H-1B वीजा और टैरिफ पर तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री से मिले एस जयशंकर, जानें क्या निकला नतीजा?

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इन दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में शामिल होने न्यूयॉर्क पहुंचे हैं. इस दौरान UNGA से हटकर उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से द्विपक्षीय मुलाकात की. H-1B वीजा और ट्रंप टैरिफ के मुद्दों के बीच जुलाई के बाद यह दोनों नेताओं की पहली मुलाकात है.

न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेशी मंत्री के साथ जयशंकर Image Credit: X/DrJaishankar

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सोमवार को यूएस सीनेट के मार्को रूबियो से मुलाकात की. जयशंकर फिलहाल 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सत्र के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे हैं. UNGA की बैठकों के बीच सोमवार 22 अप्रैल को दोनों नेताओं ने लोटे न्यूयॉर्क पैलेस में द्विपक्षीय मुलाकात की है. अमेरिका की तरफ से भारत पर 25% पेनाल्टी टैरिफ लगाए जाने के बाद यह पहली हाई लेवल मीटिंग है. इसके अलावा यह मुलाकात उस समय हुई है, जब H-1B वीजा फीस को लेकर भी तनाव की स्थिति है.

जयशंकर-रूबियो द्विपक्षीय वार्ता

जयशंकर न्यूयॉर्क रविवार को पहुंचे थे. रूबियो से मुलाकात के बाद उन्होंने X पर लिखा, “आज न्यूयॉर्क में मार्को रूबियो से मिलकर अच्छा लगा. हमारी बातचीत में कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. हमने प्राथमिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर संवाद की आवश्यकता पर सहमति जताई. हम संपर्क में रहेंगे.” जयशंकर अमेरिका में कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ताओं में हिस्सा लेंगे और 27 सितंबर को UNGA में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

जयशंकर और रुबियो की पिछली मुलाकात जुलाई में वाशिंगटन डीसी में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए हुई थी. बहरहाल, भारत के उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी अमेरिका में मौजूद हैं और ट्रेल डील पर बातचीत कर रहे हैं.

व्यापार समझौते पर चर्चा

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर को एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका पहुंचे हैं. उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच जल्द ही व्यापार समझौते को लेकर हल निकलेगा. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक गोयल की यात्रा का मकसद दोनों पक्षों के लिए लाभकारी व्यापार समझौते का जल्दी निष्कर्ष निकालना है.

इससे पहले 16 सितंबर को अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव कार्यालय के अधिकारियों ने भारत का दौरा किया था, जिसमें व्यापार समझौते के कई पहलुओं पर सकारात्मक चर्चा हुई. दोनों पक्ष अब इसे तेज गति से अंतिम रूप देने पर सहमत हैं.

H-1B वीजा मामला

अमेरिका ने H-1B वीजा आवेदन शुल्क बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपये कर दिया है. इसकी वजह से 285 अरब डॉलर के भारतीय आईटी सेक्टर के लिए चुनौती बढ़ गई है. नैसकॉम ने चेतावनी दी है कि इससे ऑनशोर प्रोजेक्ट्स की व्यवसायिक निरंतरता प्रभावित हो सकती है. वहीं, अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यह कदम इस वीजा के गलत इस्तेमाल को रोकने और केवल ‘हाई स्किल’ कर्मचारियों को लाने के लिए है. अधिकारियों का मानना है कि इससे अमेरिकी मजदूरों के लिए नौकरियां सृजित और संरक्षित होंगी. पिछले साल भारत H-1B वीजा का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा, और 71% वीजा रेकमेंडेशन भारतीयों को मिले थे.

50% टैरिफ का भार

यह बैठक अमेरिका द्वारा भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने के बाद हो रही है, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है. जयशंकर और रूबियो की पिछली मुलाकात जुलाई में वॉशिंगटन DC में हुई थी, क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान. विश्लेषकों का मानना है कि ये चर्चा भारत-अमेरिका व्यापार और वीजा नीति के अगले कदम तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है.