जल्द सस्ती होंगी दालें, मूंग के उत्पादन में 18 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद; जानें अरहर की कैसी रहेगी पैदावार
दिसंबर 2023 से मई 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था. उसके बाद निर्यात शुल्क में धीरे-धीरे ढील दी गई. मंत्रालय ने कहा कि इसके चलते सितंबर में मासिक प्याज निर्यात मात्रा 72,000 टन से बढ़कर दिसंबर 2024 में 168,000 टन हो गई.
इस साल दाल और प्याज की अच्छी पैदावार होगी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने फसल सीजन 2024-25 के लिए दालों और प्याज के उत्पादन में वृद्धि का अनुमान लगाया है. अरहर का उत्पादन 3.5 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 3.4 मिलियन टन से 3 फीसदी अधिक है. साथ ही खरीफ मूंग का उत्पादन 18 फीसदी बढ़कर 1.3 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल 1.1 मिलियन टन था. वहीं, सरकार को उम्मीद है पैदावार में बढ़ोतरी होने से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें स्थिर रहेंगी.
मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस बार देरी से भी खरीफ प्याज की बुवाई हुई. इससे खरीफ प्याज के उत्पादन के अनुमानों में सुधार हुआ है. कृषि और किसान कल्याण विभाग ने चालू विपणन सत्र के लिए अरहर की खरीद को मंजूरी दे दी है. इसी तरह, अनुकूल मिट्टी की नमी और बुवाई की स्थिति की मदद से चना और मसूर के उत्पादन में सुधार होने की उम्मीद है.
औसत खुदरा महंगाई 4.95 फीसदी रही
2024 के लिए वार्षिक औसत खुदरा महंगाई 4.95 फीसदी रही, जो 2022 के 6.69 फीसदी और 2023 के 5.65 फीसदी से कम है. साल 2022-23 और 2023-24 में अल नीनो की घटना ने दाल उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला, जिसके चलते प्रमुख उत्पादक राज्यों में अनियमित मॉनसून के कारण तुअर, चना और उड़द की औसत से कम पैदावार हुई. इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, सरकार ने उपभोक्ताओं और किसानों के हितों की रक्षा करते हुए कीमतों को स्थिर करने के लिए सक्रिय उपाय लागू किए.
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MSP पर 100 फीसदी खरीद की गारंटी
दाल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए, तुअर, उड़द और मसूर के लिए मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत खरीद की सीमा हटा दी गई, जिससे 2024-25 के दौरान MSP पर 100 फीसदी खरीद की गारंटी मिली. एनसीसीएफ और नैफेड के सहयोग से किसानों को सुनिश्चित खरीद के लिए पहले से पंजीकृत किया गया था, जिसने नए दलहन उत्पादक क्षेत्रों में बीज वितरण और जागरूकता कार्यक्रमों की सुविधा भी प्रदान की.
दलहन का शुल्क मुक्त आयात
मंत्रालय ने कहा कि घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए अरहर, उड़द, मसूर और चना के शुल्क मुक्त आयात को बढ़ाया गया, जबकि चना, मूंग और मसूर जैसी दालों को भारत ब्रांड के तहत सस्ती दरों पर बेचा गया. इन हस्तक्षेपों ने जनवरी 2024 में सीपीआई दालों की महंगई दर को 19.54 फीसदी से घटाकर दिसंबर 2024 में 3.83 फीसदी कर दिया.
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