भारत के 25 लाख कामगारों को मिलेगा सीधा फायदा, सऊदी अरब ने बदला कफाला सिस्टम; अब नहीं रहेंगी पाबंदियां
सऊदी अरब ने दशकों पुराना कफाला सिस्टम खत्म कर प्रवासी श्रमिकों को बड़ी राहत दी है. इस ऐतिहासिक कदम से लगभग 25 लाख भारतीय कामगारों को सीधा फायदा मिलेगा. अब उन्हें नौकरी बदलने, देश आने-जाने और कानूनी सुरक्षा की आजादी मिलेगी. यह सुधार क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की Vision 2030 योजना के तहत लागू किया गया है.
Saudi Arabia Kafala system: सऊदी अरब ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए दशकों पुराना कफाला सिस्टम समाप्त कर दिया है. इस कदम का सीधा लाभ वहां काम करने वाले लगभग 13 मिलियन प्रवासी श्रमिकों, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय कामगार भी शामिल हैं, को मिलेगा. इससे उन्हें नौकरी बदलने, देश आने-जाने और कानूनी सुरक्षा की नई आजादी मिली है. जून 2025 में घोषित यह निर्णय राज्य के श्रम बाजार में एक बड़ा बदलाव है और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के Vision 2030 के लक्ष्यों के अनुरूप है.
क्या था कफाला सिस्टम
कफाला सिस्टम एक ऐसी व्यवस्था थी, जिसमें प्रवासी श्रमिक का काम और कानूनी निवास का दर्जा पूरी तरह से उसके स्थानीय नियोक्ता या ‘कफील’ से बंधा होता था. इस प्रणाली के कारण
- कफील श्रमिक का पासपोर्ट जब्त कर सकता था.
- बिना कफील की अनुमति के श्रमिक नौकरी नहीं बदल सकता था.
- देश छोड़ने के लिए Exit Visa के लिए कफील की मंजूरी जरूरी होती थी.
- मजदूरी रोके जाने या शोषण के बावजूद श्रमिक आसानी से शिकायत दर्ज नहीं करा पाते थे.
यह व्यवस्था अक्सर मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर रही है, जो इसे ‘आधुनिक गुलामी’ जैसी स्थितियों के लिए जिम्मेदार मानते थे.
अब क्या बदल गया है
- नौकरी बदलने की आजादी: अब श्रमिक अपने नियोक्ता (कफील) को बदल सकते हैं. पुराने नियोक्ता की अनुमति लेना जरूरी नहीं रहा.
- देश आने-जाने की स्वतंत्रता: अब देश छोड़ने के लिए Exit Visa की आवश्यकता नहीं होगी. श्रमिक बिना रोक-टोक अपने देश आ-जा सकेंगे.
- मजबूत कानूनी सुरक्षा: श्रमिकों को अब शोषण के खिलाफ अदालत का बेहतर रास्ता मिलेगा. उनकी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की उम्मीद है.
- स्टैंडर्डाइज्ड कॉन्ट्रैक्ट: अब रोजगार की शर्तें स्टैंडर्डाइज्ड कॉन्ट्रैक्ट द्वारा तय होंगी, जिससे मनमानी की संभावना कम होगी.
भारतीय श्रमिकों पर क्या होगा प्रभाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब में लगभग 2.5 मिलियन (25 लाख) से अधिक भारतीय कामगार काम करते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. इस फैसले का सबसे बड़ा सकारात्मक असर उनके जीवन स्तर और कामकाजी परिस्थितियों पर पड़ेगा. अब उन्हें अमानवीय हालात या बिना वेतन मजदूरी जैसी समस्याओं का सामना करने पर नौकरी खोने के डर के बिना कानूनी रूप से लड़ने का अधिकार मिल गया है.
क्यों उठाया गया यह कदम
यह फैसला सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की Vision 2030 योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को डाइवर्सिफाई करना, विदेशी निवेश आकर्षित करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार रिकॉर्ड सुधारना है. इससे पहले कतर ने भी 2022 FIFA World Cup से पहले इसी तरह के सुधार लागू किए थे.
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