आयात शुल्क बढ़ा, फिर भी सोयाबीन के दाम क्यों नहीं चढ़े?

सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने के बावजूद सोयाबीन के दाम MSP से कम हैं. किसानों के नाराजगी से निपटने के लिए सरकारी एजेंसियों ने महाराष्ट्र और तेलंगाना में सोयाबीन की खरीदारी शुरू कर दी है...

भारत अपनी खाद्य तेल खपत का 58% हिस्सा आयात करता है. Image Credit: Image by Freepik

बीते दिनों सरकार ने त्योहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को बढ़ाने का फैसला लिया. फैसले का उद्देश्य किसानों क उनके उपज पर सही मूल्य मुहैया करना था और भारतीय बाजार को स्थायी बनाना था. लेकिन आयात शुल्क बढ़ाने के एक महीना बाद भी सोयाबीन किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है.

घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम तो बढ़ने लगे हैं लेकिन सोयाबीन की कीमतों में कुछ खास बढ़ोतरी नहीं हो रही है. सोयाबीन के दाम अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे चल रहे हैं.सोयाबीन, जो कि खरीफ का एक महत्वपूर्ण तिलहन है, उसके भाव 4500 से 4700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं, जबकि 2024-25 सीजन के लिए MSP 4892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.

सरकारी एजेंसियों ने महाराष्ट्र और तेलंगाना में मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत 7 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीद शुरू कर दी. फाइनेंशियल एक्सप्रेस के हवाले से कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात में भी आने वाले कुछ हफ्तों में सोयाबीन की खरीद शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया, “तेलंगाना में 7 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीद शुरू की गई, इसके बाद महाराष्ट्र में भी खरीदारी शुरू हो गई है.”

घरेलू तिलहनों के दाम क्यों नहीं बढ़ रहे?

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चे और रिफाइंड तेलों जैसे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेलों पर पर आयात शुल्क में भारी बढ़ोतरी के बावजूद घरेलू तिलहनों के दाम नहीं बढ़ रहे हैं. इसका मुख्य कारण पशुपालन में इस्तेमाल होने वाले तिलहनों के उप-उत्पादों, जैसे कि खल के दाम में गिरावट है.

पिछले महीने जब मंडी भाव MSP से कम थे, तब कृषि मंत्रालय ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना से 2.92 मिलियन टन सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दी थी. वर्तमान सीजन में खरीदारी का काम एनसीसीएफ और किसान सहकारी संस्था नाफेड राज्य सरकारों के साथ मिलकर कर रहे हैं.

अन्य खरीफ तिलहनों का भी भाव MSP से कम

गुजरात राज्य खाद्य तेल और तिलहन संघ के अध्यक्ष समीर शाह ने बताया कि एक और प्रमुख खरीफ तिलहन, मूंगफली के दाम भी MSP से कम हैं. वर्तमान में मूंगफली के मंडी भाव 5500 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जबकि MSP 6783 रुपये प्रति क्विंटल है. बता दें, भारत अपनी खाद्य तेल खपत का 58% हिस्सा आयात करता है.