Online Shopping पर सकती है भारी, फेक ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए ठगी, इन टिप्स को फॉलो कर रहें सेफ

ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के साथ ही साइबर ठग अब फेक ई-कॉमर्स वेबसाइटों के जरिए लोगों को ठगने में जुट गए हैं. देशभर में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जहां ग्राहक को सामान तो नहीं मिला, लेकिन बैंक अकाउंट खाली हो गया.

Online Shopping Cyber Fraud Image Credit: Canva/ Money9

Online Shopping Cyber Fraud: ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के साथ ही अब साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया तरीका खोज लिया है. फेक ई-कॉमर्स वेबसाइटों के जरिए ये ठग ग्राहकों को आकर्षक ऑफरों और भारी छूट के लालच में फंसाते हैं. लोग मोबाइल, कपड़े या इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उत्पाद ऑर्डर करते हैं, लेकिन न तो सामान मिलता है, न पैसा वापस. कई मामलों में तो वेबसाइट कुछ ही दिनों में गायब हो जाती है और तब तक ठग हजारों-लाखों रुपये की ठगी कर चुके होते हैं. देशभर के साइबर सेल और पुलिस विभागों में ऐसे मामलों की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं. ऑनलाइन खरीदारी का फायदा उठाकर अपराधी अब तकनीक की आड़ में आम उपभोक्ता की जेब पर वार कर रहे हैं.

ये ठगी है क्या?

यह एक प्रकार की ऑनलाइन फ्रॉड है जिसमें अपराधी असली वेबसाइटों जैसी नकली वेबसाइटें बनाते हैं. इन वेबसाइटों का डिजाइन, लोगो और ऑफर इतने असली लगते हैं कि ग्राहक आसानी से धोखा खा जाते हैं. इन साइटों का मकसद ग्राहकों से पैसे ऐंठना या उनकी बैंक डिटेल्स हासिल करना होता है.

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ठगी होती कैसे है?

साइबर ठग किसी प्रसिद्ध ब्रांड की वेबसाइट या ऐप की हूबहू कॉपी तैयार करते हैं. वे सोशल मीडिया, ईमेल या गूगल ऐड्स के जरिए ग्राहकों को सस्ते ऑफर दिखाकर लुभाते हैं. जब कोई व्यक्ति ऑर्डर करता है, तो भुगतान के बाद या तो उसे नकली या घटिया उत्पाद भेजा जाता है, या फिर वेबसाइट पूरी तरह गायब हो जाती है. कुछ मामलों में ग्राहक के कार्ड या बैंक अकाउंट से अतिरिक्त पैसे भी निकाले जाते हैं.

ठगी से बचने के लिए क्या करें?