क्या इस बार अपने टारगेट से पीछे रह जाएगा पंजाब, इस दिन से बंद हो रही है धान की खरीद
इस साल पंजाब में धान के रकबे में बढ़ोतरी हुई है. साल 2023 में पंजाब के किसानों ने 31.87 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई की थी. लेकिन इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसमें से 6.4 लाख हेक्टेयर बासमती के अंतर्गत था.
पंजाब इस साल 185 लाख मीट्रिक टन धान खरीद के अपने लक्ष्य को पूरा करने से चूक सकता है, क्योंकि चालू सीजन 30 नवंबर को बंद होने वाला है. जबकि कृषि विभाग ने इस बार धान की पैदावार में कमी के दावों को खारिज किया है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इस सीजन में कुल खरीद करीब 175 लाख मीट्रिक टन रहने की संभावना है, जो लक्ष्य 185 लाख मीट्रिक टन से कम है. हालांकि, इस साल राज्य में धान के रकबे में बढ़ोतरी हुई है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 184.93 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी, जबकि लक्ष्य 182 लाख मीट्रिक टन का था, जो 2022 के दौरान 182.96 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद पर आधारित था. पंजाब के कृषि निदेशक डॉ. जसवंत सिंह ने इस बार धान की कम पैदावार के दावों को खारिज कर दिया. हालांकि, इस बार प्रदेश में कुल धान की पैदावार करीब 223 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है.
172 लाख टन धान की हुई आवक
ऐसे पंजाब में धान की खरीद आधिकारिक तौर पर 30 नवंबर को समाप्त होगी. यह संभावना नहीं है कि लक्ष्य दो दिनों में पूरा हो जाएगा, क्योंकि गुरुवार को आवक पहले ही बुधवार के 66,504 मीट्रिक टन से घटकर 42,594 मीट्रिक टन हो गई थी. पिछले सीजन के दौरान आवक के आधार पर, केंद्र ने खरीफ विपणन सीजन के लिए 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा था. हालांकि, गुरुवार तक मंडियों में 172.54 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी थी, जिसमें से 171 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी थी.
उपज में नमी की मात्रा अधिक हो गई
कृषि विभाग के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा कि इस बार सभी हितधारकों के लिए यह कठिन धान का मौसम रहा है. ताजा स्टॉक के लिए जगह की कमी के कारण उन्हें नुकसान होने के डर से, चावल मिलर्स ने कई दिनों तक धान का स्टॉक स्वीकार नहीं किया. क्योंकि इससे मंडियों में अतिभार जैसी स्थिति पैदा हो गई. किसानों ने धान की कटाई में देरी की और इससे कुछ स्थानों पर उपज में नमी की मात्रा अधिक हो गई. भले ही आढ़ती, मंडी मजदूर और चावल मिलर्स अंत में साथ आए, लेकिन व्यवधानों ने सीजन के शुरुआती हफ्तों में धान खरीद की लय बिगाड़ दी.
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इन जिलों में नहीं हुई कोई खरीद
अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला, पठानकोट, मोहाली, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का और रोपड़ जिले में गुरुवार को आवक शून्य हो गई थी. दिन के दौरान 15 जिलों में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा कोई खरीद नहीं की गई थी. पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने मंगलवार को दावा किया था कि कृषि विभाग द्वारा किए गए फसल-कटाई प्रयोगों के परिणामों के अनुसार, इस सीजन में राज्य में प्रति हेक्टेयर औसत धान की पैदावार में 1.4 क्विंटल की वृद्धि देखी गई है. ग्रेड ‘ए’ धान के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय 2,320 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर धान खरीदा जा रहा है. पंजाब के किसानों से सुचारू खरीद के लिए पूरे राज्य में कुल 2,927 नामित मंडियां और अस्थायी यार्ड चालू हैं.
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