PM Kisan Samman Nidhi: किसानों के लिए सरकार का सख्त संदेश, गलत जानकारी देने वालों पर अब नहीं चलेगी ढील

केंद्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लेकर चल रही अफवाहों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया है कि लाखों किसानों ने गलत तरीके से योजना का लाभ लिया था. अब तक 35 लाख से अधिक किसानों के नाम लाभार्थी सूची से हटा दिए गए हैं. सरकार ने कहा कि इन नामों की फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद पात्र किसानों को दोबारा शामिल किया जाएगा.

पीएम किसान सम्मान योजना Image Credit: GettyImages

PM Kisan Samman Nidhi: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लेकर चल रही अफवाहों पर विराम लगाते हुए बड़ा बयान जारी किया है. हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर इस योजना से जुड़ी कई भ्रामक खबरें फैल रही थीं. इन्हीं को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक अहम नोटिस जारी कर किसानों को सचेत किया है. सरकार ने साफ कहा है कि लाखों किसानों ने योजना के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए गलत तरीके से रजिस्ट्रेशन कराया था, जिन्हें अब चिन्हित कर लिया गया है.

लाखों संदिग्ध आवेदन आए सामने

केंद्र सरकार के मुताबिक, देशभर में कई किसानों ने ऐसे आवेदन किए जो योजना की पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करते थे. जांच में पाया गया कि 1 फरवरी 2019 के बाद जमीन खरीदने वाले किसान या उनके परिवार के सदस्य योजना का लाभ ले रहे थे. कई मामलों में एक ही परिवार के पति-पत्नी, बड़े सदस्य और यहां तक कि नाबालिग बच्चे तक लाभार्थी सूची में शामिल पाए गए. सरकार ने इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि ऐसे सभी नाम अयोग्य घोषित किए जा रहे हैं, ताकि योजना का लाभ केवल पात्र किसानों तक ही पहुंचे.

हटाए गए नाम अस्थायी रूप से निष्क्रिय

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन किसानों के नाम लाभार्थी सूची से हटाए गए हैं, उन्हें स्थायी रूप से नहीं हटाया गया है. इन किसानों की फिजिकल वेरिफिकेशन की जाएगी. जांच पूरी होने के बाद जो किसान पात्र पाए जाएंगे, उनके नाम दोबारा सूची में जोड़े जाएंगे. इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिले जो सच में इसके हकदार हैं.

किसानों के लिए नई गाइडलाइन

सरकार ने किसानों से कहा है कि वे अपनी स्थिति तुरंत जांचें और यह सुनिश्चित करें कि उनका नाम पीएम किसान लाभार्थी सूची में मौजूद है या नहीं. इसके लिए किसान-

  • आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in पर जाकर “Eligibility Status” सेक्शन में अपनी पात्रता जांच सकते हैं.
  • “Know Your Status (KYS)” ऑप्शन के जरिए यह भी देख सकते हैं कि उनका नाम सूची में है या हटाया जा चुका है.
  • यह जानकारी PM Kisan Mobile App या Kisan Mitra Chatbot के जरिए भी प्राप्त की जा सकती है.

अब तक 35 लाख से ज्यादा नाम हटे

सरकार के डेटा क्लीनअप ड्राइव के तहत अब तक 35,44,213 किसानों के नाम लाभार्थी सूची से हटाए जा चुके हैं. सरकार ने इन किसानों को सलाह दी है कि वे तुरंत अपनी पात्रता की जांच करें और यदि वे योग्य हैं, तो जरूरी दस्तावेजों के साथ पुनः आवेदन यानी रिअप्लाई करें. यह प्रक्रिया किसान अपने मोबाइल फोन या मीसेवा केंद्रों के जरिए पूरी कर सकते हैं.

21वीं किस्त पर संशय बरकरार

फिलहाल सरकार ने 21वीं किस्त की राशि जारी नहीं की है और न ही इसकी कोई आधिकारिक तारीख घोषित की है. सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में दावा किया जा रहा है कि सहायता राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये किया जा सकता है, लेकिन सरकार ने इन दावों को न तो स्वीकार किया है और न ही खारिज किया है. अधिकारियों का कहना है कि अभी प्राथमिकता लाभार्थी सूची की सफाई और सत्यापन पर है. अगली किस्त का वितरण तभी किया जाएगा, जब अपात्र लाभार्थियों को पूरी तरह हटाकर पात्र किसानों की पुष्टि हो जाएगी.

50 लाख किसान हो सकते हैं अयोग्य घोषित

शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, करीब 50 लाख किसानों को अंततः अयोग्य घोषित किया जा सकता है. इससे योजना का आर्थिक बोझ घटेगा और सहायता राशि केवल वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचेगी. वर्तमान में करीब 10 करोड़ किसान देशभर में इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रहे हैं. इससे इतर, सरकार ने किसानों को आगाह किया है कि वे 21वीं किस्त जारी होने तक सतर्क रहें और समय-समय पर यह जांचते रहें कि उनका नाम सूची में बना हुआ है या नहीं. अगर किसी पात्र किसान का नाम गलती से हटा दिया गया है, तो वे तुरंत दोबारा आवेदन करें ताकि उनकी पात्रता फिर से बहाल हो सके और भुगतान में देरी न हो.

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