सॉफ्टबैंक ने Ola इलेक्ट्रिक में घटाई अपनी हिस्सेदारी, 2.15 फीसदी हिस्सा बेचा; शेयर हुआ धड़ाम

सॉफ्टबैंक ने ओला इलेक्ट्रिक में अपनी 2.15 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी, जिससे इसकी होल्डिंग घटकर 15.68 फीसदी रह गई है. यह सॉफ्टबैंक की IPO के बाद पहली निकासी है. कंपनी के शेयरों में हाल ही में 57 फीसदी की तेजी दर्ज हुई. संस्थापक भाविश अग्रवाल 30.02 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़े शेयरधारक हैं.

ओला इलेक्ट्रिक Image Credit: Getty image

SoftBank Ola Electric Stake Sale: जापानी निवेश दिग्गज सॉफ्टबैंक ग्रुप ने भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता ओला इलेक्ट्रिक में अपनी हिस्सेदारी में कटौती की है. कंपनी ने 94.9 मिलियन शेयर बेचकर अपनी 2.15 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री की है, जिससे उसकी कुल हिस्सेदारी घटकर 15.68 फीसदी रह गई है. यह कदम ओला इलेक्ट्रिक के हाल के दिनों में शानदार शेयर प्रदर्शन के बीच उठाया गया है.

सॉफ्टबैंक की पहली निकासी

रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, सॉफ्टबैंक की निवेश यूनिट SVF II Ostrich (DE) LLC ने 15 जुलाई, 2025 से 2 सितंबर, 2025 के बीच कई लेन-देन में ये शेयर बेचे. इस बिक्री के साथ ही सॉफ्टबैंक ने ओला इलेक्ट्रिक के अगस्त 2024 में IPO के बाद पहली बार अपनी हिस्सेदारी घटाई है. हालांकि, इसके बावजूद सॉफ्टबैंक कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक बना हुआ है. कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष भाविश अग्रवाल 30.02 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़े शेयरधारक हैं.

तेजी से बढ़ते शेयर

सॉफ्टबैंक द्वारा हिस्सेदारी घटाने का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब ओला इलेक्ट्रिक के शेयर कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. कंपनी का शेयर पिछले एक महीने में 57 फीसदी से अधिक चढ़ा है, जो इसके लिस्टिंग के बाद से सबसे अच्छा प्रदर्शन माना जा रहा है. हालांकि गुरुवार को इसका शेयर 6.51 फीसदी गिरकर 64.50 रुपये पर पहुंच गया. पिछले एक सप्ताह में इसके शेयर 26 फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं.

इस तेजी के पीछे मुख्य कारण संस्थापक भाविश अग्रवाल द्वारा कंपनी के वार्षिक ‘संकल्प’ इवेंट में पेश किया गया विकास रोडमैप है. इस रोडमैप में वर्टिकल इंटीग्रेशन और नए प्रोडक्ट लॉन्च के जरिए भारत की इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में 25-30 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है.

वित्तीय प्रदर्शन

इस बीच, कंपनी ने जून तिमाही के लिए बेहतर नतीजे पेश किए हैं और अपना घाटा कम किया है. कंपनी ने Q1FY26 में 428 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड नेट लॉस दर्ज किया, जो पिछली तिमाही के 870 करोड़ रुपये के घाटे से काफी बेहतर है. हालांकि, राजस्व में गिरावट देखी गई, जो घटकर 828 करोड़ रुपये रह गया, जबकि एक साल पहले की इसी तिमाही में यह 1,644 करोड़ रुपये था.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.