अनाज उत्पादन लक्ष्य से ऊपर जाने की उम्मीद, 171.39 मिलियन टन से ज्यादा होगा खरीफ फसल, एग्रीकल्चर कमिश्नर का बयान

इस बार देश का खरीफ सीजन किसानों और सरकार दोनों के लिए अच्छी खबर लेकर आया है. कृषि आयुक्त पी.के. सिंह ने सोमवार को बताया कि 2025-26 में खरीफ खाद्यान्न उत्पादन सरकार के तय किए गए 171.39 मिलियन टन के लक्ष्य से ज्यादा रहने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अच्छी बारिश और ज्यादा बुवाई की वजह से उत्पादन बेहतर रहेगा.

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देश में खरीफ खाद्यान्न उत्पादन को लेकर अच्छी खबर आई है. एग्रीकल्चर कमिश्नर पी. के. सिंह के मुताबिक, 2025-26 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में खरीफ उत्पादन सरकार द्वारा तय किए गए 171.39 मिलियन टन के लक्ष्य से अधिक होने की संभावना है. इसका मुख्य कारण इस साल का अनुकूल मानसून और अधिक बुवाई क्षेत्र है.

खरीफ उत्पादन में तेजी

एग्रीकल्चर कमिश्नर ने बताया कि खरीफ फसलों का क्षेत्र पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ा है. जहां हाल के वर्षों में औसतन 109.5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुवाई होती थी, वहीं इस बार यह बढ़कर 110 मिलियन हेक्टेयर से अधिक हो गया है. धान और मक्का की बुवाई में इजाफा इसका बड़ा कारण रहा है.

बाढ़ और भारी बारिश से सीमित नुकसान

सिंह के अनुसार, खरीफ सीजन में बाढ़ और भारी वर्षा से फसलों को नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन यह कुल बुवाई क्षेत्र की तुलना में बहुत कम है. वास्तविक नुकसान का आकलन तब होगा जब बाढ़ का पानी पूरी तरह उतर जाएगा. वहीं तिलहन की बुवाई, खासकर सोयाबीन का क्षेत्र कुछ कम रहा है, लेकिन फसल की स्थिति अच्छी है. इससे उत्पादकता अधिक रहने की उम्मीद है. यही स्थिति दालों के मामले में भी है. पी.के. सिंह ने बताया कि रबी फसलों की बुवाई राजस्थान में जल्दी कटाई के बाद शुरू हो चुकी है और दूसरे राज्यों में भी तैयारी चल रही है.

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इसके अलावा, इस सीजन में कुल खरीफ बुआई रकबे का 1,110 लाख हेक्टेयर के पार जाना भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है. चावल, मक्का और मोटे अनाजों की बुआई में तेजी से यह उम्मीद की जा रही है कि इस साल खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी. कृषि मंत्रालय का कहना है कि सरकार द्वारा समय पर खाद-बीज की आपूर्ति, किसानों को डिजिटल माध्यम से जानकारी देना, मौसम पूर्वानुमान की पहुंच और MSP ) नीतियों के चलते किसान अब पहले से अधिक योजनाबद्ध ढंग से बुआई कर रहे हैं.








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