भारत के S-400 की ताकत से डरा पाकिस्तान, चीन के हथियार फेल होने के बाद तुर्की की शरण में पहुंचा

पाकिस्तान अब अपनी हवाई रक्षा के लिए तुर्की के सिपर-1 और सिपर-2 सिस्टम की ओर देख रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के HQ-16 और HQ-9 सिस्टम भारत के साथ हाल के युद्ध में असफल रहे. 7 मई 2025 को भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया.

तुर्की की शरण में पाक Image Credit: Money 9

Pakistan and Turkey: पाकिस्तान को भारत से करारी हार के बाद बड़ा झटका लगा है. चीन से खरीदे गए HQ-9 और LY-80 एयर डिफेंस सिस्टम भारत के हमलों के सामने पूरी तरह नाकाम रहे. भारत की S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया. इस हार के बाद, पाकिस्तान अब तुर्की के SEPER एयर डिफेंस सिस्टम की ओर देख रहा है और इसके लिए तुर्की से मदद मांगने को तैयार है. भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सफलता ने पाकिस्तान को अपनी स्ट्रैटेजी पर एक बार फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है.

अब तुर्की भरोसे पाकिस्तान

इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग के अनुसार, पाकिस्तान अब अपनी हवाई रक्षा के लिए तुर्की के सिपर-1 और सिपर-2 सिस्टम की ओर देख रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के HQ-16 और HQ-9 सिस्टम भारत के साथ हाल के युद्ध में असफल रहे. 7 मई 2025 को भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. भारतीय वायुसेना के राफेल जेट ने फ्रांस के स्कैल्प क्रूज मिसाइलों से आतंकी ठिकानों और पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर सटीक हमले किए. पाकिस्तान के HQ-16 और HQ-9 सिस्टम एक भी मिसाइल को रोक नहीं पाए.

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बेकार साबित हुई चीन की एयर डिफेंस सिस्टम

भारत की रडार जैमिंग और सिग्नल की तकनीकों ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया. इन हमलों ने आतंकी ठिकानों के साथ-साथ लाहौर और सियालकोट में HQ-9 लॉन्चर को भी नष्ट कर दिया. इससे चीनी तकनीक की कमजोरी उजागर हुई. HQ-16 की रेंज 40-70 किमी और HQ-9 की रेंज 200-300 किमी है. ये सिस्टम विमानों, क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए बनाए गए थे. लेकिन ये भारत की कम ऊंचाई वाली स्कैल्प मिसाइलों को नहीं रोक पाए.

एक नजर तुर्की के SEPER एयर डिफेंस सिस्टम पर…

यहीं कारण है कि पाकिस्तान अब तुर्की के सिपर सिस्टम की ओर देख रहा है. सिपर ब्लॉक-1 70 किमी तक के लक्ष्यों को निशाना बना सकता है. यह HQ-16 की तरह है. लेकिन इसमें बेहतर रडार और गाइडेंस सिस्टम हैं. यह इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप को झेल सकते हैं. सिपर ब्लॉक-2 साल 2026 तक तुर्की वायुसेना में शामिल होगा. यह 150 किमी की रेंज के साथ HQ-9 का ऑप्शन हो सकता है. यह सिस्टम स्टील्थ और जैमिंग खतरों से निपटने के लिए बनाया गया है.

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