US FED ने नहीं माना ट्रंप का दबाव, ब्याज दरों को स्थिर रखा, टैरिफ से उपजे जोखिमों पर फोकस
US Federal Reserve ने बुधवार को हुई अपनी बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार फेड पर ब्याज दर घटाने का दबाव बना रहे हैं. लेकिन, फेड ने ट्रंप के दबाव की जगह टैरिफ से उपजे आर्थिक जोखिमों के लिए सतर्क रहने का रास्ता चुना है.

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Fed) ने बुधवार को ब्याज दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. फेड ने अमेरिका में ब्याज की प्रमुख दरों को 4.25% से 4.50% के बीच स्थिर रखा है. फेड ने यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनियाभर के देशों से होने वाले अमेरिकी आयात पर टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे हैं. तमाम अर्थशास्त्री, रिसर्च फर्म और बैंक ट्रंप को इसके खतरों के प्रति आगाह कर चुके हैं. ऐसे में फेड का मानना है कि अगर ट्रंप अपने टैरिफ प्लान पर आगे बढ़ते हैं, तो फेड को अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर आने वाले संकटों के लिए तैयार रहना होगा.
फेड का यह फैसला एक सप्ताह के भीतर कई अहम आर्थिक डाटा जारी होने के बाद आया है. इनमें दूसरी तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के फिर से ग्रोथ फेज में लौटने का अनुमान भी शामिल है. हालांकि, इस ग्रोथ का बड़ा हिस्सा पहली तिमाही में कंपनियों की तरफ से नए टैरिफ से पहले इन्वेंट्री स्टॉक को बढ़ाने से जुड़ा है. ऐसे में आने वाली तिमाहियों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के धीमे होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
टैरिफ का दबाव और राजनीतिक हस्तक्षेप
ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार से नए टैरिफ लागू करने का संकेत दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अमेरिका में महंगाई का दबाव बढ़ सकता है. फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने कहा कि वह व्यापारिक तनाव के प्रभावों का आकलन करने के बाद ही नीति में बदलाव करेगी. फेड के इस फैसले ने यह भी दिखाया कि वह राजनीतिक दबाव से प्रभावित हुए बिना मूल्य स्थिरता और अधिकतम रोजगार की नीति पर काम कर रही है.
दो गवर्नरों ने की दर घटाने की मांग
समिति के अध्यक्ष और यूएस फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि फेड के दो गवर्नर, मिशेल डब्ल्यू. बोमन और क्रिस्टोफर जे. वॉलर ने इस बैठक में 0.25% दर कटौती का समर्थन किया. यह असहमति दर्शाती है कि कमेटी के भीतर मौजूदा नीति को लेकर मतभेद हैं.
अगला कदम क्या होगा?
अमेरिका में फिलहाल महंगाई फेड के 2% लक्ष्य से नीचे बनी हुई है. लेकिन टैरिफ से बढ़ने वाले प्राइस प्रेशर और वैश्विक डिमांड में सुस्ती की वजह से महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है. बहरहाल, अगली बैठक सितंबर में होनी है. अगली बैठक में समिति बाजार में होने वाले बदलावों, उपभोक्ता कीमतों, श्रम बाजार और ट्रंप के टैरिफ कदमों के आधार पर फैसला करेगी.
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