उल्टा पड़ रहा ट्रंप का टैरिफ दांव, अमेरिकी लोग चुका रहे कीमत, 32% बढ़कर 78 अरब डॉलर हुआ व्यापार घाटा
US President डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ दांव अब उल्टा पड़ने लगा है. अमेरिकी लोग इसकी कीमत चुका रहे हैं. कारोबार का डाटा बता रहा है कि किस तरह से टैरिफ अमेरिकी इकोनॉमी के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है. अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट की रिपेार्ट के मुताबिक जुलाई में अमेरिका का व्यापार घाटा सालाना आधार पर 32 फीसदी बढ़ गया है.

अमेरिका का व्यापार घाटा जुलाई में तेजी से बढ़कर 78.3 अरब डॉलर हो गया है. यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 32.5% अधिक है. कॉमर्स डिपार्टमेंट के ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक एनालिसिस की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. वहीं, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अर्थशास्त्रियों ने इस महीने व्यापार घाटे को 75.7 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया था. इस तरह व्यापार घाटा अनुमान से ज्यादा रहा है.
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि व्यापार घाटा बढ़ने के पीछे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीतियां है. इन नीतियों की वजह से आयात को लेकर अस्थिरता पैदा हुई है. अमेरिका की एक अपील कोर्ट ने भी पिछले सप्ताह को ट्रंंप की ज्यादातर टैरिफ नीतियों को अवैध करार दिया, जिससे व्यवसायों के लिए अनिश्चितता और बढ़ गई है.
GDP पर भी हो रहा असर
ट्रंप के टैरिफ प्लान की वजह से अमेरिका में फिलहाल औसतन टैरिफ 1934 के बाद सबसे ज्यादा हो गया है. इसका असर अमेरिकी GDP पर भी देखने को मिल रहा है. जुलाई में आयात 5.9% बढ़कर 358.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इसमें वस्तुओं का आयात 6.9% बढ़कर 283.3 अरब डॉलर हुआ. इसमें औद्योगिक आपूर्ति और कच्चे माल का आयात 12.5 अरब डॉलर बढ़ा, जिसमें गैर-मौद्रिक सोने का योगदान 9.6 अरब डॉलर का रहा. पेट्रोलियम आयात अप्रैल 2021 के बाद सबसे कम रहे.
- इसके अलावा कैपिटल गुड्स का आयात 4.7 अरब डॉलर बढ़कर 96.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
- कंप्यूटर, टेलीकॉम इक्विपमेंट्स और इंडस्ट्रियल मशीनरी का आयात भी बढ़ा है.
- सेमीकंडक्टर आयात 0.8 अरब डॉलर घटा है.
- उपभोक्ता वस्तुओं का आयात 1.3 अरब डॉलर बढ़ा है.
- फार्मास्यूटिकल आयात में 1.1 अरब डॉलर की गिरावट आई है.
- व्हीकल, ऑटो पार्ट्स और इंजन का आयात 1.4 अरब डॉलर घटा है.
निर्यात में मामूली वृद्धि
निर्यात 0.3% बढ़कर 280.5 अरब डॉलर रहा. वस्तुओं का निर्यात 0.1% बढ़कर 179.4 अरब डॉलर हुआ. कैपिटल गुड्स का निर्यात 0.6 अरब डॉलर बढ़कर 59.9 अरब डॉलर पर पहुंचा. व्हीकल, ऑटो पार्ट्स और इंजन का निर्यात 0.3 अरब डॉलर बढ़ा. औद्योगिक आपूर्ति और सामग्री का निर्यात 0.2 अरब डॉलर घटा. इसके अलावा गोल्ड के निर्यात में 2.9 अरब डॉलर की बढ़त हुई. कुल वस्तुओं के व्यापार घाटे में 21.2% की वृद्धि दर्ज की गई. चीन के साथ वस्तुओं का व्यापार घाटा 5.3 अरब डॉलर बढ़कर 14.7 अरब डॉलर हुआ. इसके अलावा, मैक्सिको, वियतनाम, यूरोपीय संघ, स्विट्जरलैंड, भारत, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ भी घाटा रहा.
सेवाओं के व्यापार में वृद्धि
सेवाओं का आयात 1.7 अरब डॉलर बढ़कर 75.5 अरब डॉलर पर पहुंचा, जिसमें परिवहन, यात्रा और अन्य व्यावसायिक सेवाओं में वृद्धि रही. सेवाओं का निर्यात 0.6 अरब डॉलर बढ़कर 101.0 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंचा. इसमें परिवहन, इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी फीस और सरकारी सेवाओं का योगदान रहा. हालांकि, व्हाइट हाउस की इमीग्रेशन पॉलिसी के कारण यात्रा सेवाओं में 0.3 अरब डॉलर की कमी आई.
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