Mercedes और Audi का मेंटनेस खर्च जानते हैं आप ? जेब पर इतना भारी कि अनुराग कश्यप ने जोड़ लिए हाथ
भारत में लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियां खरीदने में लाखों रुपये खर्च करने से नहीं हिचकते. जब ये महंगी गाड़ियां जैसे Audi और Mercedes-Benz खराब हो जाती हैं, तब असली मुश्किल शुरू होती है. रिपेयर और मेंटेनेंस का खर्च बहुत ज्यादा होता है. ऐसे में आइए अब जानते हैं कि आखिर Audi और Mercedes जैसी लक्जरी कारों की रिपेयर और सर्विस पर कितना खर्च आता है और कहां करवाना फायदेमंद रहता है.
Mercedes and Audi Repair Costs: भारत में लग्जरी कारों का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियां खरीदने में लाखों रुपये खर्च करने से नहीं हिचकते. लेकिन जब ये महंगी गाड़ियां जैसे Audi और Mercedes-Benz खराब हो जाती हैं, तब असली मुश्किल शुरू होती है. रिपेयर और मेंटेनेंस का खर्च बहुत ज्यादा होता है. हाल ही में फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी के लिए Mahindra कार खरीदी क्योंकि उन्हें Audi या Mercedes जैसी लग्जरी कारों पर इतना पैसा खर्च करना फिजूल लगता है.
अनुराग कश्यप ने कहा कि उनके दोस्तों की Audi और Mercedes बारिश या बाढ़ में बंद हो जाती हैं और उनकी मरम्मत में जितना खर्च आता है, उतने में एक नई Mahindra खरीदी जा सकती है. ऐसे में आइए अब जानते हैं कि आखिर Audi और Mercedes जैसी लग्जरी कारों की रिपेयर और सर्विस पर कितना खर्च आता है और कहां करवाना फायदेमंद रहता है.
Mercedes-Benz की मेंटेनेंस में कितना आता है खर्च
Cars 24 के मुताबिक Mercedes-Benz की बात करें तो यह कंपनी भारत में कोई फ्री सर्विस नहीं देती. इसका बेसिक सर्विस पैकेज करीब 40000 रुपये से शुरू होता है और अगर आप E-Class जैसी कार लेते हैं तो दो साल का सर्विस पैकेज लगभग 64700 रुपये तक का होता है. पहले साल में सर्विस का खर्च 45000 से 60000 रुपये तक आता है, दूसरे साल में यह 60000 रुपये से 75000 रुपये तक पहुंच जाता है. तीसरे साल के बाद खर्च बढ़कर 80000 से 1 लाख रुपये सालाना तक हो सकता है. चौथे और पांचवें साल में यह 1 लाख से 1.2 लाख रुपये तक जाता है और छठे साल तक यह 1.5 लाख रुपये तक पहुंच सकता है.
Mercedes की सबसे बड़ी दिक्कत मेंटेनेंस के भारी खर्च में है. टायर बदलवाने में 80000 से 1 लाख रुपये तक लग जाते हैं, बैटरी 30000 से 40000 रुपये तक की आती है, और सस्पेंशन पार्ट्स बदलने में 20000 से 35000 रुपये तक का खर्च आता है. अगर आपकी गाड़ी में एयर सस्पेंशन है, तो सिर्फ एक यूनिट बदलवाने में 1.3 से 1.8 लाख रुपये तक लग सकते हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक दिक्कतें, जैसे सेंसर, स्क्रीन या कैमरा फेल होना, इनकी मरम्मत में 10000 से 60000 रुपये तक खर्च होता है. इंजन या गियरबॉक्स की बड़ी खराबी आने पर 40000 से 1.2 रुपये लाख तक का बिल बन सकता है.
Audi की मेंटेनेंस में कितना आता है खर्च
अब अगर Audi A4 की बात करें तो इसकी कीमत 45 से 55 लाख रुपये के बीच है, लेकिन इसकी मेंटेनेंस ही इसकी असली चुनौती होती है. इस कार की रूटीन सर्विस, जैसे ऑयल और फिल्टर बदलवाना, सालाना 20000 से 30000 रुपये तक का खर्च लेता है. ब्रेक पैड या वाइपर बदलने में 15000 से 20000 रुपये तक खर्च आता है और बैटरी बदलवाने में 20000 से 28000 रुपये तक का खर्च आता है. हर तीन साल में बड़ी सर्विस की जरूरत होती है, जिसमें 40000 से 60000 रुपये तक का खर्च होता है. अगर टायर बदलवाने की बात करें तो एक सेट 60000 से 1 लाख रुपये तक का आता है.
