यूक्रेन पर महापंचायत: ट्रंप बोले- पुतिन को मेरे कॉल का इंतजार, जेलेंस्की चाहें, तो तुरंत रुक जाएगी जंंग
अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन में सोमवार को यूक्रेन में जंग खत्म करने के लिए महापंचायत चल रही है. यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूसी समकक्ष पुतिन के साथ अलास्का में हुई बैठक के बाद हो रही है. इस बैठक में ट्रंप और जेलेंस्की के अलावा नाटो देशों के तमाम नेता भी मौजूद हैं.

वॉशिंगटन में सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की अहम बैठक हुई. इस बैठक में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी शामिल हुईं. यूरोप की यह एकजुट मौजूदगी यूक्रेन को मजबूत संदेश देने और रूस को चेतावनी देने के तौर पर देखी जा रही है.
बंद कमरे में बैठक शुरू होने से पहले ट्रंप ने जेलेंस्की के साथ ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत की. यह करीब 6 महीने में दूसरी बार हुआ है, जब जेलेंस्की ट्रंप के साथ ओवल ऑफिस में पत्रकारों के बीच थे. हालांकि, पिछली बार ट्रंंप और जेलेंस्की में खींचतान देखने को मिली थी. वहीं, इस बार जेलेंस्की शूट-बूट में पहुंचे और खुशनुमा माहौल में बातचीत हुई.
ट्रंप ने क्या कहा?
बैठक से पहले ही ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा था कि “यूक्रेन युद्ध लगभग तुरंत खत्म हो सकता है, यदि राष्ट्रपति जेलेंस्की NATO सदस्यता की आकांक्षा छोड़ दें और 2014 में रूस की तरफ से हासिल किए गए क्रिमिया पर दावा करना बंद कर दें.” ट्रंप के इस बयान ने बैठक से पहले ही माहौल को गहमा-गहमी से भर दिया है. क्योंकि, यह रूस की पुरानी मांग है.
ट्रंप की यह लाइन अमेरिका की पारंपरिक नीति से हटकर है, जहां अब तक रूस की आक्रामकता को चुनौती देने पर जोर दिया जाता रहा है.
जेलेंस्की क्या चाहते हैं?
वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि शांति तभी संभव है, जब रूस युद्ध बंद करे. उन्होंने कहा कि यूक्रेन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगा. जेलेंस्की ने चेतावनी दी कि यदि युद्ध को रोकने की कीमत जमीन छोड़ना है, तो यह रूस को और आक्रामक बनाएगा और यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरा होगा.
यूरोपीय नेताओं का रुख
बैठक में यूरोपीय नेताओं ने लगभग एक स्वर में जेलेंस्की का समर्थन किया.
- फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि शांति समझौता तभी संभव है जब यूक्रेन की सीमाओं और संप्रभुता का सम्मान किया जाए.
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने जोर दिया कि रूस को आक्रामकता की कीमत चुकानी होगी और पश्चिमी गठबंधन को एकजुट रहना होगा.
- EU आयोग की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन ने अमेरिका के प्रस्तावित “NATO-जैसी सुरक्षा गारंटी” का समर्थन किया, लेकिन साफ कहा कि यह केवल प्रतीकात्मक नहीं बल्कि ठोस कानूनी ढांचे में होनी चाहिए.
- जर्मनी के चांसलर शॉल्ज ने सावधानीपूर्ण रुख अपनाते हुए कहा कि यूक्रेन पर किसी भी तरह का समझौता थोपना अस्वीकार्य होगा. उन्होंने चेताया कि यदि रूस शर्तों का उल्लंघन करता है तो यूरोप और अमेरिका को मिलकर कठोर कार्रवाई करनी होगी.
सुरक्षा गारंटी बनाम शांति पर बहस
बंद कमरे में होने वाली बैठक में क्या हो रहा है, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है. लेकिन, इतना तय माना जा रहा है ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका इस युद्ध को खत्म करने के लिए यूक्रेन के कुछ हिस्सों को दांव पर लगाने को तैयार है. वहीं, यूरोप और यूक्रेन इस पर अड़े हैं कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं होना चाहिए. इसके अलावा जब जेलेंस्की ने अमेरिका से सुरक्षा की गारंटी मांगी, तो ट्रंप की तरफ से यूक्रेन को सुरक्षा का वादा किया गया है. इसे लेकर रूस ने तुरंत आपत्ति जताई है. वहीं, रूस की शर्त है कि यूक्रेन से उसे डोनबास का बचा हुआ क्षेत्र मिल जाएगा, तो युद्ध खत्म हो जाएगा.
क्या खत्म होगा युद्ध?
ट्रंप ने बैठक से ठीक पहले कहा कि वे इस बैठक के बाद पुतिन को कॉल करेंगे. पुतिन उनके कॉल का इंतजार ही कर रहे होंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जेलेंस्की चाहें, तो युद्ध तुरंत खत्म हो सकता है. ऐसे में मोटे तौर पर अब अमेरिका ने जेलेंस्की के कंधे पर बंदूक रख दी है. इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा है कि वे यूक्रेन में अमेरिकी सैनिकों को उतारने की संभावना से इन्कार नहीं कर सकते. इस तरह बैठक से युद्ध खत्म होने की उम्मीद पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.
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