इस एक्सप्रेसवे पर 1 साल में कटा 27.76 लाख ई-चालान, लगा ₹470 करोड़ का जुर्माना; लेकिन वसूली सिर्फ इतनी

जुलाई 2024 से जुलाई 2025 के बीच मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर 27.76 लाख ई-चालान जारी हुए, जिनकी कुल रकम 470 करोड़ रुपये है. सबसे ज्यादा ओवरस्पीडिंग के मामले कार चालकों के खिलाफ दर्ज हुए, लेकिन अब तक केवल 51 करोड़ रुपये की वसूली हो पाई है.

ई-चालान Image Credit: @Canva/Money9live

Mumbai Pune Expressway E Challans: महाराष्ट्र परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2024 से लेकर जुलाई 2025 तक मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ 27.76 लाख ई-चालान जारी किए गए. इन चालानों की कुल रकम करीब 470 करोड़ रुपये है, लेकिन हैरानी की बात है कि अब तक सिर्फ 51 करोड़ रुपये ही वसूले जा सके हैं.

सबसे ज्यादा ओवरस्पीडिंग के मामले

95 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे पर सबसे ज्यादा चालान कार चालकों के खिलाफ बने हैं. कारों के लिए 17.20 लाख से ज्यादा ई-चालान जारी हुए. इसके बाद भारी मालवाहक वाहनों (हैवी गुड्स व्हीकल्स) के 3.27 लाख, बस जैसे भारी यात्री वाहनों के 2.48 लाख, टैक्सियों के 2 लाख, और हल्के मालवाहक वाहनों के 1.2 लाख चालान बने. इसके अलावा, मीडियम गुड्स व्हीकल्स को 85,468, आर्टिकुलेटेड हैवी गुड्स व्हीकल्स को 30,450 और मीडियम पैसेंजर बसों को 14,764 ई-चालान जारी किए गए.

ITMS से पकड़ में आए नियम तोड़ने वाले

इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) को सड़क सुरक्षा बढ़ाने और हादसे कम करने के लिए जुलाई 2024 में शुरू किया गया. इसमें हाई-रेजोल्यूशन कैमरे और एआई-बेस्ड डिटेक्शन टूल्स लगाए गए हैं, जो नियम तोड़ने वालों की पहचान करते हैं. इसके तहत महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (MSRTC) ने एक्सप्रेसवे पर 40 गैंट्री और सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इस प्रोजेक्ट पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुआ है, जिसमें 45 करोड़ रुपये रोड सेफ्टी फंड से दिए गए.

कैसे प्रोसेस होता है चालान?

ITMS के जरिए जब भी कोई वाहन नियम तोड़ता है, तो उसकी तस्वीर और वीडियो के आधार पर एक रिपोर्ट बनती है. यह रिपोर्ट कमांड कंट्रोल सेंटर में ऑपरेटर के जरिये जांची जाती है और फिर RTO अधिकारी चालान को मंजूरी देते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ओवरस्पीडिंग के सबसे ज्यादा चालान 10 किलोमीटर लंबे खंडाला घाट सेक्शन में बने हैं. ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि इस हिस्से में स्पीड लिमिट बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि मौजूदा सीमा बहुत कम है और चालान ज्यादा बन रहे हैं.

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