मंकी पॉक्स से लड़ाई में WHO का बड़ा कदम, पहली वैक्सीन को मिली हरी झंडी

मंकी पॉक्स के खिलाफ पहली वैक्सीन पर WHO ने अपनी मोहर लगा दी है. वैक्सीन को अफ्रीका में प्राथमिकता दी जाएगी. वैक्सीन के प्रभावी परिणाम और सुरक्षा डेटा पर भी जोर दिया गया है.

मंकी पॉक्स से लड़ाई में WHO का बड़ा कदम, पहली वैक्सीन को मिली हरी झंडी Image Credit: Nikos Pekiaridis/NurPhoto via Getty Images

‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ ने वयस्कों के लिए मंकी पॉक्स की पहली वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. साथ ही संगठन ने बताया कि वह अफ्रीका सहित उन देशों में डोज की पहली खुराक देगी जहां इस संक्रमण का जोखिम सबसे ज्यादा है.

दुनियाभर में इस वक्त मंकी पॉक्स का प्रकोप फैला हुआ है. लोगों के अंदर इस बिमारी को लेकर डर भी घर कर रहा है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने राहत की खबर दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बवेरियन नॉर्डिक के MVA-BN वैक्सीन को मंकी पॉक्स के खिलाफ पहली वैक्सीन के तौर पर मंजूरी दी है. WHO ने इसे अपनी प्रीक्वालिफिकेशन सूची में जोड़े जाने का ऐलान किया है.

अफ्रीका में दी जाएगी पहली डोज

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने कहा, “एमपॉक्स के खिलाफ टीके की यह पहली प्रीक्वालिफिकेशन वैक्सीन अफ्रीका में मौजूदा संक्रमण और भविष्य में इस बीमारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक अहम कदम है.” उन्होंने कहा, “अब हमें संक्रमण को रोकने और जीवन बचाने के लिए अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य साधनों के साथ-साथ टीकों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए खरीद और रोलआउट में तत्काल वृद्धि की दरकार है.” WHO की मंजूरी तब आई है, जब यूनाइटेड नेशन हेल्थ बॉडी ने पिछले महीने अफ्रीका में इसके प्रकोप पर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया.

MVA-BN वैक्सीन का इस्तेमाल फिलहाल अमेरिका, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, कनाडा और ईयू/ईएए और यूके में स्वीकार किया गया है.

वयस्कों को दी जाएगी डोज

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैक्सीन की आपूर्ति की कमी न हो इस लिहाज से सिंगल डोज वैक्सीन की इजाजत है. MVA-BN वैक्सीन को 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में 4 सप्ताह के अंतराल पर 2-खुराक इंजेक्शन के जरिए दिया जाएगा. हालांकि वैक्सीन को 18 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए लाइसेंस नहीं मिला है. लेकिन इसका इस्तेमाल उन जगहों पर किया जा सकता है जहां शिशुओं, बच्चों और किशोरों में वैक्सीन के लाभ संभावित जोखिमों से ज्यादा हैं.

76% प्रभावी है वैक्सीन

डब्ल्यूएचओ इन परिस्थितियों में वैक्सीन सुरक्षा और प्रभावशीलता पर और डेटा इकट्ठा करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. संस्थान के मुताबिक, “उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि एक्सपोजर से पहले दी गई सिंगल डोज एमवीए-बीएन वैक्सीन में लोगों को एमपॉक्स से बचाने में अनुमानित 76% प्रभावी है. वहीं दो डोज से अनुमानित 82% प्रभाव देखने को मिला.” साझा जानकारी के मुताबिक एक्सपोजर के बाद टीकाकरण प्री-एक्सपोजर टीकाकरण की तुलना में कम प्रभावी है.