Jaishankar–Wang Yi Talks: मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर चाहते हैं भारत-चीन, दोनों सीमा पर शांति के लिए राजी
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी के बीच सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक हुई. दोनों देशों के बीच इस दौरान आतंकवाद से मुकाबले, सीमा पर शांति और मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर बनाने पर पर सहमति बनी है. 2020 में गलवान में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में स्थिरता लाने की कोशिश जारी है. पीएम मोदी इस महीने के अंत में SCO के शिखर सम्मेलन से शामिल होने चीन जाने वाले हैं. उससे पहले दोनों नेताओं की यह मुलाकात बेहद अहम है.

टैरिफ को लेकर जारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मनमानी ने लंबे समय से ठंडे पड़े भारत-चीन के रिश्तों में गर्माहट ला दी है. भारत और चीन 2020 के बाद पहली बार इस तरह से शीर्ष स्तर पर डिप्लोमैटिक बातचीत कर रहे हैं. पिछले दिनों विदेश मंत्री जयशंकर चीन गए थे. अब उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने सोमवार को भारत आए. दोनों नेताओं के बीच एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय बातचीत हुई, जिसकी जानकारी खुद विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर दी है.
जयशंकर ने इस बैठक के दौरान अपने भाषण में कहा कि भारत-चीन संबंधों “तीन पारस्परिकताओं पर आधारित हैं. इनमें पारस्परिक सम्मान, पारस्परिक संवेदनशीलता और पारस्परिक हित शामिल हैं. इन संबंधों को इन तीनों के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि अंतर मतभेदों को विवाद और प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए.
आतंकवाद और वैश्विक स्थिरता
भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ाई को शीर्ष प्राथमिकता बताया. जयशंकर ने कहा कि आज की चर्चा से उम्मीद है कि दोनों देशों के रिश्ते और स्थिर, सहयोगपूर्ण और भविष्य की ओर देखने वाले बनेंगे. उन्होंने SCO शिखर सम्मेलन की ओर भी इशारा किया और चीन की अध्यक्षता की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं.
सीमा पर शांति के स्पष्ट संकेत
जयशंकर ने साफ किया कि द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति तभी संभव है, जब दोनों पक्ष सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने में सक्षम हों. उन्होंने कहा कि वांग यी मंगलवार को NSA अजीत डोभाल से सीमा वार्ता करेंगे, जो डि-एस्केलेशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है.
मल्टीपोलर वर्ल्ड समय की जरूरत
अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य पर जयशंकर ने कहा कि जब दुनिया के दो सबसे बड़े देश मिलते हैं, तो पूरी दुनिया मे इसकी चर्चा होना स्वाभाविक है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक न्यायपूर्ण, संतुलित और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था चाहता है, जिसमें एशिया भी बहुध्रुवीय हो. उन्होंने जोर दिया कि वर्तमान संदर्भ में बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार और वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता बनाए रखना जरूरी है.
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