रूस ने भारत की दोस्ती को सराहा, कहा आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे संबंध; कोई भी रोकने का प्रयास होगा विफल

रूस ने भारत की दोस्ती और व्यापारिक संबंधों की सराहना की है. अमेरिकी दबाव और 50 फीसदी टैरिफ के बावजूद भारत ने रूसी तेल आयात जारी रखने का फैसला किया. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का रुख उसकी रणनीतिक स्वायत्तता और रूस-भारत की लॉन्ग टर्म मित्रता को दिखाता है. अगस्त में मास्को में हुई बैठक ने संकेत दिया कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ भी संबंधों को प्रभावित नहीं करेंगे.

पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन Image Credit: Money9live

Russia India relations: रूसी विदेश मंत्रालय ने रविवार, 14 सितंबर को मास्को के साथ व्यापारिक संबंध जारी रखने के लिए भारत की सराहना की है. मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका के लगातार दबाव के बावजूद, भारत रियायती दरों पर रूसी तेल खरीदने पर अड़ा हुआ है. मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत ने रूस के साथ संबंध तोड़ने के आह्वान को अस्वीकार कर दिया, जबकि अमेरिका इन आयातों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा है. मंत्रालय ने कहा, “सच कहूं तो इसके अलावा कुछ और कल्पना करना कठिन होगा.” मंत्रालय ने इस तथ्य का स्वागत किया कि भारत रूस के साथ व्यापार संबंधों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

स्थिरता और आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा संबंध

RT से बात करते हुए मंत्रालय ने कहा कि रूस और भारत के बीच संबंध “स्थिरता और आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं” और “इस प्रक्रिया को बाधित करने का कोई भी प्रयास विफल होना तय है.” मंत्रालय ने कहा कि भारत का रुख न केवल “रूस-भारत की लॉन्ग टर्म मित्रता की भावना और परंपराओं” को दर्शाता है, बल्कि “अंतर्राष्ट्रीय मामलों में नई दिल्ली की रणनीतिक स्वायत्तता” को भी दिखाता है. इसमें कहा गया है कि रूस और भारत के बीच साझेदारी “संप्रभुता के सर्वोच्च मूल्य और राष्ट्रीय हितों की प्राथमिकता” पर आधारित है, और यह संबंध “विश्वसनीय, पूर्वानुमानित और वास्तव में रणनीतिक प्रकृति का” है.

भारत पर लगा है 50 फीसदी टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरुआत में भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. लेकिन बाद में उन्होंने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के कारण 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए. इस तरह अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया.

टैरिफ लागू होने के बाद, भारत और रूस ने व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने अगस्त के अंत में मास्को में मुलाकात की थी, जिससे यह संकेत मिला कि रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ से उनके संबंधों में बाधा नहीं आएगी.

वहीं अमेरिका ने कहा है कि भारत की खरीद से यूक्रेन में मास्को के युद्ध को वित्तपोषित करने में मदद मिल रही है. भारत का कहना है कि उसकी खरीद पूरी तरह से वाणिज्यिक लेनदेन है तथा उसने वाशिंगटन पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा है कि अमेरिका स्वयं मास्को के साथ महत्वपूर्ण व्यापार जारी रखे हुए हैं.

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