AI से किसकी जाएगी नौकरी? जानिए किस पर मंडरा रहा है खतरा, मिला चौंकाने वाला जवाब
News9 Global Summit 2025 दुबई में आयोजित हुआ, जहां AI पर चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि यह सिर्फ तकनीकी उथल-पुथल नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक बदलाव है. कुलदीप मिरानी, सत्यमित्र मान और अन्य वक्ताओं ने बताया कि AI नौकरियों को खत्म नहीं करेगा, बल्कि उन लोगों को प्रभावित करेगा जो इसका प्रयोग नहीं जानते. साथ ही, AI में हो रहे भारी निवेश पर भी सतर्कता बरतने की सलाह दी गई.

News9 Global Summit in Dubai: 19 जून को दुबई में आयोजित News9 Global Summit में कई मशहूर हस्तियां शामिल हुईं. समिट की थीम India–UAE Partnership for Prosperity and Progress थी. पिछले कुछ समय से AI को लेकर चर्चा जोरों पर है. कुछ लोगों का मानना है कि AI के कारण नौकरियां चली जाएंगी, जबकि कुछ इसे रोजगार में बढ़ोतरी का अवसर मानते हैं. इस समिट के AI Boom: Sifting Hype From Reality सत्र में AI पर विस्तार से चर्चा हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए.
ऐसे हुई चर्चा की शुरुआत
News9 के ग्रुप एडिटर (बिजनेस एंड इकोनॉमी) आर. श्रीधरन ने AI पर चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह जानने में समय बिता रहे हैं कि यह टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करेगी, तो वहीं कुछ लोग एआई को इस रूप में देख रहे हैं कि इसका लाभ उठाकर वे अपनी नौकरी को कैसे बचाए रखें. उन्होंने स्पष्ट किया कि एआई उन लोगों की जगह नहीं लेगा जो इसे समझकर प्रयोग में ला रहे हैं, बल्कि उन लोगों का नुकसान करेगा जो इसका उपयोग करना नहीं जानते.
AI के कारण किसकी जाएगी नौकरी?
कुछ बड़े इंवेस्टमेंट बैंक का अनुमान है कि अगले 10 वर्षों में एआई लगभग 300 मिलियन नौकरियां खत्म कर सकता है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कुलदीप मिरानी (BeyondSeed के को-फाउंडर और सीईओ) ने कहा, “बेशक AI एक हकीकत है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह खुद से नौकरियों को खत्म करेगा. यह उन लोगों की नौकरियां लेगा जो AI का अभ्यास नहीं कर रहे. हमें इसे अपनाना होगा.”
उन्होंने आगे कहा कि “मैं इसे क्रांति नहीं मानता बल्कि ‘AI illusion’ मानता हूं. हर स्टार्टअप केवल अपने वैल्यूएशन को बढ़ाने के लिए अपने नाम में AI जोड़ रहा है, लेकिन कोई वैल्यू की बात नहीं कर रहा.”
कोई नहीं जानता AI कैसे करता है परफॉर्म
Dr. Abed Benaichouche (इंडस्ट्रियल एआई और डेटा विश्लेषण में विशेषज्ञ) ने एआई पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि एआई अपने आप में एक गलती है. एआई मॉडल लगातार बेंचमार्क स्थापित कर रहे हैं लेकिन कोई नहीं जानता कि एआई वास्तव में क्यों और कैसे परफॉर्म करता है, बस इतना जानते हैं कि एआई परफॉर्म करता है.
AI में निवेश से पहले सतर्कता जरूरी
सत्यमित्र मान ( Accely Global में डायरेक्टर, इनोवेशन) ने कहा कि “हर साल 50 अरब डॉलर से अधिक AI में निवेश किया जा रहा है, लेकिन उसमें से 60 से 70 प्रतिशत केवल दिखावे वाले प्रोजेक्ट्स में जा रहा है, जिनका कोई ठोस उपयोग नहीं है.” उन्होंने AI को “ह्यूमन इंटेलिजेंस” के पूरक के रूप में इस्तेमाल करने पर जोर दिया न कि उसके विकल्प के तौर पर.
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सेशन की अहम बातें
- निवेशक अब substance की मांग कर रहे हैं, slides की नहीं.
- AI को लेकर जागरूकता की कमी जल्द ही digital divide से भी बड़ी समस्या बन सकती है.
- कंपनियों को चाहिए कि वे स्थानीय भाषाओं में AI के व्यावहारिक उपयोग पर ध्यान दें और बड़े rollout से पहले छोटे pilot projects से शुरुआत करें.
सेशन के अंत में आर. श्रीधरन ने कहा , “AI से बचना तो संभव नहीं, लेकिन बिना समझे उस पर आंख बंद कर भरोसा करना भी उतना ही खतरनाक है.”
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