अमेरिकी अधिकारियों पर लगी ‘प्यार’ की पाबंदी, चीन में रोमांस करने पर सजा; इस साजिश से बचने के लिए अपनाया ये सूत्र
अमेरिका ने चीन में अपने अधिकारियों को लेकर एक ऐसा सख्त नियम लागू किया है, जो सभी को हैरान कर रहा है. यह नियम सीधे तौर पर उनके निजी जीवन को प्रभावित करता है. आखिर अमेरिकी सरकार ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया?

अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध बने हुए हैं. ऐसे में अमेरिकी सरकार ने एक और कदम उठाया है, जो उनके रिश्तों में खटास ला सकता है. अमेरिकी सरकार ने अपने उन सभी अधिकारियों, राजनयिकों, सुरक्षा-क्लियरेंस प्राप्त ठेकेदारों और उनके परिवार के सदस्यों, जो चीन में तैनात हैं उनपर एक ऐसा बैन लगाया है जो उनका पर्सनल मैटर है. ट्रंप सरकार ने चीन में तैनात अमेरिकी अधिकारियों सहित तमाम को हिदायत दी है कि वह किसी भी चीनी नागरिक से किसी भी तरह का रूहानी या जिस्मानी संबंध न बनाएं. इस नियम का पालन न करने पर उन्हें अपने नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है साथ ही उन्हें घर-वापसी करनी पड़ सकती है.
जनवरी से लागू हुआ यह नियम
एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार, यह नीति जनवरी में अमेरिका के पूर्व राजदूत निकोलस बर्न्स द्वारा लागू की गई थी. चीन में तैनात अमेरिकी अधिकारियों को इस नए नियम की जानकारी मौखिक और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दी गई. हालांकि, जिन अधिकारियों के पहले से ऐसे संबंध मौजूद हैं, वे छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन अगर उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया जाता है तो उन्हें या तो अपना संबंध खत्म करना होगा या फिर अपनी नौकरी छोड़नी पड़ेगी. नियम का उल्लंघन करने पर तुरंत चीन से निष्कासित कर दिया जाएगा.
इससे पहले केवल कुछ खास एजेंसियों के लिए विदेशी नागरिकों से संबंध रखने पर प्रतिबंध था लेकिन इस बार इसे सभी अधिकारियों पर लागू कर दिया गया है. पिछले साल भी अमेरिका ने एक सीमित नीति लागू की थी जिसमें केवल अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास में कार्यरत चीनी कर्मचारियों के साथ संबंधों पर रोक लगाई गई थी. लेकिन बर्न्स ने अपने पद छोड़ने से कुछ दिन पहले इस नियम को सभी चीनी नागरिकों तक बढ़ा दिया.
जासूसी का खतरा या कूटनीतिक रणनीति?
यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच कूटनीतिक संबंधों को और जटिल बना सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की खुफिया एजेंसियां लंबे समय से “हनीपॉट” रणनीति का इस्तेमाल कर रही हैं जिसमें आकर्षक एजेंटों को विदेशी अधिकारियों से संबंध बनाने और संवेदनशील जानकारी निकालने के लिए तैनात किया जाता है. यही कारण है कि अमेरिका इस खतरे से बचने के लिए अपने अधिकारियों को पहले से ही सतर्क करता रहा है
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यह नीति बीजिंग, ग्वांगझू, शंघाई, शेनयांग, वुहान और हांगकांग स्थित अमेरिकी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में लागू होगी. हालांकि, चीन से बाहर तैनात अमेरिकी अधिकारियों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा.
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