चीन पर 130% टैरिफ के बीच ट्रंप का ऑफर, राहत के लिए रखीं ये शर्तें; कहा- रिश्ता अब एक तरफा नहीं चलेगा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे चीन पर लगे टैरिफ को कम कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए बीजिंग को अमेरिका के हित में कदम उठाने होंगे. ट्रंप ने कहा कि चीन को अमेरिकी सोयाबीन खरीदना, फेंटेनाइल का इस्तेमाल रोकना और सुरक्षा चिंताओं का समाधान करना होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि अब अमेरिका-चीन का रिश्ता एकतरफा नहीं चलेगा.
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को संकेत दिया कि वे चीनी वस्तुओं पर टैरिफ कम कर सकते हैं, लेकिन केवल तभी जब बीजिंग अमेरिका के लिए “कुछ करने” पर सहमत हो. इन रियायतों में अधिक अमेरिकी सोयाबीन खरीदना, रेयर अर्थ मिनरल पर प्रतिबंध हटाना और अन्य सुरक्षा चिंताओं का समाधान शामिल है. एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “वे (चीन) हमें टैरिफ के रूप में भारी राशि दे रहे हैं, बहुत अधिक पैसा, और शायद इसे कम करना चाहेंगे.” यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा चीन से आयातित वस्तुओं पर 1 नवंबर से लागू होने वाले अतिरिक्त 100 फीसदी टैरिफ की घोषणा के बाद आई है, जो चीन द्वारा रेयर अर्थ मिनरल के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के जवाब में है. इससे कुल टैरिफ बढ़कर 130 फीसदी हो गया है.
एक तरफा नहीं चल सकता रिश्ता
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि चीन उनके देश को टैरिफ के रूप में बहुत बड़ी रकम दे रहा है, जितनी पहले कभी नहीं दी. उन्होंने दावा किया कि चीन शायद इतना ज्यादा पैसा देने की स्थिति में नहीं है, लेकिन उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका यह टैरिफ कम कर सकता है, लेकिन इसके बदले चीन को भी अमेरिका के लिए कुछ करना होगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि अब यह रिश्ता एक तरफा नहीं चल सकता.
राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि टैरिफ कितना कम होगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि चीन क्या पेशकश करता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि चीन से आने वाली एक विशेष वस्तु (जैसे फेंस) पर 20 फीसदी टैरिफ है, लेकिन चीन को लगभग 157 फीसदी टैरिफ देना होगा, जो एक रिकॉर्ड स्तर है. अंत में उन्होंने कहा कि वह चीन की मदद करना चाहते हैं, न कि उसे नुकसान पहुंचाना, लेकिन इसके लिए चीन को भी बदले में अमेरिका को कुछ लाभ देना होगा.
चीन से क्या चाहते हैं ट्रंप
कम टैरिफ के बदले में, ट्रंप को उम्मीद है कि चीन अमेरिका से सोयाबीन खरीदेगा और “फेंटेनाइल का इस्तेमाल बंद कर देगा.” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अमेरिकी सोयाबीन किसानों का चीन द्वारा बहिष्कार किया गया है और यदि बीजिंग इन मांगों को पूरा करने में विफल रहता है तो समझौता नहीं हो पाएगा.
उन्होंने कहा, “चीन ने हमारे किसानों का बहिष्कार किया है, उन्हें बातचीत के लिए उकसाया है. मैं ऐसा नहीं चाहता. हमारे किसान महान हैं, खासकर हमारे सोयाबीन किसान. और मैं चाहता हूं कि वे कम से कम उतनी मात्रा में सोयाबीन खरीदना शुरू करें, जितनी वे पहले खरीदते थे. और मुझे विश्वास है कि वे ऐसा कर पाएंगे.”
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