दिल्ली-NCR में साइबर अपराधियों का आतंक, गाजियाबाद में 52 लाख का फ्रॉड, हाई प्रॉफिट के झांसे में फंसे पीड़ित
गाजियाबाद में साइबर अपराधियों ने तीन अलग अलग मामलों में 52 लाख रुपये की ठगी की है. इंदिरापुरम निवासीत को निवेश के नाम पर, वकील ईशा गोयल को टेलीग्राम टास्क के नाम पर और योगेश चौहान से 6.68 लाख रुपये बिटक्वाइन निवेश के नाम पर ऐंठ लिए गए. सभी पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत की जिसके बाद साइबर क्राइम थाना गाजियाबाद ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
Cyber Fraud: दिल्ली NCR में दिन-प्रतिदिन साइबर अपराधियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है, आए दिन अपराधी लोगों को अलग- अलग प्रकार से ठग रहे है. गाजियाबाद में साइबर अपराधियों ने तीन अलग- अलग मामलों में तीन लोगों से कुल 52 लाख रुपये ठग लिए. एक शख्स को घर बैठे कमाई का झांसा दिया गया, जबकि बाकी दो को शेयर और बिटक्वाइन में निवेश पर ज्यादा मुनाफे का लालच दिखाया गया. पीड़ितों ने जब पुलिस से शिकायत की तो साइबर क्राइम थाना गाजियाबाद में केस दर्ज किया गया और जांच शुरू कर दी गई है.
हाई प्रॉफिट के नाम पर ठगी
द डेली जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंदिरापुरम निवासी प्रतीक ग्रोवर को साइबर अपराधियों ने 40 लाख रुपये का चूना लगाया. आरोपियों ने खुद को स्टैंडर्ड चार्टर्ड ग्रुप इंडिया स्टॉक मार्केट रिसर्च इंस्टीट्यूट का सदस्य बताया और ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने का लालच दिया. उन्हें 10 फीसदी से ज्यादा मुनाफे का वादा किया गया और टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया गया.
महिला वकील से की गई ठगी
ऐसे ही एक दूसरे मामले में, प्रतीक ग्रैंड सिटी निवासी वकील ईशा गोयल को अगस्त महीने में अनजान कॉलर ने टेलीग्राम ग्रुप हर्बर्ट में जोड़ा. यहां उन्हें टास्क पूरे करने के बदले मोटा मुनाफा मिलने का झांसा दिया गया. उन्होंने 26 से 28 अगस्त के बीच 5 लाख 15 हजार रुपये निवेश कर दिए. बाद में उनसे और पैसे डालने का दबाव बनाया गया. परेशान होकर उन्होंने साइबर पुलिस से शिकायत दर्ज कराई.
बिटक्वाइन के नाम पर फ्रॉड
राजनगर एक्सटेंशन के गुलमोहर गार्डन निवासी योगेश चौहान से भी साइबर अपराधियों ने ठगी की. उन्हें बिटक्वाइन में निवेश कर ऊंचे मुनाफे का भरोसा दिलाया गया. आरोपियों ने GST, कन्वर्जन चार्ज और वेरिफिकेशन फीस के नाम पर 6 लाख 68 हजार रुपये ऐंठ लिए. पैसे वापस न मिलने पर उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में केस दर्ज कराया.
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पुलिस ने शुरू की जांच
तीनों ही मामलों में, गाजियाबाद साइबर क्राइम थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. जांच में सामने आया है कि अपराधियों ने पीड़ितों को टेलीग्राम और फर्जी कॉल्स के जरिए फंसाया. पुलिस अब आरोपियों के बैंक खातों और लेनदेन की जांच कर रही है, ताकि गिरोह तक पहुंचा जा सके.