ये हैं दुनिया की 5 सबसे फेमस हीलिंग हनी, नेचुरल मेडिसिन का करती है काम; खरीदते समय ऐसे करें पहचान
शहद केवल एक प्राकृतिक स्वीटनर नहीं है, बल्कि यह प्रकृति की सबसे अद्भुत औषधियों में से एक है. चाहे वह न्यूजीलैंड का मैनुका हनी हो या यमन का सिद्र, हर शहद अपने भीतर अलग-अलग तरह की प्राकृतिक चिकित्सा शक्ति समेटे हुए है. आइए जानते हैं विश्व की ऐसी ही सबसे कारगर हीलिंग हनी के बारे में.

Famous Honey In The World: शहद को लोगों ने हजारों सालों से न केवल एक खाने में बल्कि औषधि के रूप में भी यूज किया है. प्राचीन सभ्यताओं के ग्रंथों में इसे देवताओं का आहार कहा गया है और माना गया है कि इसमें प्राकृतिक रूप से रोगों को ठीक करने की क्षमता होती है. आज भी दुनियाभर में शहद की हजारों किस्में पाई जाती हैं, लेकिन इनमें से कुछ ऐसी हैं जो अपने औषधीय गुणों और साइंटिफिक एविडेंस के चलते सबसे खास मानी जाती हैं. ये शहद न केवल गले की खराश या घाव भरने में मदद करते हैं, बल्कि पेट की समस्याओं, संक्रमण और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी कारगर हैं. आइए जानते हैं दुनिया की 5 सबसे प्रभावशाली हीलिंग हनी के बारे में.
मैनुका हनी (Manuka Honey – न्यूजीलैंड)
मैनुका हनी न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों के मैनुका पेड़ (Leptospermum scoparium) के फूलों से मधुमक्खियों द्वारा तैयार किया जाता है. इसे न्यूजीलैंड के माओरी समुदाय की पारंपरिक चिकित्सा में मैनुका के पौधे और इसके रस का इस्तेमाल घावों के उपचार और गले की खराश में किया जाता रहा है.
कैसे निकाला जाता है?
इसे दूसरे शहद की तरह ही छत्ते से फ्रेम निकालकर सेंट्रीफ्यूज (centrifuge) मशीन में घुमाकर प्राप्त किया जाता है. असली मैनुका हनी की पहचान इसके ग्रेडिंग सिस्टम से होती है. जैसे UMF (Unique Manuka Factor) या MGO/NPA (Methylglyoxal/NPA). ये मापते हैं कि इसमें कितनी एंटीबैक्टीरियल शक्ति मौजूद है.
क्या मिलता है फायदा?
मैनुका हनी में हाईलेवल का MGO (methylglyoxal) और फेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. यह त्वचा संक्रमण, घावों की ड्रेसिंग, और गले की खराश में बहुत प्रभावी माना जाता है. वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि यह एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया पर भी असरदार है. हालांकि, इसका इस्तेमाल चिकित्सकीय सलाह के साथ करना चाहिए.
सिद्र (Sidr / Ziziphus) हनी (यमन, सऊदी अरब, दक्षिण एशिया)
सिद्र हनी सिद्र या बेर के पेड़ (Ziziphus spp.) के फूलों से मधुमक्खियों द्वारा तैयार किया जाता है. इसे यमन और सऊदी अरब में सोने के समान मूल्यवान माना जाता है. लोककथाओं में कहा गया है कि यह पाचन को सुधारने, कमजोरी दूर करने और शरीर को पुनर्जीवित करने में मदद करता है.
कैसे निकाला जाता है ?
यमन में इसे पारंपरिक तरीके से बहुत सीमित मात्रा में जंगलों से निकाला जाता है. आधुनिक रूप में भी इसे ठंडे तापमान पर फिल्टर किया जाता है ताकि इसके पोषक तत्व नष्ट न हों.
क्या मिलता है लाभ?
सिद्र हनी में फेनोलिक कंपाउंड और फ्लेवोनॉइड्स प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसमें मजबूत एंटीऑक्सीडेंट क्षमता होती है और यह पाचन तंत्र तथा श्वसन संबंधी समस्याओं में उपयोगी माना जाता है. प्रयोगशाला परीक्षणों में पाया गया है कि इसमें शक्तिशाली एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, हालांकि इसका चिकित्सकीय उपयोग डॉक्टर की सलाह से ही होना चाहिए.
तुअलांग हनी (Tualang Honey – मलेशिया / दक्षिण-पूर्व एशिया)
तुअलांग हनी मलेशिया के घने वर्षा वनों में पाए जाने वाले ऊंचे तुअलांग पेड़ों (Koompassia excelsa) में जंगली मधुमक्खियों द्वारा बनाया जाता है. स्थानीय आदिवासी समुदाय सदियों से इसे घाव भरने और शरीर की शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग करते आए हैं.
कैसे निकाला जाता है?
मधुमक्खियों के छत्ते पेड़ों की ऊंची डालियों या दरारों से निकाले जाते हैं. इस हनी को कम से कम प्रोसेसिंग के साथ फिल्टर किया जाता है ताकि इसके बायो-एक्टिव यौगिक सुरक्षित रहें.
क्या मिलता है लाभ?
तुअलांग हनी में फेनोलिक, फ्लेवोनॉइड्स और कई तरह के एंजाइम व मिनरल पाए जाते हैं. यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है. कुछ रिसर्च में इसे कैंसर-रोधी प्रभावों से भी जोड़ा गया है, लेकिन अभी इसके लिए और अध्ययन जरूरी हैं.
बकव्हीट हनी (Buckwheat Honey – उत्तर अमेरिका, यूरोप)
बकव्हीट पौधे के फूलों से बनने वाला यह शहद ठंडे इलाकों जैसे अमेरिका और यूरोप में तैयार होता है. पारंपरिक रूप से इसे खांसी, सर्दी और गले की परेशानी में घरेलू नुस्खे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
कैसे निकाला जाता है?
इसे सामान्य सेंट्रीफ्यूज तकनीक से तैयार किया जाता है और अक्सर रॉ हनी के रूप में बेचा जाता है ताकि इसके एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षित रहें.
क्या मिलता है लाभ?
बकव्हीट हनी का रंग गहरा और स्वाद तीखा होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा दूसरे शहद की तुलना में कहीं अधिक होती है. वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि यह बच्चों में रात के समय खांसी को कम करने और नींद सुधारने में मदद कर सकता है. यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है.
थाइम हनी (Thyme Honey – ग्रीस, क्रीट, सिसिली, मोरक्को)
थाइम हनी जंगली थाइम (Thymus spp.) के फूलों से बनता है और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों जैसे ग्रीस और सिसिली में अत्यंत लोकप्रिय है. पारंपरिक रूप से इसे गले की खराश, खांसी और घावों के उपचार में उपयोग किया जाता रहा है.
कैसे निकाला जाता है?
पर्वतीय क्षेत्रों में थाइम के फूलों से मधुमक्खियां रस इकट्ठा करती हैं. कारीगर इसे कम प्रोसेस करते हैं ताकि इसके सुगंधित और औषधीय तत्व जैसे थाइमोल और कार्वाक्रोल सुरक्षित रहें.
क्या मिलता है लाभ?
थाइम हनी में थाइम ऑयल के समान तत्व होते हैं, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रखते हैं. इसमें हाइड्रोजन पेरॉक्साइड भी पाया जाता है जो घावों को साफ करने में मदद करता है. कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि इसकी एंटीबैक्टीरियल क्षमता मैनुका हनी के बराबर हो सकती है.
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