या डिलीट करवाने के लिए वेरिफाई जानकारी उपलब्ध कराएं.