‘Failed Marshal’ मुनीर का आतंकिस्तान मांगने चला भीख, बना रहा 490 करोड़ डॉलर कर्ज लेने की योजना
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत से बुरी तरह मार खाने के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिफ मुनीर ने खुद को फील्ड मार्शल घोषित करा लिया है. लेकिन, असल में मुनीर फेल्ड मार्शल साबित हो रहे हैं. क्योंकि, पाकिस्तान इसी महीने आईएमएफ से मिले कर्ज के बाद फिर से कर्ज मांगने की तैयारी में जुट गया है.

पहलगाम हमले के बाद भारत से मार खाने के बाद आतंकिस्तान खुद को विजेता बताते नहीं थक रहा है. यहां तक कि आतंक की सेना के जिहादी जनरल आसिफ मुनीर को प्रमोट कर फील्ड मार्शल भी बना दिया गया है. हालांकि, जैसे ही फेल्ड मार्शल की नजर मक्कारी के सितारों हटकर जेब पर गई, तो समझ आया कि उसे फिर से कर्ज मांगना है. क्योंकि, पाकिस्तान की सरकार ने ग्रोथ टार्गेट हासिल कर पाने से हाथ खड़े कर दिए हैं. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पाकिस्तानी सरकार को 3.6 फीसदी ग्रोथ का लक्ष्य मिला था. लेकिन, अब सरकार का कहना है कि सिर्फ 2.68 फीसदी ग्रोथ ही संभव है.
फिर से कर्ज की तैयारी
पाकिस्तान सरकार कथित तौर पर अपनी बाहरी वित्तपोषण जरूरतों को पूरा करने और अपने विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकों से 490 करोड़ डॉलर उधार लेने की योजना बना रही है. यह तब हुआ है, जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान को 100 करोड़ डॉलर का बेलआउट पैकेज जारी किया है.
क्या है पाकिस्तान की योजना
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान योजना अंतरराष्ट्रीय बैंकों से 7 से 8 फीसदी की दर पर बिना किसी सख्त शर्तों के 264 करोड़ डॉलर का शॉर्ट टर्म लोन लेने की है. इसके अलावा सरकार बैंकों से लॉन्गटर्म के लिए 227 करोड़ डॉलर की मांग कर रही है.
कौन देगा कर्ज
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार चार प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बैंकों के संपर्क में है. इनमें इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना से 110 करोड़ डॉलर के कर्ज की मांग की गई है. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और दुबई इस्लामिक बैंक से 50-50 करोड़ डॉलर मांगे गए हैं. इसके अलावा एशियाई विकास बैंक 50 करोड़ डॉलर का कर्ज मांगा गया है.
क्यों लेना पड़ रहा कर्ज
पाकिस्तान के पास फिलहाल 14 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जिससे पाकिस्तान के तीन महीने के आयात बिल को कवर किया जा सकता है. आईएमएफ की शर्तों के हिसाब से पाकिस्तान को अपना फॉरेक्स रिजर्व न्यूनतम 13.9 अरब डॉलर के स्तर पर बनाए रखना है. लेकिन, भारत के साथ हुई झड़प में पाकिस्तान को जो नुकसान हुआ है, उससे पाकिस्तान का आयात बिल काफी ज्यादा बढ़ सकता है. ऐसे में पाकिस्तान नहीं चाहता कि आईएमएफ की किसी शर्त का उल्लंघन हो और 700 करोड़ डॉलर के बेलआउट पैकेज की अगली किस्त अटक जाए.
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