चीन और अमेरिका फिर से करेंगे बातचीत, टैरिफ विवाद सुलझाने पर होगा फोकस; ग्लोबल मार्केट में आएगी स्टेबिलीटी !
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ विवाद को सुलझाने के लिए नई व्यापार वार्ता शुरू करने पर सहमति बनी है. रेयर अर्थ पर चीन के सख्त कंट्रोल के बाद अमेरिका ने 100 फीसदी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी. दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद अगले हफ्ते आमने-सामने मुलाकात होगी. इस वार्ता से वैश्विक बाजारों में स्थिरता और तनाव में कमी की उम्मीद की जा रही है.
Trade Talks: चीन और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार विवाद को कम करने के लिए दोनों देशों ने एक बार फिर बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई है. चीन द्वारा रेयर अर्थ इंडस्ट्री पर नए कंट्रोल लागू करने के बाद अमेरिका ने 100 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. इस बीच दोनों देशों के टॉप अधिकारियों के बीच बातचीत हुई और अगले हफ्ते नई व्यापारिक बातचीत करने का फैसला लिया गया. इस वार्ता से वैश्विक बाजारों में भी स्थिरता की उम्मीद की जा रही है.
अगले हफ्ते आमने सामने बातचीत होगी
चीन के उप प्रधानमंत्री हे लाइफेंग और अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट के बीच वीडियो कॉल के दौरान इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई. दोनों देशों ने जल्द से जल्द नई व्यापार वार्ता आयोजित करने पर सहमति दी. बेसेंट ने सोशल मीडिया पर बताया कि अगली मुलाकात आमने सामने होगी और बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा.
रेयर अर्थ पर चीन के कंट्रोल से बढ़ा तनाव
चीन ने हाल ही में रेयर अर्थ इंडस्ट्री पर सख्त कंट्रोल लागू किए हैं, जिससे अमेरिका और अन्य देशों में चिंता बढ़ गई है. अमेरिका ने आरोप लगाया कि चीन इस कदम से दुनिया को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. रेयर अर्थ का यूज स्मार्टफोन से लेकर मिसाइल तक कई तकनीकी प्रोडक्ट में होता है, जिससे इसकी रणनीतिक अहमियत बहुत ज्यादा है.
G7 देशों ने दिखाया संयुक्त रुख
अमेरिका ने चीन के कदमों का जवाब देने के लिए G7 देशों को साथ लाने की पहल की है. सभी देशों ने मिलकर शॉर्ट टर्म समाधान पर काम करने और सप्लाई सोर्स को डाइवर्स बनाने पर सहमति जताई है. जर्मन वित्त मंत्री ने कहा कि ट्रंप और शी की संभावित मुलाकात से व्यापार विवाद में सकारात्मक हल निकलने की उम्मीद है.
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टैरिफ विवाद पर दुनिया की नजर
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वार ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद फिर से तेज हुआ है. पहले दोनों देशों ने कुछ टैरिफ घटाए थे लेकिन स्थिति अब भी अस्थिर है. इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड की प्रमुख ने उम्मीद जताई है कि दोनों देश बातचीत के जरिए तनाव कम करेंगे. आने वाले दिनों में यह वार्ता वैश्विक बाजारों के लिए निर्णायक साबित हो सकती है.