महंगे फोन का शौक बना जंजाल, EMI नहीं चुका पा रहे लोग, कंपनियां परेशान

महंगे स्मार्टफोन लोन पर खरीदना अब लोगों के लिए परेशानी बन रहा है. चकाचौंध में आकर लोग फोन तो ले लेते हैं, लेकिन EMI समय पर नहीं चुका पाते, जिससे लोन डिफॉल्ट हो रहे हैं. मोबाइल फोन फाइनेंसिंग पर डिफॉल्ट रेट 2.7-2.9 फीसदी है, जबकि 2 फीसदी की उम्मीद थी. फाइनेंस कंपनियां सख्ती बढ़ा रही हैं और हाई-रिस्क इलाकों में लोन सीमित कर रही हैं.

Smartphone loan defaults surge Image Credit: Canva/ Money9

Smartphone loan defaults surge: आज के वक्त में स्मार्ट और महंगे फोन खरीदना लोगों की जरूरत नहीं, बल्कि शौक बन गया है. लेकिन अब उनका यही शौक परेशानी का सबब बनता जा रहा है. चकाचौंध से प्रभावित होकर लोग फोन खरीद तो लेते हैं, लेकिन समय पर उसका EMI नहीं चुका पाते हैं. किस्त ना देने पर लोन डिफॉल्ट हो जाता है. ब्रांड्स और रिटेलर्स हाई-एंड प्रीमियम स्मार्टफोन की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए कंज्यूमर ड्यूरेबल फाइनेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन डिफॉल्ट रेट बढ़ रही हैं.

ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल फोन फाइनेंस पर डिफॉल्ट रेट 2.7 फीसदी से 2.9 फीसदी के बीच है, जबकि आमतौर पर 2 फीसदी की उम्मीद की जाती है. इससे निपटने के लिए कुछ इलाकों में जहां डिफॉल्ट ज्यादा है, फाइनेंस कंपनियां स्टोर की रेटिंग कम कर रही हैं और अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले कस्टमर्स को ही लोन दे रही हैं. यानी अब हर किसी के लिए लोन लेना आसान नहीं रह जाएगा.

फाइनेंस कंपनियों की सख्ती बढ़ी

मोबाइल फोन फाइनेंस पर बढ़ रहे डिफॉल्ट से निपटने के लिए फाइनेंस कंपनियां सख्त होती जा रही है. सख्ती का आलम यह है कि कर्नाटक में निर्देश दिया गया है कि रिकवरी एजेंट्स शाम 6 बजे के बाद लोन रिकवर नहीं कर सकते हैं. हाई-रिस्क पिन कोड्स को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया जा रहा है. यानी उस इलाके में लोन ले पाना मुश्किल हो जाएगा, जिस इलाके में लोन डिफॉल्ट की संख्या बढ़ रही है. ET को एक टॉप स्मार्टफोन ब्रांड के सेल्स एग्जीक्यूटिव ने बताया कि डिफॉल्ट रेट अलग-अलग एनबीएफसी और प्राइवेट बैंकों में अलग हैं. हर साल मोबाइल फोन खरीद के लिए दिए जाने वाले लोन में से 2.7-2.9 फीसदी डिफॉल्ट हो रहे हैं.

यह सब तब हो रहा है जब हर तीन में से एक स्मार्टफोन क्रेडिट पर खरीदा जा रहा है. काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, ब्रांड्स अफोर्डेबिलिटी मेजर्स का इस्तेमाल करके कस्टमर्स को प्रीमियम डिवाइस की तरफ अपग्रेड करा रहे हैं.

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कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की ग्रोथ घटी

कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन FY25 में काफी स्लो हो गए. इसमें स्मार्टफोन खरीद के लोन भी शामिल हैं. CRIF Highmark के डाटा के अनुसार कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन वैल्यू में सिर्फ 3.3 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी हुई और यह 1.6 लाख करोड़ रुपये पहुंचा. जबकि FY24 में 18 फीसदी की ग्रोथ थी. आमतौर पर स्मार्टफोन सभी कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन का एक चौथाई हिस्सा होते हैं.

CRIF रिपोर्ट में डेलिंक्वेंसी की डिटेल्स

जून 2025 में पब्लिश हुई CRIF रिपोर्ट के मुताबिक, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन के पोर्टफोलियो में FY25 में 14.5 फीसदी की सालाना ग्रोथ रह गई, जो FY24 में 32.7 फीसदी थी. 31-90 दिनों के सेगमेंट वाले पोर्टफोलियो एट रिस्क 1.3 फीसदी हो गया, जो पहले 1.2 फीसदी था. 180 दिनों से ज्यादा डिफॉल्ट्स FY25 में 2.1 फीसदी पहुंच गए, जो FY24 में 1.9 फीसदी थे. हर कैटेगरी में डिफॉल्ट की दर बढ़ रही है.