व्हाट्सऐप ग्रुप से बैंक खाता खाली! बढ़ रहे हैं ये खतरनाक ट्रेंड; गुरुग्राम में 6 महीने में 16000 केस दर्ज

गुड़गांव में एक ऐसा ऑनलाइन खतरा तेजी से फैल रहा है, जो आम लोगों से लेकर प्रोफेशनल तक को अपनी गिरफ्त में ले रहा है. सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए फैल रहा यह जाल इतना पेचीदा है कि फंसने के बाद बच पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है.

साइबर क्राइम Image Credit: Jaap Arriens/NurPhoto via Getty Images

जल्दी और ज्यादा पैसा कमाने की चाहत अब ठगों के लिए सुनहरा मौका बन गई है. गुरुग्राम शहर में ऑनलाइन निवेश फ्रॉड सबसे आम साइबर अपराध बन चुका है. पुलिस के मुताबिक, इस साल की पहली छमाही में दर्ज 16,000 साइबर शिकायतों में से करीब 40 फीसद मामले इसी तरह की ठगी के हैं. इनमें टेक प्रोफेशनल से लेकर गृहिणी और रिटायर लोग तक फंस रहे हैं.

पुलिस के मुताबिक, ज्यादातर गिरोह विदेश से ऑपरेट करते हैं. ये टेलीग्राम, व्हाट्सऐप ग्रुप, फेक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म या शेयर ट्रेडिंग ऐप के जरिए लोगों को जोड़ते हैं. शुरू में मामूली नकली मुनाफा दिखाकर भरोसा जीतते हैं, फिर बड़ी रकम निवेश करवा लेते हैं. इसके बाद वेबसाइट और संपर्क दोनों गायब हो जाते हैं.

मिनटों में उड़े करोड़ों

टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, सेक्टर 23 के 57 वर्षीय कर्मचारी को एक व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए स्टॉक मार्केट सिखाने के बहाने 1.3 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया. पैसे निकालने पर 20 लाख रुपये ‘इन्वेस्टर टैक्स’ मांगा गया और रकम न देने पर संपर्क तोड़ दिया गया.

फरीदाबाद में एक सीए की बेटी से फेसबुक लिंक के जरिए 7.6 करोड़ रुपये ठग लिए गए. पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन रकम की पूरी वसूली मुश्किल रही.

म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल

इन ठगी में ‘म्यूल अकाउंट’ अहम कड़ी हैं, यानी वैध बैंक खातों को किराए पर लेकर ठग पैसे पार्क करते हैं. 40 फीसदी गिरफ्तार आरोपी ऐसे लोग थे जिन्होंने 30000 से 2 लाख रुपये तक के कमीशन के लालच में अपने खाते ठगों को दे दिए. कई लोग दावा करते हैं कि उन्हें असली मकसद की जानकारी नहीं थी.

कैसे बचें

फ्रॉड का शिकार होने पर