अब Whatsapp के जरिए धान बेच सकेंगे इस राज्य के किसान, सरकार ने लागू की नई व्यवस्था
राज्य सरकार ने ये सुविधा धान खरीद प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए शुरू की है. खास बात यह है कि वाट्सअप सुविधा लागू होने से अब किसानों को मंडियों में अपनी उपच को बेचने के लिए कई दिनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित लगभग कई राज्यों में धान की खरीद जोरो पर है. इसी बीच आंध्र प्रदेश सरकार ने धान खरीद प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक नई व्यवस्था बनाई है. इस व्यवस्था के तहत आंध्र प्रदेश के किसान अब व्हाट्सएप (नंबर 7337359375) के जरिए आसानी से सरकार को धान बेच सकते हैं. कहा जा रहा है कि राज्य सरकार की इस फैसले से आंध्र प्रदेश के लाखों किसानों को सीधा फायदा होगा. अब उन्हें अपनी उपज को बेचने के लिए मंडियों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड ने धान खरीद प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए यह व्यवस्था की है. खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री नादेंदला मनोहर ने कहा कि किसान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ‘हाय’ संदेश भेजकर अपनी उपज की बिक्री शुरू कर सकते हैं. फिर अपने आधार नंबर के आधार पर प्रमाणीकरण के लिए वॉयस-गाइडेड निर्देशों का पालन कर सकते हैं.
धान बेचने के लिए क्या करना होगा
खास बात यह है कि किसान अपनी पसंद की तीन तारीखों में से किसी एक पर और अपने लिए सुविधाजनक समय पर खरीद केंद्र चुन सकते हैं, जहां वे धान बेचना चाहते हैं. निर्धारित डिटेल्स के प्रावधान के बाद, किसानों को कूपन कोड और टाइम स्लॉट के साथ बुकिंग की पुष्टि मिलेगी. इसके बाद किसान अपनी पसंद की तारीख और समय पर चुने गए खरीद केंद्र पर जा सकते हैं और अपनी बारी का इंतजार किए बिना अपनी उपज बेच सकते हैं. कहा जा रहा है कि अब सरकार के लिए धान खरीद प्रक्रिया सरल हो गई है और पारदर्शिता और दक्षता भी सुनिश्चित हुई है.
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85.47 लाख मीट्रिक टन धान उत्पादन का है लक्ष्य
बता दें कि आंध्र प्रदेश के कृषि विभाग ने इस खरीफ सीजन में कम से कम 85.47 लाख मीट्रिक टन धान उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इससे पहले सरकार ने 2022 खरीफ में 15.88 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई का लक्ष्य रखा था, लेकिन 15.52 लाख हेक्टेयर में ही धान की बुवाई की गई थी. वहीं, धान का उत्पादन 85.47 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान लगाया गया था. 2022 खरीफ में राज्य में कुल बोया गया रकबा 34.62 लाख हेक्टेयर था. इसमें से धान का लक्ष्य 16.30 लाख हेक्टेयर था, लेकिन वास्तविक बोया गया रकबा 15.59 लाख हेक्टेयर था.
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