ट्रंप के बाद NATO की भारत-चीन को धमकी, रूस के साथ किया व्यापार तो लगेगा 500% टैरिफ

नाटो महासचिव मार्क रूट और डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, चीन और ब्राजील को रूस के साथ व्यापार को लेकर कड़ी चेतावनी दी है. रूस-यूक्रेन युद्धविराम में देरी पर 100-500 फीसदी टैरिफ की धमकी दी गई है. भारत, जो अपनी 85 फीसदी तेल जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है, रूस से 40 फीसदी तेल आयात करता है. क्या यह भू-राजनीतिक तनाव भारत की ऊर्जा रणनीति को प्रभावित करेगा?

Western Sanction On Russia Image Credit: Canva/ Money9

Western Sanction on Russia: डोनाल्ड ट्रंप के बाद नाटो (North Atlantic Treaty Organization) महासचिव मार्क रूट ने भी भारत, चीन समेत कई देशों को धमकी भरी चेतावनी दी है. 15 जुलाई को उन्होंने कहा कि यदि भारत, चीन और ब्राजील रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं, तो उन पर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे. यह बयान ट्रंप के उस चेतावनी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि 50 दिनों के भीतर रूस, यूक्रेन के साथ युद्धविराम संधि पर हस्ताक्षर नहीं करता है, तो उस पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा. हालांकि, यह टैरिफ सैकेंडरी होगा, यानी इसका असर उन देशों पर पड़ेगा जो रूस के साथ व्यापार करते हैं.

पुतिन को 50 दिन की मोहलत

ट्रम्प ने सोमवार को व्हाइट हाउस में नाटो महासचिव मार्क रूट के साथ बैठक के दौरान कहा था कि “यदि वे (पुतिन) 50 दिनों के भीतर समझौता नहीं कर पाते हैं, तो हम बहुत कठोर टैरिफ लगाएंगे, टैरिफ लगभग 100 फीसदी होगा.” नाटो प्रमुख के भी सुर ट्रंप से मिलते-जुलते हैं. रॉयटर्स के अनुसार, रूट ने कहा, “यूक्रेन को लेकर रूस पर लगाए गए सेकेंडरी सेंक्शन चीन, भारत और ब्राजील जैसे देशों को बहुत बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं.” ट्रंप और नाटो प्रमुख के बाद सीनेटर लिंडसे ग्राहम और रिचर्ड ब्लूमेंथल ने भारत सहित अन्य देशों को चेतावनी दी है कि यदि वे रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं तो उन पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

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भारत-चीन पर 500 फीसदी टैरिफ की चेतावनी

नाटो प्रमुख ने कांग्रेस में अमेरिकी सीनेटरों के साथ बैठक में हिस्सा लिया. ET के अनुसार संयुक्त बयान में चीन, भारत और ब्राजील को ऐसे देशों के रूप में उल्लेख किया गया है, जो सस्ते रूसी तेल और गैस खरीदकर पुतिन को युद्ध में सहारा दे रहे हैं, जिससे संघर्ष को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने रूस की मदद करने वाले किसी भी देश पर 500 फीसदी तक का शुल्क लगाने का की बात कही है.

भारत अपनी जरूरतों का 85 फीसदी तेल आयात करता है

अमेरिका और रूस के बीच बहुत कम व्यापार है. इसलिए ट्रंप के सेकेंडरी टैरिफ का असर उन देशों पर पड़ेगा, जो रूस से कच्चा तेल आयात करते हैं. इससे रूस की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है. भारत अपनी कच्चे तेल की 85 फीसदी से अधिक जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है.

फरवरी 2022 में मास्को के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, वेस्टर्न सेक्शन ने रूसी उत्पादकों को भारी छूट देने के लिए मजबूर किया, जिससे भारतीय रिफाइनर ने रूस से कच्चे तेल खरीदना शुरू किया. भारत, रूस से अपनी कुल जरूरतों का 40 फीसदी तेल आयात करता है. ग्लोबल कमोडिटी ट्रैकिंग फर्म केप्लर के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछले महीने 2.08 मिलियन बैरल प्रतिदिन (BPD) रूसी कच्चे तेल का आयात किया, जो जुलाई 2024 के बाद से सबसे अधिक है.

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