IPO Review: देश के 24 राज्य और दुनिया के 5 देशों में कारोबार, फंडामेंटल धांसू; Titan-Reliance भी क्लाइंट
जूलरी इंडस्ट्री से एक और कंपनी Shringar House of Mangalsutra ने IPO लॉन्च कर दिया है. SBI Securities ने इस इश्यू का Review किया है. कंपनी का कारोबार देश के 24 राज्य और दुनिया के 5 देशों तक फैला है. फंडामेंटल भी मजबूत हैं. कंपनी अपने विस्तार के लिए 401 करोड़ बाजार से जुटाने के लिए यह इश्यू ला रही है. निवेशकों को क्या करना चाहिए, जानने के लिए पढ़ें ये रिव्यू.

Shringar House of Mangalsutra Ltd ने अपने IPO का ऐलान कर दिया है. 401 करोड़ रुपये का यह इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए अगले सप्ताह 10 सितंबर को खुलेगा. मंगलसूत्र बनाने में खास एक्सपर्टीज रखने वाली कंपनी का कारोबार देश के 24 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ही अमेरिका, न्यूजीलैंड, UAE, ब्रिटेन और फिजी तक फैला है. कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में मंगलसूत्र के 15 कलेक्शन हैं, जिनसे जुड़े 10 हजार एक्टिव SKU कंपनी के पास मौजूद हैं, जो देश की विविधताभरी सांस्कृतिक जरूरतों के आधार पर मंगलसूत्र की जरूरतों को पूरा करता है.
कैसा है कंपनी का बिजनेस मॉडल?
कंपनी का बिजनेस मॉडल डायवर्सिफाइड रेवेन्यू सोर्सेज पर आधारित हे. कंपनी के कई बड़े कॉरर्पोरेट क्लाइंट हैं. इसके अलावा होलसेल जूलर्स को भी सप्लाई दी जाती है. इसके अलावा देश-विदेश में कंपनी के अपने रिटेल स्टोर हैं, जो सीधे एंड यूजर को कंपनी से जोड़ते हैं. कंपनी ने एक इन-हाउस डिजाइनर टीम बनाई है. इस टीम में 22 डिजाइनर और 166 कारीगर हैं.
कौन हैं कंपनी के बड़े क्लाइंट?
कंपनी के कॉर्पोरेट क्लांइट्स में मालबार गोल्ड, टाइटन, रिलायंस रिटेल, नोवल जूल्स, पीएन गाडगिल और UAE की दमास जूलर्स सहित कंपनी के पास कुल 34 कॉर्पोरेट क्लांट्स हैं. इनके अलावा 1,089 व्होलसेलर्स भी कंपनी से जुड़े हैं. इसके अलावा कंपनी 81 रिटेलर्स को भी अपने प्रोडक्ट बेचती है.
क्या है कंपनी का ग्रोथ प्लान?
SBI Securities के आईपीओ नोट के मुताबिक Shringar House of Mangalsutra ने लगातार रेवेन्यू ग्रोथ रिपोर्ट की है. कंपनी अब थर्ड पार्टी फैसिलिटेटर्स के जरिये पूरे देश में सप्लाई चेन का मॉडल खड़ा करना चाह रही है, ताकि रिटेल जूलरी मार्केट को टैप किया जा सके. इसके लिए कंपनी ने 42 शहरों को चिह्नित किया है. इसके अलावा 11 थर्ड पार्टी फैसिलिटेटर्स के साथ समझौता भी कर लिया गया है. इस तरह कंपनी अपने विस्तार पर जोर दे रही है.
क्यों लाया जा रहा IPO?
ब्रोकरेट नोट के मुताबिक कंपनी का बिजिनेस ऑपरेशन कैपिटल इंटेसिव है. क्योंकि, कंपनी को बैंक और बुलियन मार्केट से गोल्ड खरीदना होता है, जहां तुरंत भुगतान करना होता है. जबकि, कंपनी को अपने क्लाइंट्स को अपने प्रोडक्ट 15 से 20 दिन के उधार पर देने पड़ते हैं. लिहाजा, कंपनी को अपना विस्तार करने के लिए वर्किंग कैपिटल को बढ़ाने की जरूरत है. IPO से मिली रकम का इस्तेमाल कंपनी अपने प्रोडक्ट वॉल्यूम और ऑपरेशन के स्केल को बढ़ाने में करेगी.
कैसा है कंपनी का वैल्यूएशन?
SBI Securities के मुताबिक कंपनी अपने ग्रोथ प्लान में कामयाब रहती है कि ऑर्गेनाइज्ड और अनऑर्गेनाइज्ड दोनों ही बाजारों में मंगलसूत्र बिजनेस में अपनी पहुंच को और व्यापक बना लेगी, जिसका असर आने वाले दिनों में कंपनी के रेवेन्यू और बिजनेस पर देखने को मिलेगा. इसके साथ ही SBI ने इस इश्यू को 165 रुपये के अपर प्राइस बैंड पर FY25 के लिए 26x PE के वैल्यूएशन के साथ SUBSCRIBE करने के लिए कहा है.

क्या हैं रिस्क फैक्टर?
कंपनी के सामने सबसे बड़े रिस्क फैक्टर इंडस्ट्री से जुड़े कॉमन फैक्टर हैं. मसलन, क्लाइंट्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो जाना. मैन्युफैक्चरिंग का डायवर्सिफाइड नहीं होना एक जोखिम है. इससे ऑपरेशनल बाधाएं आ सकती हैं. इसके अलावा कंपनी अपनी क्षमता का औसतन 70 फीसदी लगातार इस्तेमाल करती है. ऐसे जरूरत पड़ने पर अचानक प्रोडक्शन बढ़ाने की गुंजाइश कम है.
कैसा है कंपनी के इश्यू का स्ट्रक्चर?
401 करोड़ रुपये का यह इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए 10 सितंबर को खुलेगा और 12 सितंबर तक सब्सक्रिप्शन किया जा सकता है. प्राइस बैंड 155 से 165 रुपये रखा गया है. यह पूरी तरह से फ्रेश इश्यू है. शेयरों की फेस वैल्यू 10 रुपये रखी गई है. इश्यू के बाद कंपनी का मार्केट कैप 1495 से 1591 करोड़ तक हो सकता है.

ग्रे मार्केट में कैसी है प्रतिक्रिया?
इश्यू के ऐलान के साथ ही कंपनी के शेयरों को लेकर ग्रे मार्केट में हलचल देखने को मिल रही है. Investorgain के डाटा के मुताबिक गुरुवार शाम 7 बजे तक ग्रे मार्केट में मंगलसूत्र के शेयरों पर 25 रुपये तक प्रीमियम मिल रहा है, जो 165 रुपये के अपर प्राइस बैंड पर 15 फीसदी के करीब लिस्टिंग गेन का संकेत देता है.
डिसक्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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