इंजन ओवरहीटिंग से लेकर पावर स्टीयरिंग फेलियर तक, ड्राइव बेल्ट टूटने के हो सकते हैं गंभीर नुकसान; जानें डिटेल
कार की ड्राइव बेल्ट का टूटना इंजन ओवरहीटिंग, पावर स्टीयरिंग फेलियर और बैटरी डिस्चार्ज जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. यह बेल्ट इंजन के वॉटर पंप, अल्टरनेटर और एसी कंप्रेसर को चलाने में अहम भूमिका निभाती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, ड्राइव बेल्ट को 60,000 से 100,000 किलोमीटर के बीच बदलना चाहिए.
Drive Belt Failure: कार के रखरखाव की लंबी सूची में कई ऐसे पुर्जे होते हैं जिन पर आमतौर पर गाड़ी मालिकों की नजर कम ही जाती है, और इनमें से एक अहम पुर्जा है ड्राइव बेल्ट. जानकारों का मानना है कि ड्राइव बेल्ट की अनदेखी न सिर्फ आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है, बल्कि सड़क पर आपकी सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा पैदा कर सकती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि गाड़ी चलाते समय अगर यह बेल्ट अचानक टूट जाए, तो इससे होने वाला नुकसान गंभीर और व्यापक हो सकता है.
क्या होता है जब टूट जाती है ड्राइव बेल्ट
- ड्राइव बेल्ट, जिसे Serpentine Belt या V-बेल्ट भी कहा जाता है, इंजन के एक छोर पर लगी क्रैंक शाफ्ट पुली से पावर लेकर गाड़ी के कई अहम सिस्टम्स को चलाती है. इनमें वॉटर पंप, पावर स्टीयरिंग पंप, एयर कंडीशनर का कंप्रेसर और अल्टरनेटर (जो बैटरी को चार्ज करता है) शामिल हैं. जैसे ही यह बेल्ट टूटती है:
- इंजन ओवरहीटिंग: सबसे पहले वॉटर पंप काम करना बंद कर देता है. इससे इंजन में ठंडा पानी सर्कुलेट नहीं हो पाता और इंजन का तापमान खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है. कुछ ही मिनटों में इंजन के हेड गैस्केट जल सकते हैं या इंजन ब्लॉक को नुकसान पहुंच सकता है, जिसकी मरम्मत बेहद खर्चीली होती है.
- बैटरी डिस्चार्ज: अल्टरनेटर बंद हो जाने से गाड़ी की बैटरी को चार्ज मिलना बंद हो जाता है. कुछ देर में बैटरी पूरी तरह डिस्चार्ज हो जाएगी और गाड़ी की इलेक्ट्रिकल सप्लाई बंद हो सकती है, जिससे गाड़ी रुक सकती है.
- पावर स्टीयरिंग फेलियर: पावर स्टीयरिंग सिस्टम काम करना बंद कर देगा, जिससे स्टीयरिंग व्हील घुमाने में भारी जोर लगेगा. यह स्थिति खासकर हाई-स्पीड या मोड़ लेते समय बेहद खतरनाक साबित हो सकती है.
- एयर कंडीशनिंग बंद: कार का एसी कंप्रेसर भी काम करना बंद कर देगा.
कब बदलवानी चाहिए ड्राइव बेल्ट
इसके लिए आपकी गाड़ी के मैनुअल में दिए गए समय या माइलेज को सबसे विश्वसनीय माना जाता है. आमतौर पर, ज्यादातर नई कारों में ड्राइव बेल्ट को 60,000 से 100,000 किलोमीटर के बीच बदलने की सलाह दी जाती है. हालांकि, अगर आपकी ड्राइविंग स्थितियां कठिन हैं (जैसे बहुत ज्यादा धूल-मिट्टी, लगातार ट्रैफिक जाम या बहुत अधिक तापमान), तो बेल्ट जल्दी खराब हो सकती है और इसे पहले बदलवाने की जरूरत पड़ सकती है.
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