धान खरीद में 53% की भारी गिरावट! जानें क्यों संकट में हैं पंजाब और हरियाणा के किसान
इस साल खरीफ सीजन में धान की खरीद में भारी गिरावट देखी गई है, जिससे किसानों के लिए संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जानिए किन कारणों से यह समस्या बढ़ रही है..

हरियाणा और पंजाब में लाखों टन धान की खरीद पर संकट आ गया है. राज्य में एक अक्टूबर से सरकारी खरीद शुरू हो गई है बावजूद इसके धान की बिक्री में गिरावट देखी गई है. ऐसे में दोनों राज्यों के किसानों पर मुसीबत के बादल छाये हुए हैं.
पिछले साल के ज्यादा चावल स्टॉक के कारण पंजाब और हरियाणा में इस बार के खरीफ विपणन सीजन (2024-25) में धान की खरीद में भारी गिरावट आई है. साल 2024 में अबतक भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य सरकार की एजेंसियों ने पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु के किसानों से 40 लाख टन धान की खरीद की है. यह आंकड़ा पिछले साल (2023-24) के इस अवधि से 39% कम है. सरकार ने पिछले साल राज्यों से 65.2 लाख टन धान की खरीद की थी.
पंजाब और हरियाणा में खरीद में भारी गिरावट
धान की सबसे ज्यादा आपूर्ति करने वाले राज्य पंजाब में अब तक केवल 11.5 लाख टन धान की खरीद हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 24.8 लाख टन धान की खरीद हो चुकी थी. यह 53% की भारी गिरावट को दर्शाता है. वहीं हरियाणा में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अब तक 24.8 लाख टन धान खरीदा गया है जोकि पिछले साल की तुलना में 53% कम है.इसका मतलब यह है कि इस साल किसान पिछले साल के मुकाबले काफी कम मात्रा में धान MSP पर बेच पाए हैं
हरियाणा में इस बार MSP पर धान की खरीद में यह गिरावट तब आई है जब राज्य में धान की कुल आवक (बाजार में किसानों द्वारा बेची गई धान की मात्रा) 2.93 मिलियन टन रही, जबकि पंजाब में 1.36 मिलियन टन धान मंडियों में पहुंचा.हालांकि नवंबर के अंत तक पंजाब से 185 लाख टन और हरियाणा से 59.7 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है.
खरीद में तेजी आने की उम्मीद
हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के बीच बैठक के बाद खाद्य मंत्रालय द्वारा भंडारण सुविधाओं के निर्माण पर सहमति जताई गई है. अधिकारियों के अनुसार, आने वाले हफ्तों में खरीद की गति में तेजी आ सकती है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के हवाले से अधिकारियों ने कहा कि खरीद में मंदी का कारण भंडारण की समस्या और आढ़तियों द्वारा शुल्क में संशोधन की मांग है. इस बार एजेंसियों का लक्ष्य 72.23 लाख टन धान (48.51 लाख टन चावल के बराबर) की खरीद है, जिसमें खरीफ सीजन का 80% धान शामिल होगा.
अन्य राज्यों में भी खरीद शुरू
तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी धान की खरीद शुरू हो चुकी है. अगले महीने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भी खरीद शुरू होगी और यह मार्च तक चलेगी.
उत्तर भारत में आने वाले 4 से 6 हफ्तों में धान की आवक बढ़ने की संभावना है. इस साल मानसून के बेहतर रहने और अधिक धान की बुवाई होने के कारण फसल की स्थिति उत्साहजनक बनी हुई है.
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