Vivo का पहला मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट Apple Vision Pro से कितना अलग, कौन सा खरीदना बेहतर

Vivo ने अपनी पहली मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट, विवो विजन डिस्कवरी एडिशन लॉन्च करके इस क्षेत्र में कदम रखा है. लोग इसे एपल विजन प्रो से तुलना कर रहे है, जो इस कैटेगरी में सबसे ज्यादा चर्चित प्रोडक्ट है. एपल अपने इकोसिस्टम और सॉफ्टवेयर के दम पर विजन प्रो को प्रीमियम यूजर्स के लिए खास बनाना चाहता है, जबकि Vivo कम कीमत में हाई-एंड फीचर्स देने की कोशिश कर रहा है.

Vivo Vision vs Apple Vision Pro Image Credit: Money 9 Live

Vivo Vision vs Apple Vision Pro: Vivo ने अपनी पहली मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट, विवो विजन डिस्कवरी एडिशन लॉन्च करके इस क्षेत्र में कदम रखा है. लोग इसे एपल विजन प्रो से तुलना कर रहे है, जो इस कैटेगरी में सबसे ज्यादा चर्चित प्रोडक्ट है. दोनों हेडसेट ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) का अनुभव देने का वादा करते हैं, लेकिन इनके फीचर्स, कीमत और डिजाइन में काफी अंतर है. ऐसे में आइए आज हम आपको दोनों के बारे में विस्तार से बताते है.

एपल अपने इकोसिस्टम और सॉफ्टवेयर के दम पर विजन प्रो को प्रीमियम यूजर्स के लिए खास बनाना चाहता है, जबकि Vivo कम कीमत में हाई-एंड फीचर्स देने की कोशिश कर रहा है. अभी दोनों डिवाइस कुछ चुनिंदा देशों में ही उपलब्ध हैं, लेकिन ये दिखाते हैं कि मिक्स्ड रियलिटी टेक्नोलॉजी कितनी तेजी से बढ़ रही है.

कीमत और उपलब्धता

एपल विजन प्रो अमेरिका में उपलब्ध है और इसकी शुरुआती कीमत $3,499 (लगभग 2.90 लाख रुपये) है. वहीं, विवो विजन की कीमत अभी आधिकारिक तौर सामने नहीं आई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी कीमत CNY 10,000 (लगभग 1.21 लाख रुपये) हो सकती है. अगर ये सही है, तो Vivo का हेडसेट एपल के मुकाबले काफी सस्ता होगा. अभी तक दोनों कंपनियों ने भारत में लॉन्च की कोई पुष्टि नहीं की है.

एपल विजन प्रो- क्या है खास?

एपल विजन प्रो एक प्रीमियम डिवाइस है, जिसमें कंपनी ने अपनी सबसे हाईटेक तकनीक डाली है. इसमें डुअल माइक्रो OLED स्क्रीन हैं, जिनमें कुल 23 मिलियन पिक्सल हैं, जो बहुत साफ और शार्प तस्वीरें देती हैं. यह फोविएटेड रेंडरिंग को सपोर्ट करता है, यानी जहां आप देखते हैं, वहां की तस्वीर ज्यादा साफ होती है.

यह हेडसेट M2 चिप और नए R1 प्रोसेसर से पावर लेता है, जो 12 कैमरों, 5 सेंसर्स और 6 माइक्रोफोन्स से जानकारी प्रोसेस करता है. इसमें LiDAR और TrueDepth कैमरे हैं, जो आसपास के माहौल को स्कैन करते हैं और हैंड ट्रैकिंग में मदद करते हैं. एपल का दावा है कि यह सिर्फ 12 मिलीसेकंड की देरी के साथ शानदार विजुअल्स देता है.

इसके अलावा, इसमें स्पेशियल ऑडियो है, जो सुनने का अनुभव बेहतर बनाता है. Optic ID नाम की तकनीक आंखों की स्कैनिंग से डिवाइस को सुरक्षित रखती है. अगर आप चश्मा पहनते हैं, तो इसके लिए Zeiss ऑप्टिकल इंसर्ट्स भी हैं. यह visionOS ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, ज़ूम, सिस्को और डिज्नी जैसे ऐप्स सपोर्ट करते हैं. Persona फीचर वीडियो कॉल के लिए आपका डिजिटल चेहरा बनाता है.

Vision विजन डिस्कवरी एडिशन- फीचर्स और डिजाइन

Vivo का पहला मिक्स्ड रियलिटी हेडसेट डिजाइन में एपल विजन प्रो जैसा दिखता है. इसमें ग्लास का फ्रंट, हटाने योग्य फैब्रिक सील्स और एक बाहरी बैटरी पैक है, जो ब्रेडेड केबल से जुड़ा है. इसका वजन 398 ग्राम है और इसे आरामदायक बनाने के लिए कई पैडिंग ऑप्शन्स हैं.

Vivo विजन में डुअल बाइनोकुलर 8K माइक्रो-OLED डिस्प्ले हैं, जो शानदार रंग और साफ तस्वीरें देते हैं. यह क्वालकॉम स्नैपड्रैगन XR2+ Gen 2 चिप से पावर लेता है और ब्लू ओशन पावर मैनेजमेंट सिस्टम से बैटरी की खपत कम करता है. कंपनी का दावा है कि इसकी देरी सिर्फ 13 मिलीसेकंड है, जो एपल के करीब है.

इसमें 1.5-डिग्री सटीक आई ट्रैकिंग और 26-डिग्री डेप्थ ऑफ फील्ड के साथ जेस्चर रिकग्निशन है. यह 180-डिग्री पैनोरमिक व्यू, 120-इंच का वर्चुअल सिनेमा स्क्रीन और स्पेशियल ऑडियो देता है। आप इसके जरिए 3D वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं, स्पेशियल फोटो खींच सकते हैं और पीसी या स्मार्टफोन का कंटेंट मिरर कर सकते हैं. हालांकि, कुछ खास फीचर्स सिर्फ Vivo के चुनिंदा फोन्स के साथ काम करते हैं. यह OriginOS Vision पर चलता है, जो मल्टी-विंडो प्रोडक्टिविटी, इमर्सिव वीडियो, ई-स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग और गेम कास्टिंग को सपोर्ट करता है.

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