सस्पेंशन रिपेयर पर 65000 से 90000 रुपये और गियरबॉक्स रिपेयर पर 1 लाख रुपये या उससे ज्यादा का खर्च आता है. कुल मिलाकर, Audi A4 की सालाना मेंटेनेंस लागत 35000 से 60000 रुपये होती है, लेकिन बड़ी खराबी आने पर यह 1.5 लाख तक जा सकती है. 6 साल तक इस्तेमाल के बाद इन गाड़ियों की रीसेल वैल्यू भी काफी गिरती है, लेकिन अगर कार की कंडीशन और सर्विस रिकॉर्ड अच्छे हों, तो नुकसान कम होता है. उदाहरण के लिए, 6 साल पुरानी Mercedes-Benz E-Class 22 से 28 लाख रुपये तक बिक सकती है. वहीं, 2020 के बाद की Audi A4 मॉडल्स सेकंड हैंड मार्केट में 28 से 35 लाख रुपये के बीच मिलती हैं.
| पैरामीटर | Mercedes-Benz | Audi A4 |
|---|---|---|
| नई कार की कीमत (2025) | ₹60–₹90 लाख (मॉडल के अनुसार) | ₹45–₹55 लाख |
| साल 1 का सर्विस खर्च | ₹45,000–₹60,000 | ₹20,000–₹30,000 |
| साल 2 का सर्विस खर्च | ₹60,000–₹75,000 | ₹25,000–₹35,000 |
| साल 3 का सर्विस खर्च | ₹80,000–₹1,00,000 | ₹35,000–₹50,000 |
| साल 4–5 का सर्विस खर्च | ₹1,00,000–₹1,20,000 | ₹50,000–₹70,000 |
| साल 6 का सर्विस खर्च | ₹1,15,000–₹1,50,000 | ₹60,000–₹90,000 |
| औसतन वार्षिक खर्च (3 साल बाद) | ₹1 लाख+ | ₹60,000+ |
| टायर बदलना (4 पीस) | ₹80,000–₹1,00,000 | ₹60,000–₹1,00,000 |
| बैटरी बदलना | ₹30,000–₹40,000 | ₹20,000–₹28,000 |
| ब्रेक पैड्स और डिस्क्स | ₹30,000–₹45,000 | ₹20,000–₹30,000 |
| सस्पेंशन रिपेयर | ₹20,000–₹35,000 (सामान्य), ₹1.3–₹1.8 लाख (एयर सस्पेंशन) | ₹65,000–₹90,000 |
| इलेक्ट्रॉनिक / सेंसर खराबी | ₹10,000–₹60,000 | ₹15,000–₹50,000 |
| इंजन या गियरबॉक्स रिपेयर | ₹40,000–₹1.2 लाख | ₹1–₹1.5 लाख |
| सालाना औसतन मेंटेनेंस खर्च | ₹80,000–₹1.5 लाख | ₹35,000–₹60,000 |
| 6 साल बाद रीसेल वैल्यू | ₹22–₹28 लाख (E-Class) | ₹28–₹35 लाख (2020+ मॉडल) |
रिपेयर के इन दो विकल्प पर डालें नजर
अगर आपकी Audi या Mercedes खराब हो जाए, तो रिपेयर के दो विकल्प होते हैं. पहला, कंपनी के ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर, जहां जेन्युइन पार्ट्स और एक्सपर्ट मैकेनिक मिलते हैं, लेकिन खर्च बहुत ज्यादा होता है. दूसरा विकल्प FNG (Friendly Neighbourhood Garage) है. यानी ऐसे स्थानीय गैराज जो जर्मन कारों की सर्विसिंग में एक्सपर्ट हों और जिनके पास खास डायग्नोसिस सिस्टम (जैसे ISTA या DAS) मौजूद हों. इन गैराजों में रिपेयर का खर्च 30–40 फीसदी तक कम हो सकता है. लग्जरी कार मालिक कुछ स्मार्ट कदम उठाकर काफी पैसा बचा सकते हैं. जैसे Mercedes के लिए 2 साल का StarEase पैकेज लेना, हर सर्विस का रिकॉर्ड अपडेट रखना, भरोसेमंद गैराज चुनना और समय-समय पर टायर और बैटरी बदलवाना.
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