मीटिंग से पहले जेलेंस्की बोले- पुतिन से मिलने को तैयार, सुरक्षा की गारंटी दे अमेरिका

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस मीटिंग से पहले बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य यूक्रेन और पूरे यूरोप के लिए भरोसेमंद और स्थायी शांति है. जेलेंस्की ने साफ किया कि रूस से स्वेच्छा से पीछे हटने की उम्मीद नहीं की जा सकती, इसलिए अमेरिका और यूरोप समेत पूरी दुनिया को मिलकर दबाव बनाना होगा.

ट्रंप जेलेंस्की मीटिंग Image Credit: @AP/PTI

Trump Zelensky Meeting Ukraine: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सोमवार को व्हाइट हाउस पहुंचे, जहां उनका सामना अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुआ. इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि ट्रंप लगातार तेजी से शांति समझौते की बात कर रहे हैं और इसके लिए वे चाहते हैं कि यूक्रेन रूस को कुछ बड़े क्षेत्रीय रियायतें दे.

मीटिंग से पहले जेलेंस्की ने क्या कहा?

व्हाइट हाउस पहुंचने से ठीक पहले जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा – “हमारा मुख्य लक्ष्य यूक्रेन और पूरे यूरोप के लिए भरोसेमंद और स्थायी शांति है.” उन्होंने यह भी कहा कि फिनलैंड, ब्रिटेन, इटली, यूरोपीय आयोग और नाटो महासचिव के साथ उन्होंने बैठक कर अपनी स्थिति पर समन्वय किया है ताकि ट्रंप के साथ मुलाकात में एकजुट होकर रुख सामने रखा जा सके.

ट्रंप का अलग रुख

जेलेंस्की का संदेश साफ था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यह उम्मीद करना गलत होगा कि वे स्वेच्छा से आक्रामक नीतियों को छोड़ देंगे. इसलिए उन पर दबाव जरूरी है और यह दबाव केवल अमेरिका या यूरोप का नहीं बल्कि पूरी दुनिया का होना चाहिए, जो जीवन के अधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करते हैं.

दूसरी ओर, ट्रंप का रुख कड़ा होता दिख रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में फिर जेलेंस्की पर दबाव बनाया कि वह जल्दी से शांति योजना की ओर कदम बढ़ाएं. ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि जेलेंस्की के पास लंबे युद्ध के लिए “कार्ड्स” नहीं हैं. वहीं, पिछले हफ्ते अलास्का में ट्रंप और पुतिन की गर्मजोशी भरी मुलाकात के बाद दबाव और बढ़ गया है.

दूसरे यूरोपीय देश के नेता भी शामिल

हालात इतने गंभीर हैं कि ब्रिटेन के कीर स्टार्मर, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों और इटली की जॉर्जिया मेलोनी समेत कई यूरोपीय नेता जेलेंस्की से पहले ही वॉशिंगटन पहुंच गए, ताकि एकजुटता का संदेश दिया जा सके. यूरोपीय नेताओं का कहना है कि अगर पुतिन को अभी नहीं रोका गया तो वह आगे और यूरोपीय इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश कर सकते हैं.

डोनबास क्षेत्र पर दावा

जेलेंस्की पर सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि पुतिन जिस डोनबास क्षेत्र पर दावा कर रहे हैं, उसे यूक्रेन बिना जनमत संग्रह के नहीं छोड़ सकता और अधिकांश यूक्रेनी जनता किसी भी तरह की जमीन छोड़ने के खिलाफ है. फिलहाल, जेलेंस्की ने साफ संकेत दिया है कि वे मजबूत और स्थायी शांति की तलाश में हैं, लेकिन इसके लिए रूस को झुकाना जरूरी है, न कि यूक्रेन को. यही संकेत अब उनकी व्हाइट हाउस की अहम मुलाकात की दिशा तय करेंगे.

ये भी पढ़ें- अलास्का में ट्रंप का मिलना आया काम, यूक्रेन को NATO स्टाइल सिक्योरिटी गारंटी पर पुतिन सहमत; अमेरिका का दावा