केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा खेती में नई टेक्नोलॉजी की जरूरत, इथेनॉल से चीनी उद्योग को मिला सहारा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इथेनॉल की वजह से शुगर इंडस्ट्री जीवित है और गन्ना किसान तथा चीनी मिलें केवल इथेनॉल के सहारे टिक पाई हैं. उन्होंने बताया कि भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात करता है, जहां इथेनॉल अहम भूमिका निभा रहा है. गडकरी ने कृषि क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कृषि में नई टेक्नोलॉजी की आवश्यकता पर बल देते हुए दावा किया है कि इथेनॉल की आवश्यकता के कारण ही शुगर इंडस्ट्री जीवित है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री ने कहा कि भारत हर साल 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात करता है, जिसमें इथेनॉल की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि आज, गन्ना किसान और चीनी मिल संचालक केवल इथेनॉल के एडवांटेज के कारण ही सर्वाइव कर रहे हैं.
भारत में है चीनी सरप्लस
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में चीनी सरप्लस में है और चीनी मिलें केवल इथेनॉल के कारण ही जीवित रहने में कामयाब रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी लाने की आवश्यकता है तथा इस संबंध में प्रयोग पहले ही शुरू हो चुके हैं.
नाम फाउंडेशन के काम की तारीफ की
अभिनेता नाना पाटेकर और मकरंद अनासपुरे द्वारा समर्थित नाम फाउंडेशन के लिए पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा जिलों में किसानों की आत्महत्याओं पर भी बात की और कहा कि इन क्षेत्रों में पानी की कमी के कारण ऐसा हुआ है.
उन्होंने कहा, “विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्रों में किसानों की आत्महत्याओं का मुख्य कारण पानी है. अगर पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता, तो किसानों को यह कदम उठाने की जरूरत नहीं पड़ती.” रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री ने जल संरक्षण और आत्महत्या करने वाले किसानों के बच्चों के कल्याण के लिए फाउंडेशन के काम की सराहना की.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था मामला
देश में E20 इथेनॉल ब्लेंडिंग का मामला अभी काफी चर्चा में है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में 20 फीसदी इथेनॉल-ब्लेंड पेट्रोल की शुरुआत को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया था.
11 सितंबर को, गडकरी ने सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से को संबोधित किया और इसे उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए एक “पेड कैंपेन” बताया. उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री सहित सभी हितधारकों के साथ E20 (20 प्रतिशत इथेनॉल-ब्लेंड पेट्रोल) पर स्पष्टता आ गई है.
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