क्या वाकई फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर बच सकती है आपकी प्राइवेसी? जानें क्या है कॉपी-पेस्ट मैसेज का सच

फेसबुक पर इन दिनों एक मैसेज वायरल है जिसमें दावा किया जा रहा है कि वॉल पर एक खास पोस्ट डालने से निजी डेटा का इस्तेमाल रुक जाएगा. इसको लेकर लोगों के बीच काफी सवाल है कि क्या वाकई ऐसा पोस्ट करने से उनकी प्राइवेसी सुरक्षित रहेगी. जानें क्या है इस वायरल दावे का सच.

फेसबुक और प्राइवेसी पोस्ट की सच्चाई Image Credit: @Canva/Money9live

Facebook and Copy Paste Privacy Post: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर इन दिनों एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है. इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि अगर यूजर्स अपनी टाइमलाइन पर एक खास मैसेज कॉपी-पेस्ट नहीं करते, तो फेसबुक को उनके फोटो और प्राइवेट डेटा इस्तेमाल करने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा. पोस्ट में अपील की गई है कि हर यूजर इसे तुरंत अपनी वॉल पर लगाएं ताकि उनकी प्राइवेसी सुरक्षित रह सके. इस मैसेज के चलते कई यूजर्स के मन में डर बैठ गया है कि कहीं यह सच तो नहीं. लेकिन हकीकत कुछ और है.

पोस्ट डालने से नहीं मिलेगी प्राइवेसी की गारंटी

जब कोई यूजर फेसबुक अकाउंट बनाता है, तो उसे प्लेटफॉर्म के Terms & Conditions मानने होते हैं. इन शर्तों में साफ लिखा होता है कि फेसबुक कौन-सा डेटा इकट्ठा करेगा और कैसे इस्तेमाल करेगा. यह जानकारी कभी भी फेसबुक के Terms & Conditions सेक्शन में पढ़ी जा सकती है. किसी भी पोस्ट को वॉल पर डालने से आपके डेटा इस्तेमाल पर कोई असर नहीं पड़ता. अगर आप अपनी जानकारी के इस्तेमाल को सीमित करना चाहते हैं, तो इसके लिए फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग्स में बदलाव करना होगा, न कि कोई वायरल पोस्ट शेयर करना.

इस तरह के पोस्ट हो रहे वायरल!

फेसबुक किन-किन जानकारियों तक पहुंच रखता है?

फेसबुक यूजर्स से कई तरह की जानकारी जुटाता है, जैसे-

अगर यूजर्स चाहें, तो सेटिंग्स में जाकर इन जानकारियों के इस्तेमाल को कुछ हद तक सीमित कर सकते हैं. लेकिन केवल कोई पोस्ट डालकर इन पर रोक लगाना संभव नहीं है.

पहले भी हो चुका है ऐसा मैसेज वायरल

ये पहली बार नहीं है जब इस तरह के मैसेज को धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है. 2024-25 में भी ऐसे पोस्ट अंग्रेजी में वायरल हो चुके हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार यह हिंदी में भारत में फैल रहा है. ध्यान रखें कि इस तरह के मैसेज हैकर्स और ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों के लिए एक टेस्ट की तरह जरूर काम आ सकते हैं. इससे उन्हें पता चलता है कि कौन-सा यूजर बिना जांच-पड़ताल के किसी मैसेज पर यकीन कर लेता है. यह न केवल आपकी प्राइवेसी, बल्कि आपकी ऑनलाइन सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है.

अपनी प्राइवेसी ऐसे करें सुरक्षित

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