PhonePe के IPO पर बड़ा अपडेट, इस तरह पेपर फाइल करने की तैयारी में कंपनी, जानें- कितना बड़ा हो सकता है इश्यू

PhonePe IPO: अमेरिकी हेडक्वार्टर वाली रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट के पास फोनपे में 70 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है. यूपीआई भुगतानों में 45 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी के साथ, फोनपे क्यूआर-आधारित पेमेंट सेक्टर में मार्केट लीडिंग कंपनी है.

फोनपे के आईपीओ पर बड़ा अपडेट. Image Credit: Getty image

PhonePe IPO: वॉलमार्ट समर्थित पेमेंट कंपनी फ़ोनपे ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) पर काम शुरू कर दिया है. कंपनी पेपर जमा करने के लिए गोपनीय फाइलिंग का रूट अपना सकती है और सितंबर के अंत तक IPO के लिए आवेदन कर सकती है. हालांकि, कंपनी द्वारा मांगे जाने वाले वैल्यूएशन के सटीक डिटेल्स अभी फाइनल किए जा रहे हैं, लेकिन अनुमान है कि प्रस्तावित IPO में लगभग 10 फीसदी इक्विटी बिक्री के लिए पेश की जा सकती है. मनीकंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है.

कितना बड़ा हो सकता है पब्लिक ऑफर?

इस प्रक्रिया में फ़ोनपे द्वारा कुछ नई पूंजी जुटाने की भी उम्मीद है, कुल मिलाकर आईपीओ का साइज लगभग 10,000-13,000 करोड़ रुपये (लगभग 1.2-1.5 अरब डॉलर) हो सकता है, जिससे कंपनी का वैल्यूशन लगभग 10-12 अरब डॉलर हो जाएगा. कंपनी का लक्ष्य 2026 की शुरुआत में मार्केट में लिस्ट होना है.

कौन बेच सकता है हिस्सेदारी?

हालांकि यह आईपीओ कुछ निवेशकों को कुछ कैश फ्लो प्रदान कर सकता है, लेकिन फोनपे के प्रमोटर्स वॉलमार्ट द्वारा आगामी आईपीओ में अधिक हिस्सेदारी बेचने की संभावना नहीं है. मनीकंट्रोल के अुनसार, एक बैंकर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘टाइगर ग्लोबल और जनरल अटलांटिक जैसे कुछ छोटे निवेशक आईपीओ के ज़रिए आंशिक रूप से बाहर निकलने की कोशिश कर सकते हैं.’

वॉलमार्ट के पास कितना स्टेक?

निश्चित रूप से, अमेरिकी हेडक्वार्टर वाली रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट के पास फोनपे में 70 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है, जबकि जनरल अटलांटिक और टाइगर ग्लोबल, दोनों के पास 9 फीसदी से भी कम हिस्सेदारी है.

यूपीआई भुगतानों में 45 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी के साथ, फोनपे क्यूआर-आधारित पेमेंट सेक्टर में मार्केट लीडिंग कंपनी है. यह अपने ऐप के जरिए बीमा और लोन सहित अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की पेशकश करने के अलावा, पेमेंट गेटवे सेगमेंट में भी काम करती है.

पब्लिक ऑफर को कौन कर रहा मैनेज?

रिपोर्ट के अनुसार, इस इश्यू के प्रबंधन के लिए इन्वेस्टमेंट बैंकर्स जेपी मॉर्गन, मॉर्गन स्टेनली, सिटीग्रुप और कोटक महिंद्रा कैपिटल को नियुक्त किया गया है. दिसंबर 2015 में मूल रूप से फ्लिपकार्ट की एक सहायक कंपनी के रूप में स्थापित, फोनपे का स्वामित्व ढांचा वॉलमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट में निवेश के बाद बदल गया. इसके बाद, दिसंबर 2020 में वॉलमार्ट ने फोनपे को अपनी सहायक कंपनी के रूप में पुनर्गठित किया और इसे फ्लिपकार्ट से अलग कर दिया.

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